Hate Speech Case; Supreme Court Vs Centre State Govt | Wajahat Khan | सुप्रीम कोर्ट बोला- केंद्र-राज्य सरकारें हेट स्पीच को रोकें: लेकिन नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनी रहे; आरोपी की गिरफ्तारी पर रोक लगाई


नई दिल्ली7 घंटे पहले

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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा- केंद्र और राज्य सरकारें हेट स्पीच यानी नफरत फैलाने वाले भाषणों को रोकें। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन न हो।

जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा- लोग नफरत भरे भाषण को बोलने की आजादी समझ रहे हैं, जो गलत है। लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर जागरूक करने की जरूरत है, ताकि सरकार को इसे नियंत्रित करने की जरूरत न पड़े।

सुप्रीम कोर्ट ने ये बातें कोलकाता के वजाहत खान की याचिका पर सुनवाई के दौरान की। उस पर कई राज्यों में सोशल मीडिया पर नफरत और सांप्रदायिक अशांति भड़काने वाला कंटेंट पोस्ट करने के आरोप में मामले दर्ज किए गए हैं।

SC बोला- लोगों को हेट स्पीच कंटेंट को लाइक नहीं करना चाहिए सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, राज्यों और वजाहत खान के वकील से सुझाव मांगे कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचाए बिना हेट स्पीच को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है।

कोर्ट कहा- लोगों को हेट स्पीच क्यों अटपटे और गलत नहीं लगते हैं। ऐसे कंटेंट पर नियंत्रण होना चाहिए। साथ ही लोगों को भी ऐसे नफरत भरे कंटेंट को शेयर करने और लाइक करने से बचना चाहिए।

वकील बोला- मेरे क्लाइंट ने माफी मांग ली है सुप्रीम कोर्ट ने खान की गिरफ्तारी पर रोक जारी रखी है। साथ ही कहा, बार-बार FIR और जेल भेजने से क्या फायदा? क्या वास्तव में सभी केस एक ही ट्वीट से जुड़े हैं? इस पर खान के वकील ने कहा- मेरे क्लाइंट ने पुराने ट्वीट्स को लेकर माफी मांग ली है। मैं सिर्फ यही चाहता हूं कि कोर्ट यह देखे कि सभी FIR वाकई इन्हीं ट्वीट्स से जुड़ी हैं या नहीं।

लोअर कोर्ट ने दी थी खान को जमानत

वजाहत खान को कोलकाता पुलिस ने 9 जून को गिरफ्तार किया था। यह फोटो पुलिस ने जारी की थी।

वजाहत खान को कोलकाता पुलिस ने 9 जून को गिरफ्तार किया था। यह फोटो पुलिस ने जारी की थी।

22 वर्षीय सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और कानून की छात्रा शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ नफरत फैलाने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। उस पर BNS की धारा 196 (1) (ए) / 299/352/353 (1) (सी) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

9 जून को कोलकाता पुलिस ने खान को गिरफ्तार किया था। हालांकि 3 जुलाई को उन्हें एक निचली अदालत से जमानत मिल गई थी।

पिछली सुनवाई में क्या हुआ था 24 जून को पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने केंद्र सरकार और असम, दिल्ली, हरियाणा और पश्चिम बंगाल सरकारों को नोटिस जारी किया था। इसमें उनसे जवाब मांगा था कि खान के खिलाफ दर्ज FIR को एक जगह कैसे जोड़ा जा सकता है। साथ ही खान की अन्य राज्यों में दर्ज FIR में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।

खान के वकीलों ने कोर्ट को बताया था कि उनके क्लाइंट के खिलाफ दर्ज ये मुकदमा शर्मिष्ठा पनोली ने बदला लेने के लिए किया है।

हेट स्पीच को लेकर शर्मिष्ठा पनोली की भी गिरफ्तारी हुई थी

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली की गुरुग्राम से गिरफ्तारी हुई थी ।

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली की गुरुग्राम से गिरफ्तारी हुई थी ।

पुणे के एक कॉलेज से लॉ की पढ़ाई करने वाली शर्मिष्ठा को 30 मई को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया था। वजाहत ने शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ गार्डन रीच पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। उस पर आरोप है कि उसने सोशल मीडिया पर ऑपरेशन सिंदूर के संबंध में अभद्र और सांप्रदायिक टिप्पणी की।

हालांकि पनोली ने बाद में उस पोस्ट को डिलीट कर दिया और माफी मांगी थी। बाद में कलकत्ता हाईकोर्ट ने शर्मिष्ठा पनोली को कुछ शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दे दी।

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