Indian-origin Jai Bhattacharya becomes head of US health agency | अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख बने भारतीय-मूल के जय भट्टाचार्य: स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में हेल्थ पॉलिसी के प्रोफेसर हैं; जाने कंप्लीट प्रोफाइल


18 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

भारतीय मूल के प्रोफेसर डॉ. जय भट्टाचार्य को अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी का प्रमुख बनाया गया है। अमेरिकी सीनेट ने 26 मार्च, 2025 को भट्टाचार्य को नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ (NIH) के डायरेक्टर के रूप में नियुक्त करने की पुष्टि की। वे NIH के 18वें डायरेक्टर बने हैं।

जय भट्टाचार्य एक मशहूर हेल्थ इकोनॉमिस्ट, फिजिशियन और पब्लिक पॉलिसी एक्सपर्ट हैं।

NIH के डायरेक्टर के रूप में भट्टाचार्य US हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विस सेक्रेटरी रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर के अंडर में काम करेंगे। जय भट्टाचार्य को 119वीं कांग्रेस के पहले सत्र में हुए रोल कॉल वोट में 53-47 के अंतर से जीत मिली।

जय भट्टाचार्य का जन्म कोलकाता में हुआ। लेकिन, बचपन में ही वे अपने परिवार के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए। उनकी स्कूलिंग अमेरिका में ही पूरी हुई।

भट्टाचार्य ने अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से अपने हायर एजुकेशन की शुरुआत की। स्टैनफोर्ड दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज में से एक है और हेल्थ, साइंस और रिसर्च के मामले में मशहूर है।

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से BA किया

उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में बैचलर्स ऑफ आर्ट्स की पढ़ाई की। फिर इकोनॉमिक्स में इटरेंस्ट ने उन्‍हें आगे हेल्थ इकोनॉमिक्स और पॉलिसी मेकिंग की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया।

डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (MD) हैं जय

उन्होंने स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन से Medicine में डॉक्टरेट (Doctor of Medicine- MD) की डिग्री हासिल की। ये डिग्री उन्हें एक ट्रेनिंग प्राप्त फिजिशियन के रूप में काम करने की योग्यता देती है। मेडिसिन की पढ़ाई के बाद, उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से ही इकोनॉमिक्स में PhD किया। उनके PhD का रिसर्च मुख्य रूप से हेल्थ इकोनॉमिक्स और पब्लिक हेल्थ पॉलिसी से संबंधित था।

जय भट्टाचार्य ने हेल्थकेयर सिस्टम्स, मेडिकल इनोवेशन्स और एजिंग (वृद्धावस्था) से जुड़ी इकोनॉमिक प्रॉब्लम्स पर रिसर्च किया है।

जय भट्टाचार्य ने हेल्थकेयर सिस्टम्स, मेडिकल इनोवेशन्स और एजिंग (वृद्धावस्था) से जुड़ी इकोनॉमिक प्रॉब्लम्स पर रिसर्च किया है।

उन्होंने कई गवर्नमेंट और प्राइवेट हेल्थ प्रोग्राम के लिए सलाहकार के रूप में काम किया है। उनका रिसर्च मुख्य रूप से यह समझने पर केंद्रित है कि हेल्थ सर्विसेस पर खर्च, मेडिकल इनोवेशन और सरकारी नीतियां जनता को कैसे प्रभावित करती हैं।

लॉकडाउन और सख्त प्रतिबंधों की आलोचना की

जय भट्टाचार्य कोविड-19 महामारी के दौरान अपने रिसर्च और बयानों के कारण चर्चा में रहे। उन्होंने लॉकडाउन और सख्त प्रतिबंधों की आलोचना की। साथ ही उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन के चलते स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।

जय ने कोविड के दौरान स्कूल बंद करने और छोटे व्यवसायों पर प्रतिबंध लगाने की नीति की आलोचना की थी। उन्होंने इसे समाज के गरीब और मिडिल क्लास के लिए हानिकारक बताया था।

‘ग्रेट बैरिंगटन डिक्लेरेशन’ घोषणापत्र को को-ऑथर हैं जय

जय ने अक्टूबर 2020 में हार्वर्ड के मार्टिन कुलडॉर्फ और ऑक्सफोर्ड की सुनेत्रा गुप्ता के साथ मिलकर ‘ग्रेट बैरिंगटन डिक्लेरेशन’ घोषणापत्र को लिखा। इसमें लॉकडाउन के बजाय ‘फोकस्ड प्रोटेक्शन’ का सुझाव दिया गया था। यानी कमजोर लोगों (बुजुर्ग, बीमार) की सुरक्षा पर ध्यान देना, जबकि स्वस्थ और युवा आबादी को सामान्य जीवन जीने देना ताकि हर्ड इम्युनिटी विकसित हो।

जय भट्टाचार्य का 'ग्रेट बैरिंगटन डिक्लेरेशन' रिसर्च इकोनॉमिक्स, स्टैटिस्टिक्स, लॉ, मेडिसिन, पब्लिक हेल्थ और हेल्थ पॉलिसी मैगजीन्स में प्रकाशित हुआ है।

जय भट्टाचार्य का ‘ग्रेट बैरिंगटन डिक्लेरेशन’ रिसर्च इकोनॉमिक्स, स्टैटिस्टिक्स, लॉ, मेडिसिन, पब्लिक हेल्थ और हेल्थ पॉलिसी मैगजीन्स में प्रकाशित हुआ है।

WHO ने ग्रेट बैरिंगटन डिक्लेरेशन को ‘अवैज्ञानिक’ बताया

ग्रेट बैरिंगटन डिक्लेरेशन ने लॉकडाउन को लेकर वैश्विक बहस छेड़ दी थी। कुछ ने लॉकडाउन के आर्थिक और सामाजिक नुकसान का जवाब माना। लेकिन, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन यानी WHO और कई वैज्ञानिकों ने इसे ‘खतरनाक’ और ‘अवैज्ञानिक’ करार दिया था।

ट्रम्प ने NIH के डायरेक्टर के रूप में नॉमिनेट किया

नवंबर 2024 में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जय को NIH का डायरेक्टर नॉमिनेट किया था। ट्रंप ने कहा था कि जय और हेल्थ सेक्रेटरी रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर मिलकर अमेरिका की स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करेंगे। 25 मार्च 2025 को 119वीं कांग्रेस के पहले सत्र में हुई वोटिंग में अमेरिकी सीनेट ने 53-47 वोटों से उनकी नियुक्ति की पुष्टि की।

जय भट्टाचार्य NIH डायरेक्टर बनने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी हैं।

जय भट्टाचार्य NIH डायरेक्टर बनने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी हैं।

NIH दुनिया की सबसे बड़ी मेडिकल रिसर्च एजेंसी है। इसका बजट 48 अरब डॉलर है। जय इसके 27 इंस्टीट्यूशन्स और सेंटर्स की दिशा तय करेंगे, जो कैंसर, डायबिटीज, और अन्य बीमारियों पर रिसर्च करते हैं।

3+ किताबें और 150+ रिसर्च पेपर पब्लिश हुए

जय भट्टाचार्य ने 3 से अधिक किताबें लिखी हैं।

  1. हेल्थ इकोनॉमिक्स (Health Economics)
  2. हेल्थ इकोनॉमिक्स ऑफ जापान (Health Economics of Japan)
  3. डायरी ऑफ ए साइकॉसिस: हाऊ पब्लिक हेल्थ डिसग्रेस्ड इटसेल्फ ड्यूरिंग कोविड मनिआ (Diary of a Psychosis: How Public Health Disgraced Itself During COVID Mania)

इसके अलवा, जय भट्टाचार्य ने स्वास्थ्य अर्थशास्त्र, महामारी विज्ञान, और सार्वजनिक नीति जैसे क्षेत्रों में 150 से अधिक रिसर्च पेपर्स प्रकाशित किए हैं। इनमें ‘Is the Coronavirus as Deadly as They Say?’ और ‘The Great Barrington Declaration’ भी शामिल है।

ये खबर भी पढ़ें… इंडियन स्कॉलर गायत्री चक्रवर्ती को होलबर्ग पुरस्कार: कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पहली अश्वेत प्रोफेसर, पद्म भूषण से सम्मानित; जानें कंप्लीट प्रोफाइल

इंडियन स्कॉलर और साहित्यकार गायत्री चक्रवर्ती स्पिवाक को होलबर्ग पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें तुलनात्मक साहित्य, अनुवाद, पोस्‍टकॉलोनियल स्‍टडीज, राजनीतिक दर्शन और नारीवादी सिद्धांत में उनके शोध और योगदान के लिए मिला है। पढ़ें पूरी खबर…

खबरें और भी हैं…



Source link

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top