If you waste time, you will miss out on big opportunities, Motivational story about time management, tips to get success in life | समय बर्बाद करेंगे तो बड़े अवसर हाथ से निकल जाएंगे: संत ने शिष्य को दो दिन के लिए दिया पारस पत्थर, लेकिन शिष्य ने दो दिन आराम में ही निकाल दिए


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32 मिनट पहले

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समय का कितना मूल्यवान है और आलस कितना नुकसानदायक हो सकता है, ये एक लोक कथा से समझ सकते हैं। इस कहानी में एक गुरु ने अपने आलसी शिष्य को सफलता पाने का सूत्र समझाया है। पढ़िए ये कहानी…

एक आश्रम में एक संत अपने शिष्यों के साथ रहते थे। गुरु का एक शिष्य बहुत आलसी था और वह समय का महत्व नहीं समझता था। जब उसकी शिक्षा का समय पूरा होने वाला था, तब गुरु को लगा कि अगर इस शिष्य को समय की कीमत नहीं समझाई तो इसका जीवन बर्बाद हो जाएगा। इसलिए गुरु ने एक योजना बनाई।

गुरु ने शिष्य को एक विशेष पत्थर दिया और कहा कि ये पारस पत्थर है। इसे लोहे की किसी भी वस्तु से स्पर्श करने पर वह सोने में बदल जाएगी। तुम्हारे पास केवल दो दिन हैं। मैं दूसरे गांव जा रहा हूं और दो दिन बाद लौट आऊंगा, तब मुझे ये पत्थर तुम वापस कर देना।”

शिष्य ने सोचा कि अब उसके पास बहुत बड़ा मौका है। उसने ये ठान लिया कि वह इस पत्थर से बहुत सारा सोना बनाएगा, ताकि जीवन भर उसे मेहनत करने की जरूरत न पड़े, लेकिन जैसे ही गुरु आश्रम से निकले, शिष्य ने सोच लिया कि अभी उसके पास दो दिन हैं तो वह आज आराम करेगा। अगले दिन वह सोना बनाएगा। यही सोचकर वह सो गया।

एक दिन आराम करने के बाद अगले दिन शिष्य उठा, फिर उसने सोचा कि पहले थोड़ा खाना लेता हूं, फिर काम करूंगा। भोजन के बाद उसे नींद आने लगी तो उसने सोच लिया कि अब कुछ देर सो लेता हूं, फिर शाम को काम कर लूंगा। जैसे ही शाम हुई, गुरु आश्रम लौट आए और शिष्य से कहा, “अब दो दिन पूरे हो गए हैं। अब वह पत्थर मुझे वापस दे दो।”

गुरु को देखकर शिष्य को अपनी गलती का अहसास हो गया। उसने समय को बर्बाद किया और अब उसके पास कोई सोना बनाने का समय नहीं था। उसे समझ में आ गया कि समय बहुमूल्य है और उसे आलस में बर्बाद करना ठीक नहीं है।

कथा से सीखें ये 5 सूत्र

  • समय की कद्र करें: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि समय का कोई विकल्प नहीं है। जो वक्त आपके पास है, वह फिर कभी वापस नहीं आएगा। आलस से बचने का सबसे पहला कदम यही है कि आप हर पल का सही उपयोग करें।
  • काम को कल पर न टालें: आलस को दूर करने के लिए यह जरूरी है कि आप हर काम को आज ही पूरा करें, न कि उसे कल पर टाल दें। हर दिन कुछ न कुछ नया करने की आदत डालें।
  • स्मार्ट वर्क और प्रायोरिटी तय करें: हमें यह समझने की जरूरत है कि कभी-कभी हमें आराम करने के लिए भी समय निकालना चाहिए, लेकिन यदि हम कार्यों को पहले से प्राथमिकता दे और उन्हें समय पर पूरा करें तो हमारी मेहनत अधिक प्रभावी होगी।
  • आराम के समय को समझदारी से उपयोग करें: यह जरूरी नहीं कि हमेशा लगातार काम करते रहें। लेकिन आराम के समय का सही उपयोग करते हुए हम अपनी कार्यकुशलता को बढ़ा सकते हैं।
  • आत्ममूल्यांकन और सुधार करें: जैसे ही शिष्य को अपनी गलती का अहसास हुआ, उसी तरह हमें भी समय-समय पर अपने कार्यों का मूल्यांकन करना चाहिए। यह हमें अपनी प्राथमिकताएं समझने और सुधारने में मदद करेगा।

जो व्यक्ति समय का मूल्य नहीं समझ पाता, वह आलस में ही घिरा रहता है। सही समय पर पहले किया गया काम जीवन में सफलता की कुंजी है। अगर आप समय का सही इस्तेमाल करते हैं तो आपके पास जीवन की हर मुश्किल को पार करने की शक्ति होगी। इसलिए आलस छोड़ें, समय की कीमत समझें।

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