Himachal PWD Minister Vikrmaditya Singh Vs PM Narinder Modi India Pakistan Ceasefire Asim Munir, Donald Trump meeting | मंत्री विक्रमादित्य ने ट्रम्प-मुनीर मुलाकात पर सवाल उठाए: कहा-भारत के घनिष्ठ मित्र ने पाक आर्मी चीफ को बिरयानी खिलाई; कूटनीति पर पुनर्विचार की सलाह – Shimla News


हिमाचल के PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और पाकिस्तान आर्मी के चीफ आसिफ मुनीर की वाइट हाउस में मुलाकात पर सवाल खड़े किए। विक्रमादित्य ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए लिखा कि भारत का ‘घनिष्ठ मित्र नमस्ते ट्रम्प साहब’ पाक

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मंत्री ने आगे लिखा, इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है की अमेरिका के राष्ट्रपति किसी देश के आर्मी चीफ के साथ सीधी मुलाकात और भोजन कर रहे हैं। पूर्व में अयूब खान, जिया-उल-हक और परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान के सेना प्रमुख की हैसियत से नहीं चीफ मार्शल लॉ एडमिनिस्ट्रेटर और राष्ट्रपति के रूप में मिले थे।

अंतरराष्ट्रीय कूटनीति पर पुनर्विचार की सलाह

विक्रमादित्य ने लिखा, हमारे देश की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। उनका यह पोस्ट सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार पर निशाना है। इस पोस्ट के जरिए उन्होंने मोदी के मित्र ट्रम्प की दुश्मन देश के सेना प्रमुख से मुलाकात को कटघड़े में खड़ा किया है।

व्हाइट हाउस में बुधवार को हुई थी मुलाकात

अमेरिकी राष्ट्रपति ने बीते बुधवार को व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल से बंद कमरे में मुलाकात की। दोनों ने व्हाइट हाउस के कैबिनेट रूम में साथ लंच किया। यह पहली बार है, जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ की मेजबानी की है।

यह मुलाकात मुनीर के ट्रम्प को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग वाले बयान के बाद हुई। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एना केली ने बताया कि मुनीर ने ट्रम्प को मई में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रुकवाने का क्रेडिट दिया है। उनके इस बयान के सम्मान में ट्रम्प ने उन्हें लंच पर बुलाया था।

इनकी मुलाकात से पहले मोदी ने ट्रम्प से की थी फोन पर बात

आसिम मुनीर की ट्रम्प से मुलाकात से कुछ घंटे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से 35 मिनट तक फोन पर बातचीत की थी। इस दौरान मोदी ने साफ कहा था कि 7 से 10 मई तक चले ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच बातचीत के बाद सीजफायर हुआ था। किसी बाहरी मध्यस्थता के माध्यम से नहीं।

विक्रमादित्य ने कहा, ‘हम दावा करते हैं कि अमेरिका हमारा रणनीतिक साझेदार है। पहलगाम हमले के तुरंत बाद ट्रंप, मुनीर से मुलाकात करते है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।



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