‘I was asked for money in exchange for the award’- Moushumi Chatterjee | नेशनल फिल्म अवॉर्ड को लेकर मौसमी चटर्जी का दावा: कहा- अवॉर्ड के बदले मांगे गए थे पैसे, किशोर कुमार से भी हुई थी ऐसी मांग


56 मिनट पहले

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1 अगस्त को 71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड की अनाउंसमेंट हुई। इसमें शाहरुख खान और विक्रांत मैसी को बेस्ट एक्टर और रानी मुखर्जी को बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला। शाहरुख और रानी दोनों की करियर के तीन दशक बाद पहली बार ये अवॉर्ड मिला है। फिल्मों को दिए जाने वाले अवॉर्ड्स को लेकर इंडस्ट्री में हमेशा दो राय रही है। इंडस्ट्री में कई दिग्गज एक्टर और एक्ट्रेस हैं, जिन्हें कभी राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार नहीं मिला। वहीं, कई एक्टर्स ने दावा किया है कि उन्हें पैसे के बदले अवॉर्ड ऑफर हुई थी।

इंडस्ट्री में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपना करियर शुरू करने वाली मौसमी चटर्जी ने 70-80 के दशक में कई हिट फिल्में दी हैं। मौसमी बंगाली और हिंदी सिनेमा का चर्चित चेहरा रही हैं। उन्होंने अपने करियर में ‘बालिका बधू’, ‘अनुराग’, ‘अंगूर’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम किया है। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार को लेकर मौसमी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें दो बार पैसों के बदले अवॉर्ड की पेशकश की गई थी। लहरें रेट्रो के साथ बातचीत में उन्होंने कहा था- ‘मुझे मेरी फिल्म अनुराग और रोटी कपड़ा और मकान के लिए ऑफर मिला। मैंने कहा कि मैं अवॉर्ड के लिए पैसे नहीं दूंगी।’

इसी इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने ऋषि कपूर को लेकर भी खुलासा किया था कि उन्होंने फिल्म ‘बॉबी’ के लिए पैसे देकर अवॉर्ड खरीदे थे। पैसे के बदले अवॉर्ड का जिक्र ऋषि कपूर अपनी किताब ‘खुल्लम-खुल्लम’ में भी बताया था। अपनी किताब में उन्होंने लिखा कि एक पीआर वाले के जरिए 30 हजार में अवॉर्ड खरीदा था। हालांकि, बाद में उन्हें इस बात का पछतावा भी हुआ।

पैसे के बदले अवॉर्ड की पेशकेश सिंगर और एक्टर किशोर कुमार को भी हुई थी। ये दावा उनके बेटे अमित कुमार ने विक्की लालवानी को दिए इंटरव्यू में किया था। अमित कुमार ने बताया था कि किशोर कुमार एक समय ‘दूर गगन की छांव में’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने के बहुत करीब थे। साल 1964 में आई इस फिल्म को किशोर कुमार ने लिखा और डायरेक्ट किया था। इसमें उन्होंने बेटे अमित कुमार के साथ एक रोल किया था। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बहुत सफल रही और फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार के देने की चर्चा भी थी। लेकिन मंत्रालय में किसी ने रिश्वत की मांग की, जिसकी वजह फिल्म को अवॉर्ड नहीं मिला।

अमित ने इंटरव्यू में कहा- ‘उन्हें दिल्ली मंत्रालय के किसी आदमी का फोन आया। उन्होंने मेरे पिता से कहा, ‘अगर तुम कुछ दोगे, तो हम तुम्हें नॉमिनेट कर सकते हैं। मेरे पिता ने कहा, तुम मेरी जान के पीछे क्यों पड़े हो? मेरी फिल्म तो हिट है।’

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