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तिरुवनंतपुरम3 मिनट पहले
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14 जून की रात जेट की तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी।
ब्रिटिश रॉयल एयरफोर्स के फाइटर जेट F-35B लाइटनिंग II स्टील्थ पिछले 14 जून की रात से केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर खड़ा हुआ है। फ्यूल की कमी कारण जेट की यहां इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी। जांच में तकनीकी खामी भी सामने आई थी।
अब घटना के 6 दिन बाद जानकारी सामने आई है कि ब्रिटिश नेवी की 30 सदस्यों वाली टीम जेट का स्पेयर पार्टस लेकर जल्द ही केरल पहुंचेगी। ब्रिटिश इंजीनियरों की एक टीम और एक पायलट को साइट पर पहले पहुंचाया गय था। लेकिन उनके कई प्रयास के बावजूद जेट को टेक-ऑफ कमांड नहीं दी जा सकी।
टीम भारत कब आएगी फिलहाल इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। इससे पहले ब्रिटिश रॉयल एयरफोर्स को एअर इंडिया ने अपने हैंगर में रखे जाने की परमिशन दी थी, लेकिन ब्रिटिश रॉयल एयरफोर्स इसके लिए राजी नहीं हुए। ऐसा इसलिए की उसे अपनी तकनीक के लीक होने का डर है।
दरअसल, F-35 ने हिंद महासागर में एक सॉर्टी के लिए एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भरी थी, लेकिन फ्यूल कम होने के कारण इसने इमरजेंसी लैंडिंग की थी। जेट रात करीब 9.30 बजे तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंड हुआ खा।
इंडियन एयरफोर्स ने कहा था कि F-35 के रास्ता बदलने की यह सामान्य घटना है। हमें इसकी पूरी जानकारी है। जेट को सभी प्रकार की सहायता दी जा रही है और हम सभी एजेंसियों के साथ समन्वय में है। विमान फिलहाल एयरपोर्ट पर खड़ा है।

F-35 एयरपोर्ट पर ही खड़ा है,
लोकल मीडिया का दावा- अपने कैरियर वापस नहीं लौट सका जेट
वहीं, लोकल मीडिया में दावा किया जा रहा था कि F-35 समुद्र की खराब स्थिति के कारण लगभग 100 समुद्री मील दूर अपने कैरियर पर वापस नहीं लौट सका। नतीजतन, इसने तिरुवनंतपुरम में लैंडिंग की परमिशन मांगी थी।
F-35 अमेरिका का 5वीं जेनरेशन का लड़ाकू विमान है। इसे लॉकहीड मार्टिन कंपनी ने डेवलप किया है। इस प्लेन को 2006 से बनाना शुरू किया गया था। 2015 से यह अमेरिकी वायुसेना में शामिल है।
ये पेंटागन के इतिहास का सबसे महंगा विमान है। अमेरिका एक F-35 फाइटर प्लेन पर औसतन 82.5 मिलियन डॉलर (करीब 715 करोड़ रुपए) खर्च करता है।
भारतीय नौसेना के साथ किया था युद्धाभ्यास
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह स्टील्थ विमान ब्रिटेन के एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है। यह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में काम कर रहा था और हाल ही में इसने भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त समुद्री अभ्यास पूरा किया।

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पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे पर सबसे ज्यादा चर्चा F-35 फाइटर जेट को लेकर हुई थी। मुलाकात के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प ने कहा था कि हम भारत के साथ हथियारों की बिक्री बढ़ा रहे हैं और आखिरकार F-35 लड़ाकू विमान की डील का रास्ता भी बना रहे हैं। ऐसी क्या वजह है कि ट्रम्प भारत पर इस फाइटर जेट को खरीदने का दबाव बना रहे हैं, इतना महंगा विमान खरीदने में भारत को फायदा होगा या नुकसान… पढ़ें पूरी खबर…