33 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

इंडियन स्कॉलर और साहित्यकार गायत्री चक्रवर्ती स्पिवाक को होलबर्ग पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें तुलनात्मक साहित्य, अनुवाद, पोस्टकॉलोनियल स्टडीज, राजनीतिक दर्शन और नारीवादी सिद्धांत में उनके शोध और योगदान के लिए मिला है।

गायत्री चक्रवर्ती स्पिवाक एक मशहूर इंडियन स्कॉलर, लिटररी थियोरिस्ट यानी साहित्यिक सिद्धांतकार और फेमिनिस्ट थिंकर हैं। उन्होंने 10 से अधिक किताबें लिखी हैं और कई अन्य किताबों को एडिट या ट्रांसलेट किया है। उनके रिसर्च का 20 से ज्यादा भाषाओं में अनुवाद किया गया है और उन्होंने 50 से अधिक देशों में लेक्चर दिया है।

गायत्री को ये होलबर्ग पुरस्कार 5 जून, 2025 को नॉर्वे की यूनिवर्सिटी ऑफ बर्गन में दिया जाएगा।
गायत्री चक्रवर्ती स्पिवाक की लिखी 10 किताबें:
- In Other Worlds: Essays in Cultural Politics (1987) – यह किताब साहित्य, संस्कृति और राजनीति पर उनके शुरुआती लेखों का संग्रह है।
- Can the Subaltern Speak? (1988) – इसमें उपनिवेशों में शोषित वर्गों, उत्पीड़ित समूहों (सबाल्टर्न) की आवाज और उनके विचारों को प्रस्तुत करने की कठिनाइयों पर प्रकाश डाला गया है।
- The Post-Colonial Critic: Interviews, Strategies, Dialogues (1990) – इस किताबों में उनके तमाम इंटरव्यू, आर्टिकल्स और पोस्टकोलोनिअल स्टडीज पर उनके थॉट्स को संकलित किया गया है।
- Outside in the Teaching Machine (1993) – इसमें उन्होंने एजुकेशन, लिटरेचर और पॉलिटिकल थियरीज के रिलेशन को बताया है।
- A Critique of Postcolonial Reason: Toward a History of the Vanishing Present (1999) – यह उनकी सबसे फेमस किताबों में से एक है, जिसमें उन्होंने पश्चिमी दार्शनिकों के विचारों की आलोचना की है और उपनिवेशवाद के प्रभावों की चर्चा की है।
- Death of a Discipline (2003) – इसमें उन्होंने तुलनात्मक साहित्य (Comparative Literature) के बदलते स्वरूप और उसके वैश्विक प्रभावों का विश्लेषण किया है।
- Other Asias (2008) – यह किताब एशियाई समाज, उनके सांस्कृतिक मतभेदों और पश्चिमी प्रभावों पर केंद्रित है।
- An Aesthetic Education in the Era of Globalization (2012) – इस किताब में उन्होंने वैश्वीकरण के युग में एस्थेटिक्स (Aesthetics) और एजुकेशन के रिलेशन पर चर्चा की है।
- Readings (2014) – इसमें उन्होंने साहित्यिक सिद्धांतों और समकालीन विचारों का गहन विश्लेषण किया है।
- Nationalism and the Imagination (2015) – इस पुस्तक में उन्होंने नेशनलिज्म, आइडेंटिटी और कल्चरल पॉलिटिक्स के बीच के संबंधों की पड़ताल की है।
वहीं, उन्होंने जर्मन दार्शनिक जैक्स डेरीडा (Jacques Derrida) की किताब ‘Of Grammatology’ का इंग्लिश में ट्रांसलेशन किया, जिससे वे अकादमिक जगत में चर्चा में आईं।

गायत्री ने बंगाली साहित्य, जैसे महाश्वेता देवी की रचनाओं को भी ट्रांसलेट किया।
पद्म भूषण से सम्मानित हो चुकी हैं गायत्री चक्रवर्ती
- 2012 में कला और दर्शन के लिए क्योटो पुरस्कार (Kyoto Prize) से सम्मानित किया गया।
- 2013 में भारत सरकार ने उन्हें देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया।
- 2025 में प्रतिष्ठित होलबर्ग पुरस्कार से भी नवाजा गया।
ह्यूमैनिटीज और सोशल साइंसेस में मिलता है होलबर्ग प्राइज
होलबर्ग पुरस्कार एक अंतरराष्ट्रीय सम्मान है, जो ह्यूमैनिटीज, सोशल साइंसेस, लॉ और थियोलॉजी के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले स्कॉलर्स को दिया जाता है। नॉर्वे की संसद ने साल 2003 में इस पुरस्कार की शुरुआत की थी।

होलबर्ग पुरस्कार, नोबेल पुरस्कार के समान ही प्रतिष्ठित माना जाता है, लेकिन ये विज्ञान के बजाय ह्यूमैनिटीज और सोशल साइंसेस के क्षेत्र में दिया जाता है।
दार्शनिक और इतिहासकार लुडविग होलबर्ग के नाम पर पुरस्कार
इस पुरस्कार का नाम लुडविग होलबर्ग (Ludvig Holberg) के नाम पर रखा गया है, जो एक प्रसिद्ध नॉर्वेजियन-डेनिश दार्शनिक, इतिहासकार और लेखक थे। होलबर्ग पुरस्कार विजेता को 6.5 मिलियन नॉर्वेजियन क्रोनर (लगभग 6 करोड़ भारतीय रुपए) की राशि प्रदान की जाती है।
ये खबर भी पढ़ें…
9 महीने बाद धरती पर लौटेंगी सुनीता विलियम्स: अमेरिकन नेवी में हेलिकॉप्टर पायलट बनीं, 2008 में पद्म भूषण से सम्मानित; जानें कंप्लीट प्रोफाइल

भारतीय मूल की अमेरिकन एस्ट्रोनॉट सुनीता विलिम्स बुधवार, 19 मार्च को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से धरती पर वापसी करेंगी। दरअसल, इलॉन मस्क की कंपनी SpaceX का स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन करीब 28 घंटे बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच गया है। पढ़ें पूरी खबर…