Fauja Singh was the world’s oldest marathon runner | विश्व के सबसे उम्रदराज मैराथन रनर थे फौजा सिंह: पांच की उम्र तक चल नहीं पाते थे, 89 की उम्र में पूरी की पहली मैराथन; जानें पूरी प्रोफाइल


29 मिनट पहले

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दुनिया के सबसे उम्रदराज मैराथन रनर फौजा सिंह का सोमवार को निधन हो गया। उनकी उम्र 114 साल थी। पंजाब के जलंधर स्थित अपने गांव व्यास पिंड के नजदीक एक हाइवे पर वो टहल रहे थे जब एक ट्रक उन्हें टक्कर मारकर भाग गया।

इसके बाद उन्हें नजदीक के ही अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके उन्हें श्रद्धांजली दी। फौजा सिंह को उनके चाहने वाले ‘पगड़ी वाला तूफान’, ‘रनिंग बाबा’ और ‘सिख सुपरमैन’ कहते थे।

पांच साल की उम्र तक चल नहीं पाते थे

फौजा सिंह बचपन में शारीरिक रूप से काफी कमजोर थे। उनके पैर बहुत पतले थे और इसी वजह से आसपास के बच्चे उन्हें ‘डंडा’ कहकर चिढ़ाया करते थे। जब उन्होंने चलना शुरू किया तो भी कमजोर पैरों की वजह से वो लंबी दूरी तय नहीं कर पाते थे। हालांकि धीरे-धीरे वो दौड़ने लगे और अपने साथ खेलने वालों को आसानी से हरा दिया करते थे लेकिन भारत-पाक बंटवारे के बाद फौजा सिंह ने दौड़ना बंद कर दिया।

1992 में फौजा सिंह की पत्नी की मौत हो गई। इसी साल उनकी बेटी की भी डिलिवरी के दौरान मौत हो गई। अगस्त 1994 में सिंह के सबसे छोटे बेटे कुलदीप का एक एक्सीडेंट में निधन हो गया। अपनो को खोने से हुए दुख को हैंडल करने के लिए फौजा सिंह ने दोबारा दौड़ना शुरू किया। 1990 में वो अपने सबसे बड़े बेटे के पास रहने इंग्लैंड चले आए।

थ्री पीस सूट में ट्रेनिंग के लिए पहुंचे

89 साल की उम्र में इंग्लैंड में फौजा सिंह ने मैराथन की ट्रेनिंग लेना शुरू किया। उनके कोच ने बताया कि ट्रेनिंग के पहले दिन वो थ्री पीस सूट में ट्रेनिंग के लिए पहुंच गए थे। इसके बाद कोच को सबसे पहले उनके पहनावे पर काम करना पड़ा था।

इसके बाद साल 2000 में फौजा सिंह ने लंदन में पहली मैराथन दौड़ी थी। उनके कोच कहते हैं कि वो आसानी से 20 किलोमीटर भाग लिया करते थे और मैराथन दौड़ने की जिद करते थे।

दरअसल, मैराथन 26 माइल (42 किलोमीटर) की होती थी। फौजा सिंह को लगता था कि यह 26 किलोमीटर जैसा ही है। 2004 में उन्होंने जब 6 घंटे 54 मिनट में मैराथन पूरी कर ली तो एक नया रिकॉर्ड बनाया था। 90 साल की उम्र पार करने वाले रनर के लिए इसका पिछला रिकॉर्ड 54 मिनट ज्यादा था।

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज नहीं हो सका

फौजा सिंह के पास बर्थ सर्टिफिकेट नहीं था। दरअसल, जब उनका जन्म हुआ उस समय भारत में बर्थ सर्टिफिकेट नहीं बनाए जाते थे। इसलिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में उनका नाम दर्ज नहीं है। हालांकि फौजा सिंह के ब्रिटिश पासपोर्ट पर उनका बर्थ ईयर 1911 लिखा गया है। गिनीज रिकॉर्ड के लिए पासपोर्ट पर लिखी उम्र देखने के लिए कही गई लेकिन उसे नहीं माना गया। फौजा सिंह के 100वें जन्मदिन पर ब्रिटेन की क्वीन एलिजाबेथ ने उन्हें बधाई दी थी।

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