Kajol will be seen doing action for the first time in ‘Maa’ | काजोल ने ‘मां’ को बताया दुनिया की पहली माइथोलॉजिकल हॉरर: बोलीं- क्लाईमैक्स शूट के बाद अजीब लगा, फिल्म की शूटिंग लोकेशन भी डरावनी थी


5 घंटे पहलेलेखक: आशीष तिवारी

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पांच साल के गैप के बाद काजोल माइथोलॉजिकल हॉरर फिल्म ‘मां’ से बड़े पर्दे पर वापसी कर रही हैं। ये फिल्म 27 जून को सिनेमाघरों में लग जाएगी। ये पहली बार होगा, जब वो पर्दे पर एक्शन करते नजर आएंगी। साथ ही हॉरर जॉनर भी वो पहली बार ही कर रही हैं। फिल्म के प्रमोशन के दौरान काजोल ने दैनिक भास्कर से हॉरर फिल्म में काम करने का एक्सपीरियंस और चुनौतियों पर बात की है। साथ ही उन्होंने फिल्म ‘मां’ को लेकर अपने स्प्रिचुअल कनेक्शन पर भी बात की।

काजोल, सबसे पहले तो आप ये बताएं कि आपके लिए मां का मतलब क्या है?

दुख में सुख में जो पहला शब्द मुंह से निकलता है, वो मां होता है। किसी भी पल में जब आपको अतिरिक्त शक्ति की जरूरत पड़ती है, तब मां का ही ख्याल आता है। ये एक शब्द इतना मायने रखता है कि आप अपनी मां को बुलाते हैं, माता को बुलाते हैं या कभी-कभी तो बस मुंह से मां यूं ही निकल जाता है। इस एक शब्द में कई सारे लेयर्स हैं।

पर्दे पर हमने आपका अलग-अलग अंदाज देखा है। आप हॉरर पहली बार कर रही हैं। इतने साल क्यों लगे?

मेरी फिल्म ‘मां’ देश ही नहीं दुनिया की पहली माइथोलॉजिकल हॉरर फिल्म है। मेरे जानने वाले जानते हैं कि मैं मां में कितना यकीन करती हूं। उन्हें लेकर मेरी कितनी श्रद्धा है। ये कहानी रक्तबीज और काली की कहानी है। मेरे पास जब स्क्रिप्ट आई तो मुझे इसका कॉन्सेप्ट बहुत पसंद आया। लगा कि मुझे ये करना चाहिए। हमने हॉरर कहकर इसकी शुरुआत नहीं की थी लेकिन धीरे-धीरे ये एक पावरफुल फिल्म बन गई। हमें हॉरर जैसे पावरफुल टर्म की जरूरत थी।

आपका मां काली के साथ एक स्प्रिचुअल कनेक्शन दिखता है। जब आप ये फिल्म कर रही थी तब उसका कोई इंफ्लुएंस रहा?

इसकी एक दिलचस्प कहानी है। मुझे जनवरी में अंदर से फीलिंग आ रही थी कि मुझे कामाख्या और दक्षिणेश्वर जाना था। लेकिन काम की वजह से वो हो नहीं पा रहा था। मैं वक्त नहीं निकाल पाई। कोई ना कोई बाधा आती गई। फिर एक दिन इस फिल्म का कॉल आया। आपको ये संयोग लगा सकता है लेकिन मैं इसे संयोग नहीं मानती। कहते हैं फिल्म बनाने में वक्त लगता है।

इस फिल्म में सब कुछ इतनी तेजी से हुआ है। कॉन्सेप्ट सुनने के 6 महीने बाद हमने शूटिंग शुरू कर दी। एक साल के अंदर फिल्म रिलीज के लिए तैयार है। मुझे सचमुच ये अद्भुत लगता है। लगता है कि जरूर मां का हाथ सिर पर है और वो कह रही है कि तुमने सही स्टेप लिया है।

इस फिल्म में आपने कई इंटेंस और इमोशनल सीन्स किए हैं। आपके लिए कितना चैलेंजिंग रहा?

मेरे लिए ये फिल्म इमोशनली चैलेंजिंग रहा है। इस फिल्म बहुत सारा एक्शन भी है तो ऐसे में एक्शन सीन्स बहुत मुश्किल रहा। इसमें कितना कुछ है, जो कि एक्टिंग से बहुत दूर है। मेरे लिए इन चीजों को करना ज्यादा चैलेंजिंग रहा है।

फिल्म में दोईतो कौन है? आप उसे कैसे हराने वाली हैं?

मैं आपको ये नहीं बताऊंगी, उसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी। राक्षस राक्षस होता है। हम जिसे दानव या पिशाच कहते हैं। फिल्म में आपके विश्वास और राक्षस के बीच की लड़ाई है। राक्षस के सामने आपके विश्वास का पलड़ा भारी रहेगा या नहीं। ये फिल्म का सवाल है।

युग और न्यासा को आपका ये अवतार कैसा लगा?

उन दोनों अभी तक ये फिल्म नहीं देखी है। हां, ट्रेलर देखकर युग को बहुत मजा आया। मैं पागल हो जाऊंगा, ऐसा उसका रिएक्शन था।

सेट की कोई यादगार बात या इमोशनल पल, जो आप बताना चाहें?

फिल्म का क्लाईमैक्स मेरे लिए इमोशनल मोमेंट था। वो शूट करने के बाद मुझे अजीब सा लगा। मैं एक मिनट के लिए चुप हो गई थी। मैं अभी आपको बताऊंगी तो अजीब लगेगा। आप जब फिल्म देखेंगे तो समझ आएगा कि मैं क्या और क्यों बोल रही हूं।

ऑडियंस के लिए आपका कोई मैसेज?

मैं ऑडियंस से कहूंगी कि मेरे लिए सिनेमा में जाकर इस फिल्म को देखें। हम सबने बहुत मेहनत कर के एक दिलचस्प फिल्म बनाई है। फनी नोट पर कहूं तो आपको मां की कसम है। फिल्म जब भी रिलीज हो, जाइए जाकर इसे फिल्म को देखिए।

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