Domicile policy not implemented, candidates demand 90% reservation for Biharis | 7 हजार दिव्‍यांग टीचर्स भर्ती में डोमिसाइल नियम नहीं: बिहार में 44 शिक्षक स्‍थानीय, 121 दूसरे राज्‍यों के; 2023 से जारी हैं विरोध प्रदर्शन


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26 मिनट पहले

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बिहार में टीचरों की नियुक्ति के लिए डोमिसाइल पॉलिसी लागू नहीं होगी। ये जानकारी राज्य शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने दी। इसी के साथ उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने BPSC को 7,000 दिव्यांग स्कूल टीचरों की भर्ती करने के लिए कह दिया है। जल्द ही इसका नोटिफिकेशन भी जारी किया जाएगा।

सुनील कुमार, राज्य शिक्षा मंत्री, बिहार।

सुनील कुमार, राज्य शिक्षा मंत्री, बिहार।

क्वेश्चन आवर में दी जानकारी

क्वेश्चन आवर के दौरान मंगलवार को RJD MLA भाई बिरेंद्र ने इसे लेकर सवाल किया था। इसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि टीचरों की नियुक्ति में डोमिसाइल पॉलिसी लागू करने को लेकर राज्य सरकार की ओर से कोई प्रपोजल नहीं लाया गया। दूसरे राज्यों के सिर्फ 20-22% कैंडिडेट्स की यहां नौकरी पाते हैं। 80% तक नौकरियां बिहार के कैंडिडेट्स को ही मिलती हैं।

मानेर MLA ने दिव्यांग कैंडिडेट्स का मुद्दा उठाया

बिहार के मानेर के MLA भाई बिरेंद्र ने दिव्यांग टीचर्स की नियुक्ति को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि बिहार के सिर्फ 44 जबकि दूसरे राज्यों के 121 दिव्यांग कैंडिडेट्स को बिहार में नौकरी दी गई। ये सरकार की पॉलिसी के खिलाफ है।

इसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया। दिव्यांग टीचर्स की नियुक्ति का मामला आम से थोड़ा अलग है।

साल 2023 में CM नितीश कुमार की सरकार ने टीचरों की नियुक्ति से डोमिसाइल पॉलिसी को हटा दिया था। उस समय के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि वो फैसला इसलिए लिया गया था क्योंकि सरकार को क्वालिफाइड टीचर्स नहीं मिल रहे थे। खासतौर पर मैथ्स और साइंस जैसे विषयों के लिए।

‘90% सीटें रिजर्व करे सरकार’

स्टूडेंट्स सरकार के इस फैसले के खिलाफ हैं। बिहार युवा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिपांकर गौरव ने कहा कि सरकार को शिक्षक भर्ती में 90% सीटें राज्य के कैंडिडेट्स के लिए रिजर्व करनी चाहिए और बाहरी कैंडिडेट्स के लिए केवल 10% सीटें छोड़नी चाहिए।

दिपांकर ने बताया कि बिहारी छात्र पड़ोसी राज्यों जैसे उत्तर-प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों की शिक्षक भर्ती में हिस्सा नहीं ले सकता क्योंकि वहां डोमिसाइल पॉलिसी लागू है। लेकिन बाकी राज्यों के कैंडिडेट्स बिहार की शिक्षक भर्ती में हिस्सा लेते हैं। इससे प्रदेश के छात्र बेरोजगार रह जाते हैं।

डोमिसाइल पॉलिसी लागू करने की मांग को लेकर बिहार में पहले भी प्रदर्शन हो चुके हैं।

डोमिसाइल पॉलिसी लागू करने की मांग को लेकर बिहार में पहले भी प्रदर्शन हो चुके हैं।

2023 और 2024 में हो चुके हैं प्रोटेस्ट

डोमिसाइल पॉलिसी का विवाद नया नहीं है। पिछले कई सालों से कैंडिडेट्स इसे लागू करने की मांग कर रहे हैं। यही वजह है कि कुछ ही दिन पहले RJD नेता तेजस्वी यादव स्टूडेंट्स से 100% डोमिसाइल पॉलिसी लागू करने का वादा कर चुके हैं। यादव ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो बिहार सरकार की नौकरियों में बिहारियों को ही पहला मौका दिया जाएगा।

डोमिसाइल पॉलिसी लागू करने की मांग को लेकर 2023 में कैंडिडेट्स ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान पुलिस ने उनपर बल का प्रयोग भी किया था।

डोमिसाइल पॉलिसी लागू करने की मांग को लेकर 2023 में कैंडिडेट्स ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान पुलिस ने उनपर बल का प्रयोग भी किया था।

जून 2024 में डोमिसाइल नीति लागू करने के लिए कैंडिडेट्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कैंपेन शुरू किया था। डेढ लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स इसे लेकर ट्वीट किया था और ये मुद्दा ट्रेंड कराया था।

इससे पहले जुलाई 2023 में इसे लेकर पटना में एक बड़ा प्रोटेस्ट भी हो चुका है। कैंडिडेट्स ने चक्का जाम किया। इसके बाद स्थिती बेकाबू होने पर पुलिस ने इनपर लाठीचार्ज भी किया था।

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