हैदराबाद47 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

कंकाल का वीडियो जिसे घर में गेंद उठाने गए शख्स ने बनाया था।
हैदराबाद के नामपल्ली इलाके में सालों से बंद पड़े एक घर में कंकाल मिला। कंकाल को देखकर लग रहा था कि यह व्यक्ति पेट के बल गिरा और फिर उठ नहीं सका। पास में कुछ बर्तन और नोकिया मोबाइल पड़ा था। इसकी बैटरी खत्म हो चुकी थी।
कंकाल किसका था, यह बात इसी नोकिया फोन से पता चल सकी। जिसे सुधरवाने के बाद पुलिस को कॉन्टैक्ट डीटेल्स मिले। यह पूरी घटना 14 जुलाई की है। जब मोहल्ले का एक लड़का क्रिकेट बॉल लेने उस घर में घुसा। बाद में यह बात पुलिस को बताई गई।
जांच में पता चला है कि यह घर मुनीर खान नाम के शख्स का था, जिसके 10 बच्चों में से तीसरा बेटा अमीर इस घर में अकेला रहता था। उसके बाकी भाई-बहन कहीं और रहते थे। इस वजह से अमीर की मौत के बारे में किसी को कुछ पता नहीं चल सका।
फोन सुधरा तो 2015 में किए गए 84 मिस्ड कॉल मिले
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हैदराबाद के एसीपी किशन कुमार ने बताया कि फोन की बैटरी खत्म हो चुकी थी। जब उसे सुधरवाया गया तो पता चला कि कंकाल अमीर का ही था। फोन लॉग में 2015 में की गई 84 मिस्ड कॉल भी मिलीं। अमीर का छोटा भाई शादाब जो आसपास की दुकानों से किराया वसूलता था, बाद में उसने ही कंकाल के अवशेषों पर मिली एक अंगूठी और शॉर्ट्स की पहचान की।
तकिए के नीचे मिले नोट, हडि्डयां भी टूटने लगी थीं
फोन के अलावा पुलिस को घर के दूसरे कमरे से तकिए के नीचे से चलन से बाहर हो चुके नोट भी मिले, जिससे इस शख्स की मौत 2016 की नोटबंदी से पहले होने की बात सामने आई। पुलिस के मुताबिक व्यक्ति लगभग 50 साल का था, अविवाहित था और संभवतः मानसिक रूप से विक्षिप्त था। उसकी मौत हुए काफी साल हो गए थे, यहां तक कि उसकी हड्डियां भी टूटने लगी थीं। पुलिस को घर से संघर्ष या खून के कोई निशान नहीं मिले।
फॉरेंसिक टीम ने सैंपल लिए
पुलिस के पहुंचने के बाद घर में मिले अमीर के कंकाल की जांच के लिए सोमवार को ही फॉरेंसिक विभाग की एक विशेष यूनिट, क्लूज टीम ने घर का दौरा किया। आगे की जांच के लिए सैंपल लिए। मृत व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करने के लिए मानव अवशेषों को टेस्ट के लिए शवगृह ले जाया गया।
ये खबर भी पढ़ें…
कई मोबाइल नंबरों की जांच कर सोनम तक पहुंची पुलिस: सीरीज से छांटे MP के नंबर

इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी के मर्डर केस में मेघालय पुलिस के पास न तो कोई चश्मदीद था, न ही कोई ठोस सबूत। ऐसे में इस केस में असली कातिल तक पहुंचने का सबसे बड़ा सहारा मोबाइल की कॉल डिटेल और लोकेशन रिकॉर्ड बने। जिस जगह से राजा का शव मिला, उस इलाके में नेटवर्क देने वाले सभी टावरों से कई नंबरों की पड़ताल की गई। इसके बाद मेघालय पुलिस ने आखिरकार वो पांच नंबर तलाश लिए, जो इस हत्याकांड के मुख्य किरदारों के थे। पढ़ें पूरी खबर…