Jammu Kashmir Landmine Blast Photos Update; JCO | Poonch | जम्मू-कश्मीर में LOC के पास लैंडमाइन ब्लास्ट: अग्निवीर शहीद, 2 जवान घायल; क्रॉस फायरिंग में युवक की मौत, परिवार का प्रदर्शन; सीएम बोले- बेहद दुर्भाग्यपूर्ण

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36 मिनट पहलेलेखक: रउफ डार

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जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में शुक्रवार को नियंत्रण रेखा (LoC) के पास एक लैंडमाइन धमाका हुआ।

हादसे में सेना के अग्निवीर ललित कुमार शहीद हो गए, जबकि दो अन्य जवान घायल हो गए। यह घटना कृष्णा घाटी इलाके में एरिया डॉमिनेशन पेट्रोलिंग के दौरान हुई।

सेना ने बताया कि घायलों में एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) भी शामिल हैं। दोनों को मिलिट्री अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत स्थिर है।

सेना की व्हाइट नाइट कोर ने शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए एक्स पर लिखा;-

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7 जाट रेजिमेंट के अग्निवीर लालित कुमार को सलाम, जिन्होंने देश की सेवा करते हुए कृष्णा घाटी इलाके में जान की कुर्बानी दी। हम उनके परिवार के साथ इस दुख की घड़ी में खड़े हैं।

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जम्मू में क्रॉस फायरिंग में युवक की मौत जम्मू के निक्की टवी इलाके के 21 साल के युवक मोहम्मद परवेज की शुक्रवार को गोली लगने से मौत हो गई। यह घटना उस वक्त हुई जब पुलिस की एक टीम कथित ड्रग तस्करों का पीछा कर रही थी और इसी दौरान फायरिंग शुरू हो गई।

अज्ञात लोगों ने पुलिस पर गोली चलाई, जिससे हुई क्रॉस फायरिंग में मोहम्मद परवेज को गोली लगी। उसे गंभीर हालत में सरकारी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

मोहम्मद परवेज की यह तस्वीर सोशल मीडिया से ली गई है।

मोहम्मद परवेज की यह तस्वीर सोशल मीडिया से ली गई है।

परिवार का आरोप- निर्दोष था युवक घटना के बाद परवेज के परिजनों ने अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि परवेज का नशा तस्करी से कोई लेना-देना नहीं था। वह तो तवी नदी से रेत भरने का काम कर रहा था, उसी दौरान उसे गोली मार दी गई। सीनियर अफसर मौके पर पहुंचे हैं और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

CM अब्दुल्ला ने शोक जताया मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया। उन्होंने कहा:-

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मोहम्मद परवेज की हत्या बेहद अफसोसजनक है। पुलिस को बल प्रयोग करते समय सतर्कता और संतुलन बरतना चाहिए। अंधाधुंध कार्रवाई के कारण जम्मू-कश्मीर ने पहले ही भारी कीमत चुकाई है। इस मामले की पारदर्शी जांच होनी चाहिए। मैं परवेज के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।

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अप्रैल में 5 आतंकी और 6 पाकिस्तानी घुसपैठिए मारे थे

सेना के मुताबिक आतंकियों ने उरी सेक्टर में LoC पर घुसपैठ की कोशिश की थी।

सेना के मुताबिक आतंकियों ने उरी सेक्टर में LoC पर घुसपैठ की कोशिश की थी।

23 अप्रैल को बारामूला के उरी सेक्टर में LoC के पास आतंकी घुसपैठ की कोशिश की गई थी। सेना ने 2 आतंकवादियों को मार गिराया। सेना के अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बलों ने 2-3 आतंकियों को घुसपैठ की कोशिश करते देखा था।

अखनूर में 12 अप्रैल को आतंकवादियों से मुठभेड़ में 9 पंजाब रेजिमेंट के JCO कुलदीप चंद शहीद हो गए थे। अखनूर के केरी बट्टल इलाके में एक रात पहले एनकाउंटर शुरू हुआ था।

इसके अलावा 11 अप्रैल को ही किश्तवाड़ के जंगलों में एनकाउंटर के दौरान सुरक्षाबलों ने 3 आतंकियों को मार गिराया। तीनों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के हैं। इनमें टॉप कमांडर सैफुल्लाह भी शामिल था।

इससे पहले 4 और 5 अप्रैल की दरमियानी रात जम्मू में LoC पर आरएस पुरा सेक्टर पर BSF के जवानों ने एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को मार गिराया था।

वहीं, 1 अप्रैल को LoC पर सेना के एनकाउंटर में 4-5 पाकिस्तानी घुसपैठियों को मारा गया था। घटना पुंछ में LoC पर कृष्णा घाटी सेक्टर के फॉरवर्ड एरिया में हुई थी।

कठुआ में एक महीने में 3 एनकाउंटर

मार्च 2025 में कठुआ में सुरक्षाबलों की आतंकियों तीन मुठभेड़ हुईं। पहली मुठभेड़ 23 मार्च को हीरानगर सेक्टर में हुई थी। सुरक्षाबलों को जैश-ए-मोहम्मद के प्रॉक्सी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट से जुड़े 5 आतंकवादियों के छिपे होने की खबर मिली थी, लेकिन वे भागने में कामयाब रहे थे।

28 मार्च दूसरी बार मुठभेड़ हुई। जिसमें 2 आतंकी मारे गए थे। इस दौरान स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के 4 जवान तारिक अहमद, जसवंत सिंह, जगबीर सिंह और बलविंदर सिंह शहीद हुए थे। इनके अलावा DSP धीरज सिंह समेत तीन जवान घायल हुए थे। उनका इलाज जारी है।

31 मार्च की रात कठुआ में पंजतीर्थी मंदिर के पास तीसरी मुठभेड़ हुई। तीन आतंकियों के इलाके में छिपे होने की सूचना मिली। एक आतंकी के मारे जाने की भी बात सामने आई, लेकिन आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई।

28 मार्च: एनकाउंटर में मारे गए थे 2 आतंकी, 4 जवान भी शहीद

23 मार्च: आतंकियों ने एक परिवार को बंधक बनाया, लेकिन वे बच निकले

23 मार्च को हीरानगर सेक्टर में आतंकवादियों के एक ग्रुप को सुरक्षाबलों ने घेर लिया था, लेकिन वे भागने में कामयाब रहे। माना जा रहा है कि ये वही आतंकवादी हैं, जो सान्याल से निकलकर जखोले गांव के पास देखे गए।

हीरानगर सेक्टर में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के एक ग्रुप को घेर लिया था। उस दिन आतंकियों ने एक बच्ची और उसके माता-पिता को पकड़ लिया था। मौका मिलने पर तीनों आतंकियों के चंगुल से भाग निकले थे।

इस दौरान बच्ची की मामूली चोटें आई थीं। उन्होंने ही आतंकियों के छिपे होने की सूचना पुलिस को दी थी। महिला ने बताया था कि सभी ने दाढ़ी बढ़ा रखी थी और वे कमांडो की वर्दी पहने हुए थे।

जाखोले गांव हीरानगर सेक्टर से लगभग 30 किमी दूर है। जानकारी मिलते ही सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।

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