Guru Purnima: Know how you can worship Guru, Guru purnima 2025, Guru puja vidhi | गुरु पूर्णिमा: जानिए कैसे कर सकते हैं गुरु की पूजा: आषाढ़ पूर्णिमा और गुरुवार का योग आज: गुरु न हो तो इष्टदेव या वेद व्यास की कर सकते हैं पूजा


45 मिनट पहले

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आज (गुरुवार, 10 जुलाई) आषाढ़ मास की पूर्णिमा है, आज गुरु पूजा का महापर्व गुरु पूर्णिमा मनाया जा रहा है। ये गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का पर्व है। इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं, क्योंकि इसी तिथि पर महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था।

गुरु का स्थान देवताओं से भी ऊपर माना जाता है। गुरु ही हमें अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाते हैं, जीवन की सही दिशा दिखाते हैं और जीवन में उन्नति की ओर बढ़ाते हैं, भगवान को पाने का मार्ग भी गुरु ही बताते हैं। आध्यात्मिक जीवन में भी गुरु के बिना सफलता नहीं मिल सकती है।

जानिए गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा कैसे कर सकते हैं

अगर गुरु जीवित हैं तो गुरु पूर्णिमा पर उनकी साक्षात पूजा करें। अगर हम गुरु की साक्षात पूजा नहीं कर सकते हैं तो उनके चित्र की पूजा करें। अगर गुरु जीवित नहीं हैं या किसी को गुरु नहीं बनाया है तो अपने इष्टदेव जैसे शिव जी, श्रीहरि, गणेश जी, श्रीकृष्ण, श्रीराम, हनुमान, देवी दुर्गा की पूजा कर सकते हैं। इनके साथ ही वेद व्यास की भी पूजा करनी चाहिए।

  • पूजा सामग्री – दीपक, धूप, चावल, हार-फूल, चंदन, रोली, फल, मिठाई, नारियल, जल कलश, नैवेद्य आदि।
  • गुरु पूर्णिमा पर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान के बाद घर में भगवान गणेश और अन्य देवी-देवताओं का ध्यान करें। इसके बाद अपने गुरु का चित्र, वेद व्यास का चित्र और अपने इष्टदेव का चित्र या प्रतिमा रखें।
  • पूजा से पहले हाथ में जल लेकर संकल्प लें। संकल्प यानी पूजा में कहें “मैं गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर अपने गुरु के प्रति श्रद्धा व्यक्त करता/करती हूं और उनकी कृपा प्राप्त करने हेतु ये पूजा कर रहा/रही हूं।”
  • संकल्प के बाद भगवान और गुरु को जल का छिड़काव करें। हार-फूल चढ़ाएं। धूप-दीपक जलाएं।
  • चंदन और रोली से तिलक करें।
  • गुरु वंदना, स्तोत्र, वेदव्यास अष्टकम या गुरु स्तुति पढ़ें।
  • प्रसाद अर्पण करें। फल, मिठाई या खीर का भोग लगाएं।
  • गुरु को वस्त्र या उपहार दें। यदि गुरु आपके सामने हैं तो उन्हें वस्त्र, पुस्तक या दक्षिणा समर्पित करें।
  • पूजा के अंत में जानी-अनजानी गलतियों के लिए क्षमा याचना करें। पूजा के बाद प्रसाद बांटें और खुद भी लें।
  • पूजा में ऊँ गुरु देवाय नमः मंत्र का जप करना चाहिए।

गुरु पूर्णिमा पर कौन-कौन से शुभ काम करें

  • संत, महात्मा और आध्यात्मिक गुरु इस दिन विशेष प्रवचन, सत्संग और भंडारे का आयोजन करते हैं, ऐसे आयोजन में शामिल होना चाहिए।
  • गुरु को श्रद्धा पूर्वक दक्षिणा (दान) देना प्राचीन परंपरा है। ये धन के साथ-साथ सेवा या विद्या अर्जन के रूप में भी दी जाती है। यदि संभव हो तो गुरु के चरण स्पर्श करें, उन्हें वंदन करें और उनका मार्गदर्शन प्राप्त करें।
  • श्रीमद्भगवद्गीता, गुरु गीता, वेदव्यास अष्टकम या किसी अन्य गुरु उपदेशात्मक ग्रंथ का पाठ करें।
  • गरीबों, ब्राह्मणों, विद्यार्थियों और जरूरतमंदों को दान करें। अन्न, वस्त्र, छाता, पंखा आदि का दान कर सकते हैं।
  • कई लोग इस दिन व्रत रखते हैं। फलाहार लेते हैं और अपने आहार, वाणी व विचारों में संयम रखते हैं।
  • गुरु पूर्णिमा एक प्रेरणादायक अवसर है। इस दिन आत्मिक उन्नति, सकारात्मक जीवनशैली, और अध्ययन के लिए नए संकल्प लेना चाहिए।

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