HPSC Assistant Professor Recruitment Scam | Randeep Surjewala Demands Judicial Probe | Haryana | HPSC पर सुरजेवाला का दावा-असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में धांधली हुई: बिहार से कॉपी किए 32 सवाल, पेपरों की टूटी सील मिलीं, कहा-चेयरमैन भी बिहार से हैं – Hisar News

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कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला हिसार में प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान प्रश्न पत्र दिखाते हुए।

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) पर असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में भारी धांधली के आरोप लगाए हैं। हिसार में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुरजेवाला ने आयोग को ‘हेराफेरी सर्विस कमीशन’ बताया और इसे तुरंत बर्खा

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उन्होंने सीएम नायब सैनी और HPSC चेयरमैन आलोक वर्मा पर सीधा निशाना साधते हुए पूरी भर्ती प्रक्रिया को दोबारा कराने की बात कही।

सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएगी, क्योंकि यह युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है। वहीं कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही चर्चाओं पर उन्होंने कहा कि इसका फैसला पार्टी आलाकमान करेगा।

हिसार में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला।

हिसार में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला।

सुरजेवाला के आरोप- बिहार सर्विस कमीशन का पेपर कॉपी किया

सुरजेवाला ने कहा कि आए दिन असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के प्रश्नपत्रों की सील टूटी हुई मिलती है। गलत सवाल भर्ती के दौरान पूछे जाते हैं। सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि एचपीएससी के चेयरमैन आलोक वर्मा बिहार से हैं और उन्होंने हूबहू 32 सवाल बिहार सर्विस कमीशन के कॉपी कर दिए। ऐसा करना हरियाणा के युवाओं के साथ धोखा करना है।

इसके अलावा प्रश्न पत्र की आंसर की भी गलत जारी की। इसके कारण युवाओं को अपना जीवन अंधकार में नजर आ रहा है। 2019 से असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती का इंतजार कर रहे युवक-युवतियों की जिंदगी बर्बाद हो रही है।

सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि सारे गड़बड़ झाले की जिम्मेदारी हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की है। सुरजेवाला ने एचपीएससी को “हेराफेरी सर्विस कमीशन” बताया। रणदीप सुरजेवाला ने पत्रकारवार्ता में ज्योग्राफी की भर्ती में हो रही धांधलियों को कागजात और सबूत जारी करते हुए दावा किया कि एचपीएससी की कार्यप्रणाली व भाजपा सरकार की भूमिका की हाईकोर्ट की सिटिंग जज से जांच होने चाहिए।

सुरजेवाला ने प्रश्न पत्रों से संबंधित आंसर की भी दिखाई और कहा कि इसमें भी फर्जीवाड़ा है।

सुरजेवाला ने प्रश्न पत्रों से संबंधित आंसर की भी दिखाई और कहा कि इसमें भी फर्जीवाड़ा है।

सांसद रणदीप सुरजेवाला ने ये आरोप लगाए.. 1. 7 साल से हरियाणा में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति नहीं : सुरजेवाला ने कहा कि 2019 के बाद यानि 7 साल से हरियाणा में असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती नहीं हुई है। अगस्त 2024 में 26 सब्जेक्ट के 2424 असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदों की भर्ती निकाली गई थी। इसमें करीब डेढ़ लाख युवाओं ने आवेदन किया था। जैसे ही एग्जाम प्रक्रिया शुरू हुई, वह गड़बड़झालों, घालमेल और गलतियों के घेरे में आ गई।

2.पेपरों की सील टूटी हुई मिली: सुरजेवाला ने कहा कि 29 मई 2025 को HPSC द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसरों का पॉलिटिकल साइंस के पेपरों की सील टूटी हुई मिली। 1 जून 2025 को हिंदी का पेपर लिया गया। एक बार फिर सील टूटी हुई मिली और लिफाफे खुले मिले।

प्रश्न पत्र में 27 प्रश्न पूरी तरह गलत पाए गए। 30 मई को चेयरमैन आलोक वर्मा ने लिखित ऑर्डर जारी कर कहा कि सबकुछ ठीक ठाक है व केवल पैक करते हुए सील टूट गई। जब शोर मचा तो 3 जून को 2 दिन बाद ही पेपर कैंसिल कर दिया गया।

3. ज्योग्राफी के पेपर में धांधली के आरोप: सुरजेवाला ने कहा कि ज्योग्राफी के पेपर में 26 सवाल ऐसे पूछ गए हैं जो बिहार सर्विस कमीशन के पेपर में पूछ गए। 6 सवाल ऐसे हैं जो बिहार सर्विस कमीशन के पेपर में आंशिक रूप से दोहराए गए।

यानि 32 सवाल बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन के पेपर से हूबहू ले लिए गए। 32 सवाल लगाने वाले चेयरमैन आलोक वर्मा खुद बिहार से आते हैं। ऐसे में इन प्रश्नों के आने से कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए। सुरजेवाला ने कहा कि रिवाइज आंसर की में सही उत्तर को गलत कर दिया गया।

सुरजेवाला ने प्रश्न पत्रों व आंसर की में गड़बड़ी बताई

1. असिस्टेंट प्रोफेसर (ज्योग्राफी) का प्रश्न नंबर 46 साल 2017 के HTET पेपर में भी पूछा गया था। उस समय हरियाणा सरकार द्वारा सही उत्तर ‘‘जीन गोटमैन’’ माना गया था। उस समय HTET पेपर की हरियाणा सरकार द्वारा जारी की गई ‘आंसर की’ की कॉपी संलग्नक A5-A है। अब असिस्टैंट प्रोफेसर (ज्योग्राफी) की ‘‘आंसर की’’ में ‘पेट्रिक गैडस’ को सही उत्तर मान रहे हैं।

2. ‘रिवाइज्ड आंसर की’ में प्रश्नपत्र के 10 प्रश्नों को ही हटा दिया गया, यानी डिलीट कर दिया गया। इनमें से 6 प्रश्न – प्रश्न संख्या 9, 17, 20, 32, 36 व 63 बिल्कुल सही व वैध प्रश्न थे। इन्हें बिना कोई शैक्षणिक आधार बताए हटा देना जहाँ योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय है, वहीं पूरी भर्ती प्रक्रिया को धूमिल कर देता है। इन 6 प्रश्नों की डिटेल्स संलग्नक A6 हैं।

3. ‘रिवाइज्ड आंसर की’ जारी होने के बाद अब साफ है कि 5 प्रश्न – प्रश्न नंबर 13, 19, 43, 52 व 76 ऐसे थे, जिसमें दो वैध उत्तर थे, पर इन्हें पूरी तरह से हटा दिया गया है। इसकी कॉपी संलग्नक A7 है। जब दोनों उत्तर सही थे, तो दोनों उत्तर मान्य होने चाहिए व किसी उम्मीदवार द्वारा दोनों में से कोई भी जवाब दिया गया हो, वह सही मानना चाहिए या ग्रेस मार्क्स दिए जाने चाहिए। इन 5 सवालों को हटाने से पूरी परीक्षा की वैधता खत्म हो गई है।

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