Haryana Hardcore Criminal DG Jail IPS Alok Rai Review Meeting Live Update | हरियाणा की जेलों से धमकी देने पर नपेंगे अफसर: गैंगस्टरों की जेल से VC होगी; DG बोले-गैंगस्टर कल्चर नहीं चलने दिया जाएगा – Haryana News


हरियाणा जेल महानिदेशक आलोक राय।

हरियाणा की जेलों से चलने वाली आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए अब जेल प्रशासन की ओर से मेगा प्लान तैयार किया गया है। इसमें नामी गैंगस्टरों को एक जेल से दूसरी जेल में शिफ्ट करने के बाद अब अन्य अपराधियों पर भी पैनी नजर रखने के आदेश दिए गए हैं।

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जेल महानिदेशक (DG) आलोक राय की ओर से सभी जेल अधीक्षकों को कहा गया है कि अब जेलों से गैंगस्टर कल्चर नहीं चलने दिया जाएगा। साथ ही यदि किसी भी जेल से किसी अपराधी द्वारा फोन के जरिए फिरौती की धमकी दी गई तो जेल के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

हार्डकोर क्रिमिनल की STF को लिस्ट देगा जेल प्रशासन

दरअसल जेल महानिदेशक का कार्यभार संभालने के बाद डीजी जेल आलोक राय ने हाल ही में प्रदेश के सभी जेल अधीक्षकों के साथ रिव्यू मीटिंग की थी। इसमें उनकी ओर से जेल सुधार को लेकर कई अहम दिशा-निर्देश दिए गए थे। इसमें सबसे पहला मामला हार्डकोर अपराधियों की जेल शिफ्टिंग का था। उन्होंने कहा कि जेल की सुरक्षा के मद्देनजर कैदियों को दूसरी जेलों में शिफ्ट किया जा रहा है।

इसके अलावा जेल अधीक्षक को निर्देश दिए गए हैं कि आईजी जेल का कार्यभार देख रहे आईजी एसटीएफ को हार्डकोर अपराधियों की सूची देना सुनिश्चित करें, ताकि जेल शिफ्टिंग में किसी भी तरह की कोताही न हो सके। उनकी इस पहल पर 100 से ज्यादा खूंखार अपराधियों को दूर-दराज की जेलों में शिफ्ट किया जा चुका है।

जेल और उसके बाहर पेट्रोलिंग शुरू होगी

जेल महानिदेशक की तरफ से यह कहा गया है कि सभी जेल अधीक्षक यह सुनिश्चित करें कि उनका खुफिया विभाग जेलों में मोबाइल फोन और नारकोटिक्स के मामलों पर पैनी नजर रखे। रोजाना जेल परिसर के बाहर और अंदर सघन पेट्रोलिंग की जानी चाहिए।

जिला पुलिस जेल परिसर के बाहर की सुरक्षा और पेट्रोलिंग के लिए जेल स्टाफ का सहयोग करे। बॉर्डर गार्ड की तैनाती समय-समय पर परखी जाए। जेल अधीक्षक भी अपनी ड्यूटी पूरी कर्तव्य भावना के साथ निभाएं।

हाई रिस्क क्रिमिनल की वीसी से पेशी होगी

जेल अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि जेल में किसी भी तरह की सुविधा के बदले भ्रष्टाचार नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा कोई भी मामला पाया जाता है तो दोषी के खिलाफ विभागीय के साथ ही आपराधिक कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। वहीं रिव्यू मीटिंग में यह भी तय किया गया कि सभी जेल अधीक्षक अपने परिसर में वीडियो कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था को दुरुस्त करें।

इसके अलावा हाई रिस्क वाले अपराधियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही अदालतों में पेश किया जाए। जब तक कोर्ट न बुलाए तब तक ऐसे क्रिमिनल को फिजिकल रूप से जेल परिसर के बाहर नहीं निकाला जाए।

क्रिमिनल की कॉल रिकॉर्डिंग सुनेगा जेल प्रशासन

वहीं डीजी ने कहा कि जब भी बड़े अपराधी जेल की फोन सुविधा का इस्तेमाल करें तो उनकी काल रिकार्डिंग सुनी जाए और उसमें किसी भी तरह का संदिग्ध संदेश पाए जाने पर कार्रवाई करेंं। अगर इस तरह की कोई गतिविधि पाई जाती है तो संबंधित बूथ संचालक के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करें। इसके अलावा जेलों में कैदियों के लिए चल रहे आईटीआई कोर्स को अपडेट करने के लिए स्थानीय प्राधिकारी की मदद करें।



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