Haryana Cabinet Minister Anil Vij Transport-Energy Department CM Flying Surprise Inspection Order | अनिल विज को अपने ही विभागों में करप्शन का शक: CM फ्लाइंग को लिखा- औचक जांच करें, बोले- पोस्टिंग के लिए मंत्री सिफारिशें कर रहे – Haryana News

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हरियाणा कैबिनेट मिनिस्टर अनिल विज। फाइल फोटो।

हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज को अपने ही दो विभागों में करप्शन का शक है। उन्होंने इसकी पड़ताल के लिए CM फ्लाइंग के चीफ को 7 जुलाई को एक लेटर लिखा है। इस लेटर में कहा है कि ऊर्जा विभाग से संबंधित बिजली निगम और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में रीजनल ट्र

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उन्होंने लेटर में लिखा है कि जैसे दूसरे विभागों में सीएम फ्लाइंग सरप्राइज इंस्पेक्शन करती है, वैसे ही इन विभागों में करे। ये भी कहा है कि यदि इन विभागों में कोई अधिकारी या कर्मचारी पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

जानिए विज के लेटर लिखने की 2 बड़ी वजहें क्या हैं…

1. MVI-CEI की पोस्टिंग के लिए सिफारिशी फोन आ रहे सीएम फ्लाइंग को अनिल विज के लेटर लिखने की पहली वजह ये बताई जा रही है कि उन्हें ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (MVI) और ऊर्जा विभाग के बिजली निगम में चीफ इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर (CEI) की पोस्टिंग के लिए मंत्रियों और सीनियर अधिकारियों के सिफारिशी फोन आ रहे हैं। विज को कहा जा रहा है कि इन पदों पर उनकी पसंद के अधिकारियों को ही पोस्टिंग दें।

2. विज को शक-मोटी रकम लेकर उल्टे-सीधे काम करते हैं कैबिनेट मंत्री अनिल विज को इन सिफारिशी फोन के बाद इन दोनों विभागों में बड़े स्तर पर करप्शन का शक हुआ। चूंकि ये सीधे-सीधे बड़े स्तर पर पब्लिक डीलिंग करते हैं, जहां लोग अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचते हैं। उनका इन पदों पर बैठे अधिकारी मोटी रकम लेकर उल्टे सीधे काम करते हैं। उन्होंने विभागीय स्तर पर भी लेटर लिखने से पहले इन दोनों विभागों की इन पोस्टों का इनपुट मंगाया है, जिसमें उन्हें करप्शन की शिकायतें मिली हैं।

अपने तीनों विभागों में तबादलों पर रोक लगवा चुके पिछले सप्ताह ही मंत्री अनिल विज ने अपने तीनों विभागों बिजली, परिवहन व श्रम विभाग में ट्रांसफर पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। अपने सोशल मीडिया के जरिए खुद ही इसकी जानकारी दी।

अनिल विज ने कहा-

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हरियाणा सरकार द्वारा तबादलों के लिए जो ऑनलाइन ट्रांसफर नीति बनाई गई है, वह मेरे सभी विभागों में जब तक पूरी तरह लागू नहीं हो जाती, तब तक मेरे सभी विभागों में सभी प्रकार के तबादलों पर रोक लगा दी गई है।

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गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने ट्रांसफर प्रक्रिया को पारदर्शी और डिजिटल बनाने के लिए नई ऑनलाइन ट्रांसफर नीति का नोटिफिकेशन जारी किया है।

श्रम विभाग में घोटाले की जांच कराई, रिपोर्ट व कार्रवाई का इंतजार इससे पहले अप्रैल महीने में विज ने अपने श्रम विभाग में गड़बड़ी होने की बात उठाई थी। विज ने कंस्ट्रक्शन लेबर बोर्ड की 21 अप्रैल को हुई बैठक के दौरान नाराजगी जाहिर की थी। उनका कहना था कि हरियाणा में कंस्ट्रक्शन लेबरों के वेरिफिकेशन में गड़बड़ उजागर हुई है।

2 अफसरों ने ही मिलकर करीब 2 लाख लोगों के वेरिफिकेशन कर डाले। मंत्री ने पूरे मामले की जानकारी के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया है। कमेटी को जांच के लिए एक महीने का टाइम दिया गया था। कहा गया था कि जांच के बाद जो भी रिपोर्ट आएगी उस पर कार्रवाई की जाएगी।

विज ने बैठक के बाद बताया कि कमेटी को जांच के लिए एक महीने का टाइम दिया गया है, जांच के बाद जो भी रिपोर्ट आएगी उस पर कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अब हर जिले में तीन मेंबर कमेटी के ऑर्डर दिए दो दिन पहले ही विज ने बताया कि श्रम विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ न होने के कारण वर्क‑स्लिप की जांच करने के लिए प्रदेश के सभी उपायुक्तों (DC) को तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने के लिए निर्देशित करने को कहा। जिसमें श्रम विभाग का एक मेंबर और दो अन्य राजपत्रित नामित स्वतंत्र सदस्यों को शामिल किया जाए।

यह कमेटी राज्य के प्रत्येक गांव, शहर में फिजिकल वेरिफिकेशन करके सिस्टम और वर्क स्लिप वेरिफिकेशन के लिए अपनाए गए मानदंडों को जांचने का कार्य करेगी। जिलों में बनने वाली कमेटियां अपनी जांच रिपोर्ट 3 महीने में देंगी।

अब पढ़िए जिन पदों के लिए सिफारिशी फोन आ रहे, उनके जिम्मे क्या काम

  • MVI यानी मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर: मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (MVI) का मुख्य काम वाहनों की फिटनेस, सुरक्षा और प्रदूषण मानकों की जांच करना है। वे यह सुनिश्चित करते हैं कि वाहन सड़क पर चलने के लिए सुरक्षित हैं और सरकारी नियमों का पालन करते हैं। MVI वाहनों के रजिस्ट्रेशन, बीमा और अन्य आवश्यक डॉक्यूमेंट की जांच करते हैं। वाहनों में ब्रेक, लाइट्स, हॉर्न, और अन्य सुरक्षा उपकरण ठीक से काम कर रहे हैं। नियमों के उल्लंघन मिलने पर जुर्माना लगाने या वाहन जब्त करने की पावर है।
  • CEI यानी चीफ इलेक्ट्रिक इंस्पेक्टर: चीफ इलेक्ट्रिक इंस्पेक्टर (CEI) इलेक्ट्रिकल सेफ्टी सुनिश्चित करने और इलेक्ट्रिकल इंस्टालेशन का निरीक्षण करने के लिए जिम्मेदार होता है। उनका काम बिजली अधिनियमों और नियमों का पालन करवाना, इलेक्ट्रिकल दुर्घटनाओं की जांच करना और इलेक्ट्रिकल सेफ्टी के बारे में जागरूकता फैलाना है। इलेक्ट्रिकल एक्सीडेंट की जांच का जिम्मा भी CEI के पास रहता है। इलेक्ट्रिकल इंस्टॉलेशन के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट की जांच करने का जिम्मा है।

सीधे CMO को रिपोर्ट करती है सीएम फ्लाइंग स्क्वाड हरियाणा में सीएम फ्लाइंग स्क्वाड सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) को रिपोर्ट करती है। इसकी निगरानी गृह विभाग के पास रहती है। हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सैनी के पास गृह विभाग भी है। सीएम फ्लाइंग का चीफ सीआईडी चीफ होता है। ये जिम्मेदारी अभी आईपीएस सौरभ सिंह संभाल रहे हैं। सीएम फ्लाइंग का मुख्य काम छापेमारी करना, भ्रष्टाचार की शिकायतों पर जांच-कार्रवाई करना, राशन डीलरों, सरकारी दफ्तरों में समय पर हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण, शराब, खनन आदि में अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई करना और सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत की निगरानी करना है।

सीएम फ्लाइंग स्क्वाड सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) को रिपोर्ट करती है।

सीएम फ्लाइंग स्क्वाड सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) को रिपोर्ट करती है।

भ्रष्टाचारी पटवारियों की लिस्ट बनाने में सीएम फ्लाइंग की भूमिका रही हरियाणा में 370 पटवारियों के नाम भ्रष्टाचार करने वालों की लिस्ट में तैयार करने में भी सीएम फ्लाइंग की खास भूमिका रही थी। इस रिपोर्ट में खासतौर पर जिक्र था कि सीएम फ्लाइंग ने जो जांच व छापेमारी की, उसमें कौन-कौन से पटवारियों के पर निजी सहायक मिले। किनके खिलाफ इंतकाल-जमाबंदी जैसे कामों के लिए पैसे लेने की शिकायतें आईं। इसके अलावा राशन डिपो में राशन खुर्द-बुर्द करने के कई मामले में भी सीएम फ्लाइंग ने उजागर किए थे।

सीएम फ्लाइंग पहले भी करती रही है RTA व बिजली कार्यालय में छापेमारी सीएम फ्लाइंग पहले भी आरटीए कार्यालय में छापेमारी कर भ्रष्टाचार के केस सामने ला चुकी है। फ्लाइंग स्क्वॉड ने साल 2023 में 2,236 रेड की थीं। इनमें गुरुग्राम व रोहतक आरटीए कार्यालय भी शामिल थे। रोहतक आरटीए में एक सहायक सचिव के पास से ₹2.9 लाख बरामद हुए थे। साल 2024 में सीएम फ्लाइंग ने रेवाड़ी, रोहतक के कलानौर, भिवानी में बिजली निगम के कार्यालयों में छापे मारे थे। इस दौरान कई कर्मचारी गैर हाजिर पकड़े। पेंडिंग शिकायतें मिली थी।

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