Jharkhand CM Shibu Soren Journey; Hemant Soren | JMM Dishom Guru | ‘आज मैं शून्य हो गया…गुरु जी चले गए’: शिबू सोरेन के निधन पर हेमंत की पोस्ट; झारखंड आंदोलन से लेकर CM बनने तक, 15 PHOTOS – Bihar News


”आज मैं शून्य हो गया हूं…गुरु जी छोड़कर चले गए।”

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पिता के निधन के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने X पर ये भावुक पोस्ट लिखी।

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन को ‘दिशोम गुरु’ के नाम से जाना जाता है। वे किडनी संबंधी समस्या से जूझ रहे थे। उन्हें करीब डेढ़ महीने पहले स्ट्रोक भी आया था। इसके बाद वे एक महीने से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे।

दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग के चेयरमैन डॉ. एके भल्ला और न्यूरोलॉजी की टीम सोरेन का इलाज कर रही थी। लंबी बीमारी के बाद सोमवार को दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में आखिरी सांस ली।

शिबू सोरेन से जुड़ी 15 तस्वीरें…

11 जनवरी 1944 रामगढ़ जिले के नेमरा में शिबू सोरेन का जन्म हुआ था। ये उनकी युवा अवस्था की फोटो है।

11 जनवरी 1944 रामगढ़ जिले के नेमरा में शिबू सोरेन का जन्म हुआ था। ये उनकी युवा अवस्था की फोटो है।

शिबू सोरेन ने बिनोद बिहारी महतो और एके राय के साथ मिलकर 4 फरवरी 1973 को झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना की थी।

शिबू सोरेन ने बिनोद बिहारी महतो और एके राय के साथ मिलकर 4 फरवरी 1973 को झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना की थी।

पुराने सहयोगी निर्मल महतो (शिबू सोरेन की दायीं ओर) के साथ गुरुजी की पुरानी फोटो। निर्मल महतो झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष भी बने थे।

पुराने सहयोगी निर्मल महतो (शिबू सोरेन की दायीं ओर) के साथ गुरुजी की पुरानी फोटो। निर्मल महतो झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष भी बने थे।

अलग झारखंड राज्य के लिए शिबू सोरेन (एकदम बाएं) ने लंबी लड़ाई लड़ी थी। ये आंदोलन के दौरान की तस्वीर है।

अलग झारखंड राज्य के लिए शिबू सोरेन (एकदम बाएं) ने लंबी लड़ाई लड़ी थी। ये आंदोलन के दौरान की तस्वीर है।

एके राय के साथ शिबू सोरेन। राय, शिबू से जुड़ने से पहले कम्युनिस्ट पार्टी के नेता थे।

एके राय के साथ शिबू सोरेन। राय, शिबू से जुड़ने से पहले कम्युनिस्ट पार्टी के नेता थे।

महाजन और झारखंड आंदोलन के दौरान शिबू सोरेन (दाढ़ी में) और उनके साथी।

महाजन और झारखंड आंदोलन के दौरान शिबू सोरेन (दाढ़ी में) और उनके साथी।

शिबू सोरेन ने गोला से धनकटनी आंदोलन शुरू किया, यह धीरे-धीरे बोकारो से होते हुए टुंडी तक जा पहुंचा। यह तस्वीर उसी दौर की है।

शिबू सोरेन ने गोला से धनकटनी आंदोलन शुरू किया, यह धीरे-धीरे बोकारो से होते हुए टुंडी तक जा पहुंचा। यह तस्वीर उसी दौर की है।

तस्वीर 29 जनवरी 2006 की है, जब तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने शिबू सोरेन को केंद्रीय मंत्री पद की शपथ दिलाई थी।

तस्वीर 29 जनवरी 2006 की है, जब तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने शिबू सोरेन को केंद्रीय मंत्री पद की शपथ दिलाई थी।

शिबू सोरेन की पहचान जमीनी नेता के तौर पर होती थी। मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहते हुए भी उनकी जीवनशैली साधारण ही थी।

शिबू सोरेन की पहचान जमीनी नेता के तौर पर होती थी। मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहते हुए भी उनकी जीवनशैली साधारण ही थी।

अपने दोनों बेटों हेमंत सोरेन (दायीं ओर) और बसंत सोरेन के साथ शिबू सोरेन की पुरानी तस्वीर।

अपने दोनों बेटों हेमंत सोरेन (दायीं ओर) और बसंत सोरेन के साथ शिबू सोरेन की पुरानी तस्वीर।

अपने परिवार के साथ शिबू सोरेन की पुरानी तस्वीर। फोटो में दाएं से - छोटा बेटा बसंत, पत्नी रूपी, बगल में बड़ा बेटा हेमंत, साथ में उनकी पत्नी कल्पना और पोते-पोतियां।

अपने परिवार के साथ शिबू सोरेन की पुरानी तस्वीर। फोटो में दाएं से – छोटा बेटा बसंत, पत्नी रूपी, बगल में बड़ा बेटा हेमंत, साथ में उनकी पत्नी कल्पना और पोते-पोतियां।

पत्नी रूपी सोरेन और पोते-पोतियों के साथ अपने जन्मदिन के मौके पर केक काटते शिबू सोरेन।

पत्नी रूपी सोरेन और पोते-पोतियों के साथ अपने जन्मदिन के मौके पर केक काटते शिबू सोरेन।

तस्वीर 6 मई 2024 की है। 96 दिन बाद जेल से कुछ घंटे के लिए बाहर आए हेमंत सोरेन, पिता शिबू से मिलने पहुंचे थे।

तस्वीर 6 मई 2024 की है। 96 दिन बाद जेल से कुछ घंटे के लिए बाहर आए हेमंत सोरेन, पिता शिबू से मिलने पहुंचे थे।

तस्वीर 9 सितंबर 2022 की है। उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए वोट देते शिबू सोरेन।

तस्वीर 9 सितंबर 2022 की है। उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए वोट देते शिबू सोरेन।

26 जून को शिबू सोरेन की तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद उन्हें दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

26 जून को शिबू सोरेन की तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद उन्हें दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

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शिबू सोरेन से ‘दिशोम गुरु’ बनने की कहानी:धान कटनी आंदोलन की शुरुआत की, आदिवासियों को जागरूक करने के लिए गांव-गांव जाते थे

राज्यसभा सांसद और झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन (गुरुजी) का सोमवार को निधन हो गया। दिल्ली में सर गंगाराम अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। बीते कुछ दिनों से वहां भर्ती थे। न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी और नेफ्रोलॉजी के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही थी। 81 साल के दिशोम गुरु शिबू सोरेन का जन्म वर्तमान रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड के नेमरा में 11 जनवरी 1944 को हुआ था। गांव के ही स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा लिए दिशोम गुरु का जीवन संघर्षों भरा रहा है। पूरी खबर पढ़ें…



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