हरियाणा में सरकार ने मंदिर कुर्क करने की चेतावनी दी है। इस बारे में फरीदाबाद नगर निगम ने 7 दिन का टाइम दिया है। यह मामला प्रॉपर्टी टैक्स न जमा कराने से जुड़ा हुआ है। नगर निगम ने मंदिर को 1.36 लाख रुपए का टैक्स जमा कराने को कहा है।
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नगर की ओर से यह नोटिस मिलने के बाद मंदिर समिति के पदाधिकारी चिंता में है। समिति पदाधिकारियों के अनुसार दो माह पहले भी नोटिस भेजा गया था, जिसे रद्द करा दिया गया था।
उनका कहना है कि मंदिर को प्रॉपर्टी टैक्स से छूट है। इसके बावजूद अब एक बार फिर नोटिस भेजकर परेशान किया जा रहा है।

इसी मंदिर को सरकार की तरफ से नोटिस भेजा गया है।
यहां सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला…
- बल्लभगढ़ के मंदिर को भेजा गया नोटिस: यह मामला बल्लभगढ़ के मोहना मार्ग स्थित उदासीन आश्रम के मंदिर का है। मंदिर संचालन समिति के संचालक राजेंद्र बरेजा ने बताया कि फरीदाबाद नगर निगम की ओर से नोटिस मिला है। इस नोटिस के ऊपर साबुन कॉलोनी लिखा हुआ है, लेकिन ऑनलाइन फोटो मंदिर की लगाई हुई है। नोटिस में 1.36 लाख रुपए का बकाया दर्शाते हुए 7 दिन में जमा करने के लिए कहा गया है।
- बकाया के साथ-साथ सरचार्ज भी लगाया: समिति के संचालक राजेंद्र बरेजा ने बताया कि फरीदाबाद नगर निगम की ओर से जो नोटिस मिला है, उसमें लिखा है कि प्रॉपर्टी टैक्स के एक लाख 36 हजार 618 रुपए 31 मार्च 2024 तक जमा कराने थे। मगर, यह राशि निर्धारित समय सीमा पर जमा नहीं कराई गई। अब 7 दिन में इस राशि को सरचार्ज के साथ जमा कराना होगी। चेतावनी दी गई है कि यदि टैक्स जमा नहीं कराया तो संपत्ति कुर्क कर ली जाएगी।
- पहले भी भेजा गया था, समिति ने रद्द कराया: समिति संचालक राजेंद्र बरेजा ने आगे बताया कि नगर निगम ने एक बार पहले भी प्रॉपर्टी टैक्स का नोटिस दिया था। तब उसने इस नोटिस को अधिकारियों से मिल कर रद्द करा दिया था। उनका कहना है कि मंदिर किसी व्यक्ति की प्रॉपर्टी तो नहीं है। इसका टैक्स नहीं बनता। मगर, दूसरी बार नोटिस मिलने से मंदिर समिति परेशान है। उन्होंने जल्द इस मामले में निगम आयुक्त से मिलने का फैसला लिया है।
मंदिर को भेजी गई नोटिस की कॉपी…

निगम के संयुक्त आयुक्त बोले- अधिकारियों से बातचीत करेंगे उधर, इस मामले में फरीदाबाद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त करण सिंह भगोरिया का कहना है कि मंदिर को नोटिस जारी होने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। संभवत: कुछ गलती हुई होगी। वे इस मामले में अधिकारियों से बातचीत करेंगे। मंदिर पर कोई टैक्स नहीं बनता। यदि नोटिस भेजा गया है तो उसे निरस्त कर दिया जाएगा। मंदिर पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

मंदिर के महंत स्वामी कामेश्वर नंदन।
जो उदासीन साधु आश्रम मंदिर का संचालन कर रहा, उसके बारे में जानिए
- 250 साल पुराना है मंदिर का इतिहास: उदासीन साधु आश्रम की स्थापना 250 वर्ष पूर्व संत शिरोमणि सतगुरु नानू जी महाराज ने की थी। यह आश्रम धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इसका संबंध उदासीन पंचायती अखाड़ा से है। यहां पंच देवों – भगवान गणेश, माता दुर्गा, भगवान शिव, सूर्य देव, और भगवान विष्णु की विशेष आराधना की जाती है। उदासीन साधु आश्रम में हर शनिवार को सुंदरकांड का पाठ विशेष रूप से किया जाता है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति शनिवार को सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करेगा, शनि देव उसकी परेशानियों को दूर रखेंगे।
- आश्रम की धार्मिक रस्में: शनिवार के अलावा, रविवार और मंगलवार को भी आश्रम में सुंदरकांड का पाठ किया जाता है। इन दिनों विशेष आराधना और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है, जिसमें भक्तजन पूरे उत्साह से शामिल होते हैं। हर शाम 6:45 से 7:15 बजे तक भव्य आरती का आयोजन होता है, जिसके बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है। यह धार्मिक अनुष्ठान भक्तों के लिए एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव बनाता है।
- आध्यात्मिक धरोहर का संरक्षण: उदासीन साधु आश्रम न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी बल्लभगढ़ की पहचान का अभिन्न हिस्सा है। संत शिरोमणि सतगुरु नानू जी महाराज की आध्यात्मिक शिक्षाएं और दर्शन यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। आश्रम का ऐतिहासिक महत्व इसे बल्लभगढ़ की संस्कृति का प्रतीक बनाता है, और 250 साल से यह स्थान धार्मिक आस्था के साथ-साथ आध्यात्मिक यात्रा के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है।