Five people from Udaipur were killed, DNA samples of relatives were taken; bodies not handed over even on the second day, relatives wandering | अहमदाबाद प्लेन क्रैश: उदयपुर के 5 लोग मारे गए थे, परिजनों के डीएनए सैंपल लिए; दूसरे दिन भी नहीं दिए शव, भटक रहे परिजन – Udaipur News


शुभ व शगुन के साथ माता-पिता। दोनों बच्चे नहीं रहने से अब अकेले पति-पत्नी ही बचे हैं।

गुजरात के अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश में जान गंवाने वाले 5 लोगों के शव शुक्रवार को दूसरे भी नहीं मिल पाए। इन्हें लेने के लिए मृतकों के परिजन अहमदाबाद में ही मौजूद हैं। शवों के बुरी तरह जल जाने के कारण मृतकों की पहचान नहीं हो पा रही है। ऐसे में परिज

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मृतकों में शहर के सहेली नगर निवासी मार्बल व्यवसायी संजीव मोदी के बेटे शुभ (25) और बेटी शगुन (21), वल्लभनगर के रोहिड़ा के प्रकाशचंद्र मेनारिया (48), वल्लभनगर के रुंडेड़ा निवासी वरदीचंद्र मेनारिया (54) तथा गोगुंदा की पायल खटीक (22) शामिल हैं। ये सभी अहमदाबाद से लंदन जाने के लिए फ्लाइट में सवार हुए थे। विमान उड़ान भरते ही गिर गया था। दोनों भाई-बहन लंदन में घूमने तथा पायल पढ़ाई के लिए जा रही थी। प्रकाश व वरदी लंदन में कुक का काम करते थे। वरदी पोते के जन्म तथा प्रकाश पिता के निधन पर गांव में आए थे और वापस लौट रहे थे। इन सभी के घरों पर मातम छाया हुआ है। रिश्तेदार-परिजन शोक जताने पहुंच रहे हैं।

माता-पिता का शुभ-शगुन तो हमेशा के लिए खोया शुभ व शगुन के माता-पिता अहमदाबाद में हैं। डीएनए सैंपल लिए गए हैं। इनसे भी अगले तीन दिन में रिपोर्ट आने की बात कही है। घटना के बाद मां श्वेता बेसुध हैं। अब वे और पति ही बचे हैं। शहर के सहेली नगर में इनके घर पर परिजन-रिश्तेदार शोक जताने पहुंच रहे हैं।

पायल के साथ भाई व माता-पिता। परिवार की रौनक, पिता की लाडो थी। सब सूना कर गई।

पायल के साथ भाई व माता-पिता। परिवार की रौनक, पिता की लाडो थी। सब सूना कर गई।

पायल के साथ मानो घर की खनक भी खामोश हुई पायल गोगुंदा की थी। अभी माता-पिता के साथ गुजरात के हिम्मतनगर में रहती थीं। गोगुंदा में दादी सोसर रहती हैं। उन्हें हादसे की जानकारी नहीं दी गई है। ग्रामीण किशन खटीक ने बताया कि पहली बार उनके समाज की कोई बेटी लंदन पढ़ने जा रही थी। पर बहुत बुरा हुआ।

वरदी परिवार के मुखिया थे। लंदन से गांव आते थे तो पत्नी-बच्चों को घुमाने ले जाते थे।

वरदी परिवार के मुखिया थे। लंदन से गांव आते थे तो पत्नी-बच्चों को घुमाने ले जाते थे।

परिवार का साया छिना, प्रकाश जाते ही अंधेरा पसरा प्रकाश के दोनों बेटे रोशन व लोकेश अहमदाबाद पहुंच गए। शव लेने की औपचारिकता पूरी की हैं। रोशन वापस घर आ गया है, जबकि लोकेश अहमदाबाद अस्पताल में शव को लेने की बाकी कार्रवाई पूरी कर रहा है। प्रकाश की पत्नी को अभी तक कुछ नहीं बताया गया है।

वरदीचंद्र की पत्नी-बेटे शव लेने अहमदाबाद पहुंचे भाई भगवान ने बताया कि वरदी के बेटे का डीएनए सैंपल लिया गया है। अस्पताल 72 घंटे में शव सौंपने को कह रहा है। वरदीचंद की पत्नी, बेटे और दो भतीजे और दो भानजे अहमदाबाद में ही हैं। गांव में गमगीन माहौल है। रिश्तेदार और परिजन शोक जताने आ रहे हैं।



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