1 घंटे पहले
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- आमतौर पर देखने में आता है कि सबसे प्रभावशाली जॉब इंटरव्यू वे होते हैं, जिनमें दोनों पक्षों के बीच किसी न किसी रूप में अच्छे नोट पर, पूरी समझदारी के साथ आपसी असहमति होती है। यह दिखाता है कि उम्मीदवार काफी हद तक जिज्ञासु और सहयोगी है। हर इंटरव्यू को चर्चा, बहस और समस्या-समाधान का एक मौका भर समझना चाहिए। जॉब इंटरव्यू के दौरान असहमति जताना आसान नहीं होता है। इसे सफलतापूर्वक हैंडल करने के लिए बातचीत से पहले, दौरान और बाद में ये चार बातें ध्यान में रखें…
1) पहले से अपनी पूरी रिसर्च करके रखें किसी भी कंपनी को जॉइन करने के बारे में विचार कर रहे हैं तो पहले उसकी पूरी रिसर्च कर लें। अपनी रिसर्च में यह जानने की कोशिश करें कि क्या उस कंपनी की कार्य-संस्कृति नई सोच को स्वीकार करती है। क्या वहां की लीडरशिप खुलकर संवाद और इनोवेशन को बढ़ावा देती है? अगर आप कंपनी में किसी को जानते हैं, तो उनसे पूछें कि उन्हें इस कंपनी की कौन-सी बातें अच्छी लगती हैं, और किन क्षेत्रों में उन्हें लगता है कि अभी बहुत कुछ सुधार करने की जरूरत है।
2) विचार करने के लिए थोड़ा समय मांगें अगर इंटरव्यू के दौरान कोई सवाल आपके सामने ऐसा आ जाए जो आपको विचार करने पर मजबूर कर दे, तो तुरंत जवाब देने की जल्दबाजी बिल्कुल भी न करें। आप विचार करने के लिए थोड़ा रुक जाएं। आप उनसे यह भी कह सकते हैं कि यह एक बेहद ही रोचक सवाल है और आपको इस सवाल पर कुछ पल सोचने की आवश्यकता है। सवालों के जवाब देने की जल्दबाजी कभी न करें। जहां सोच-विचार करने की जरूरत महसूस हो वहां बिना किसी झिझक के अपना पूरा समय लें।
3) साफ बात कहने की अनुमति ले सकते हैं बातचीत के दौरान आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि अब आप स्पष्ट रूप से अपनी बात कहना चाहते हैं। किसी वरिष्ठ या साक्षात्कारकर्ता से असहमत होना चाहते हैं, तो पहले उनकी सहमति ले लें। आप उनसे यह कह सकते हैं कि यहां आपका नजरिया उनसे थोड़ा अलग है। उसके बाद आप उनसे अपनी बात रखने की परमिशन ले सकते हैं। उनसे पूछें कि क्या आप अपना दृष्टिकोण साझा कर सकते हैं। ऐसा करना इसलिए जरूरी है कि बाद में किसी तरह का कोई आपसी कन्फ्यूजन न रहे।
4) अपने अंदर की आवाज को जरूर सुनें इंटरव्यू के दौरान अगर आपको कभी ऐसा लगे कि आपके द्वारा जताई गई असहमति को अच्छी तरह नहीं लिया जाएगा, तो बेहतर यह होगा कि उस समय आप कुछ भी न बोलें। कुछ पल के लिए चुप रह जाएं। बाद में खुद से पूछें कि क्या आप इस अनुभव के बाद उत्साहित महसूस कर रहे हैं। ऐसा तो नहीं कि आप थका हुआ महसूस कर रहे हैं। ये भावनाएं इस बात का संकेत होती हैं कि उस संगठन में आपका रोजमर्रा कैसा होगा।