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हरियाणा में फरीदाबाद के अनंगपुर गांव में हो रही तोड़-फोड़ का मुद्दा अब केन्द्र सरकार के पाले में चला गया है। हरियाणा सरकार Central Empowered Committee (केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति) के समक्ष ग्रामीणों का पक्ष रखेगी। जिसके बाद कमेटी सुप्रीम कोर्ट को सभ
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सीएम ने कहा कि सरकार मजबूती के साथ सभी बिंदुओं पर कमेटी के साथ बात करेगी। सीएम ने कहा कि गांव में अब कोई कार्रवाई नहीं होगी। केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर सहित कई विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम सैनी से इस मुद्दे को लेकर गुरुग्राम में मुलाकात की।
मंत्री गुर्जर सहित विधायकों ने की मुलाकात हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी का आज गुरुग्राम के दौरे पर आए। जहां उन्होंने अधिकारियों के साथ और विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया। पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, पूर्व मंत्री एवं बल्लभगढ़ से विधायक मूलचंद शर्मा, एनआईटी फरीदाबाद से विधायक सतीश फागना, बड़खल से विधायक धनेश अदलखा और अनंगपुर गांव के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से मुलाकात की।
मुलाकात में गांव अनंगपुर में होने वाली तोड़-फोड़ को लेकर सीएम के सामने बात रखी गई। मंत्री और विधायकों ने कहा कि गांव अनंगपुर हजारों साल पुराना गांव है ऐसे में अगर गांव में तोड़-फोड़ होती है तो लोगों को भारी नुकसान होगा। गांव के लोग पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे हुए है।

गुरुग्राम के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में सीएम से मिलता विधायकों का प्रतिनिधिमंडल।
CEC कमेटी सुप्रीम कोर्ट में रखेगी पक्ष सीएम ने केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और उनके साथ गुरुग्राम पहुंचे विधायकों के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन देते हुए कहा कि गांव मे अब कोई कार्रवाई नहीं होगी। सरकार CEC कमेटी के सामने उनकी तरफ से बात को रखेगी और कमेटी सुप्रीम कोर्ट में सभी जानकारियों को रख अनुरोध करेगी। सीएम ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट का आदर करते है।
सीएम ने कहा कि अब आगे गरीब परिवारों के घर है और पर्यावरण को भी सही रखना है। सीएम ने कहा कि गांव आज का बसा नहीं है पिछले सैकड़ों सालों से गांव बसा हुआ है। सरकार CEC कमेटी के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट से अपील करेंगे कि गांव को लेकर विचार किया जाए। सीएम ने कहा कि आगे सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा सरकार उसके दायरे में काम करेगी।
तोड़-फोड़ के विरोध में हुई पंचायत
गांव अनंगपुर मे कई मकानों पर की गई कार्रवाई को लेकर गांव के लोगों ने 13 जुलाई को एक महापंचायत की थी, जिसमें सरकार को 30 दिन का समय देकर कानून में संशोधन करें और तुरंत प्रभाव से अध्यादेश लाने की मांग रखी गई थी।
इसके अलावा लोगों ने मांग की थी कि सरकार उन मकानों का मुआवजा राशि दे, जो वन विभाग की टीम ने तोड़ दिए है। गांव की 4500 एकड़ के रकबे में से 2000 एकड़ वन विभाग अपने हिस्से में ले और 500 एकड़ जमीन गांव के इस्तेमाल के लिए छोड़ी जाए।
अब तक टूटे 200 निमार्ण लगभग 20 दिनों से अरावली पर्वत श्रृंखला में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वन विभाग और नगर निगम मिलकर अब तक 200 छोटे- बड़े निमार्ण को गिरा चुके है। वन विभाग ने नगर निगम फरीदाबाद की टीमों के साथ मिलकर यह कार्रवाई की है। लेकिन गांव अनंगपुर में भारी विरोध के बीच तोड़-फोड़ को रोकना पड़ गया।
6 हजार से अधिक अवैध निमार्ण टूटेंगे वन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, अरावली पर्वत श्रृंखला में 6 हजार अवैध निमार्ण को चिह्नित किया गया है। इन निमार्ण में मकान से लेकर फॉर्म हाउस तक शामिल है। अरावली पर्वत श्रृंखला में आनंगपुर, आंखिर, लकड़पुर और मेवला महाराजपुर गांव में सबसे अधिक अवैध निर्माण किए गए हैं।
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