Karnataka- 23 deaths due to heart attack in Hassan in 40 days | कर्नाटक- हासन में 40 दिन में हार्टअटैक से 23 मौतें: लोगों में दहशत; मैसूर हॉस्पिटल में रोज हजारों लोग जांच को पहुंचे


बेंगलुरु28 मिनट पहले

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मैसुरू के जयदेव हॉस्पिटल में रोजाना हजारों की संख्या में लोग हार्ट की जांच कराने के लिए पहुंच रहे हैं। - Dainik Bhaskar

मैसुरू के जयदेव हॉस्पिटल में रोजाना हजारों की संख्या में लोग हार्ट की जांच कराने के लिए पहुंच रहे हैं।

कर्नाटक के हासन में हार्ट अटैक से मौत के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 40 दिनों में यहां हार्ट अटैक से 23 मौतों हुई हैं। इनमें से छह पीड़ितों की उम्र 19 से 25 साल के बीच थी, जबकि आठ की उम्र 25 से 45 साल के बीच थी।

उधर बेंगलुरु के जयदेव अस्पताल में हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या में 8 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि बढ़ते मामलों के बीच हासन और आसपास के जिलों से कई लोग एहतियाती जांच के लिए आ रहे हैं। मैसूर के भी जयदेव अस्पताल में हार्ट से जुड़ी जांच के लिए रोजाना हजारों लोग पहुंच रहे हैं।

डॉक्टर बोले- घबराएं नहीं, खानपान में बदलाव करें जयदेव अस्पताल, मैसूर के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. केएस सदानंद ने लोगों से घबराने की अपील नहीं की। उन्होंने कहा, मीडिया में खबरें देखने के बाद, लोग घबराहट में अस्पताल की ओर भाग रहे हैं। जयदेव अस्पताल में एक बार जांच कराने से समस्या का समाधान नहीं होगा।”

लोगों को अपने आस-पास उपलब्ध किसी भी अस्पताल में हृदय की जांच करवानी चाहिए। सिर्फ हार्ट की जांच से भविष्य में होने वाली समस्याओं से बचा नहीं जा सकता। जीवनशैली में बदलाव जरूरी है। अच्छी सेहत बनाए रखने के लिए नियमित एक्सरसाइज भी जरूरी है।

राज्य सरकार ने जांच के लिए कमेटी गठित की उधर राज्य सरकार इस घटनाक्रम को गंभीरता से ले रही है। राज्य ने जयदेव हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. केएस रवींद्रनाथ के नेतृत्व में एक समिति गठित कर इन मौतों के कारणों की जांच करने का आदेश दिया।

समिति ने हाल ही में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें हासन मामले को एक अलग केस स्टडी के रूप में देखने सहित कई सिफारिशें शामिल हैं।

32% लोगों की मौत कार्डियोवस्कुलर डिजीज के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हर साल करीब 6 करोड़ लोगों की मौत होती है। इनमें से लगभग 32% मौतों की वजह कार्डियोवस्कुलर डिजीज है। यह बीमारी दुनिया में सबसे अधिक मौतों की वजह बनती है। हर साल लगभग पौने दो करोड़ लोग किसी-न-किसी हार्ट डिजीज के कारण जान गंवा रहे हैं।

पहले हार्ट डिजीज के ज्यादातर पेशेंट्स 60 साल से अधिक उम्र के होते थे। अब नई समस्या ये है कि बीते कुछ सालों में 30 साल से कम उम्र के लोग भी इसका शिकार बन रहे हैं। कोविड के बाद से तो जैसे हार्ट अटैक के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं।

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कम उम्र में हार्ट अटैक के 8 बड़े कारण: स्मोकिंग, फास्टफूड और मोटापा प्रमुख वजह

बीते कुछ सालों में युवाओं में हार्ट अटैक के जोखिम क्यों बढ़ रहे हैं? जवाब इसका भी वही है। फर्क बस इतना है कि इन लोगों का दिल उम्र से पहले ही बूढ़ा हो गया है। वजह लाइफ स्टाइल, हेल्थ कंडीशंस, कोविड या इनवायरमेंट कुछ भी हो सकती है। पढ़ें पूरी खबर…

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