Malegaon blast case verdict today after 17 years | मालेगांव ब्लास्ट मामले में 17 साल बाद फैसला आज: पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा और एक कर्नल समेत 12 आरोपी; धमाकों में 6 मौतें हुई थीं – Bhopal News


मालेगांव ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हुई थी। 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने 8 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

महाराष्ट्र के मालेगांव ब्लास्ट मामले में 17 साल बाद एनआईए की स्पेशल कोर्ट आज फैसला सुनाएगी। इस मामले में पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर और कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत करीब 12 आरोपी हैं। 29 सितंबर 2008 को ब्लास्ट हुए थे।

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इस धमाके में 6 लोगों की मौत हुई थी। करीब 101 लोग जख्मी हुए थे। इस ब्लास्ट के पीछे हिंदू राइट विंग ग्रुप्स से जुड़े लोगों का हाथ होने की बात सामने आई थी। इस केस की शुरुआती जांच महाराष्ट्र एटीएस ने की थी। 2011 में केस एनआईए को सौंप दिया गया। 2016 में एनआईए ने चार्जशीट दायर की।

इस मामले में 3 जांच एजेंसियां और 4 जज बदल चुके हैं। इससे पहले 8 मई 2025 को फैसला आने वाला था, लेकिन बाद में इसे 31 जुलाई तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।

प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने कहा- 31 जुलाई को मालूम पड़ जाएगा कि आरोपियों को कैसे फंसाया गया।

प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने कहा- 31 जुलाई को मालूम पड़ जाएगा कि आरोपियों को कैसे फंसाया गया।

प्रज्ञा ठाकुर पर धमाके की साजिश रचने का आरोप मामले में साध्वी प्रज्ञा, कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, समीर कुलकर्णी, स्वामी दयानंद पांडे और सुधाकर चतुर्वेदी पर हिंदुत्व विचारधारा से जुड़ी एक व्यापक साजिश के तहत विस्फोट की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का आरोप है।

323 गवाहों में से 32 ने बदल दिए थे बयान पहले एनआईए की ओर से कहा गया था कि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने अदालत से किसी भी तरह की नरमी न बरतने का आग्रह किया है। जबकि 323 गवाहों में से 32 ने कथित तौर पर दबाव में आकर अपने बयान वापस ले लिए।

इससे जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… 1. मालेगांव धमाके की कहानी और चार्जशीट का सच मालेगांव ब्लास्ट केस में एनआईए की विशेष अदालत गुरुवार 8 मई को फैसला सुना सकती है। केस की मुख्य आरोपी भोपाल की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर है। साध्वी के अलावा लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत 7 आरोपी हैं जिन पर आतंकी साजिश, हत्या, धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोप हैं। पूरी खबर पढ़ें…

2. बच्ची ने सुनी थी टिक-टिक की आवाज, फिर हुआ धमाका

मालेगांव ब्लास्ट मामले में 8 मई एनआईए की स्पेशल कोर्ट फैसला सुनाने वाली थी, लेकिन 31 जुलाई तक फैसला टाल दिया गया। दैनिक भास्कर की टीम ने मालेगांव पहुंचकर पीड़ित परिजन के अलावा घटना के चश्मदीदों से बात की। पूरी खबर पढ़ें…



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