नई दिल्ली11 मिनट पहले
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पुलिस ने घटना स्थल को काली पॉलिथीन से कवर कर दिया था।
ओडिशा के बायाबर गांव में में 19 जुलाई को कुछ लोगों ने 15 साल की एक लड़की को जिंदा जला दिया था। अब इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई है। लड़की को गंभीर हालत में पहले भुवनेश्वर और फिर दिल्ली के AIIMS अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए X पर लिखा कि मैं इस दुखद खबर से स्तब्ध हूं। सरकार और एम्स दिल्ली के डॉक्टरों की हर कोशिश के बावजूद हम उसकी जान नहीं बचा सके। उन्होंने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद देने का भरोसा दिया है और कहा है कि सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ओडिशा के पुरी में 19 जुलाई को 15 साल की नाबालिग लड़की पर तीन लोगों ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। लड़की की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। उसे 20 जुलाई को भुवनेश्वर एम्स से एयरलिफ्ट करके दिल्ली एम्स लाया गया था।
यहां उसे बर्न्स और प्लास्टिक सर्जरी ब्लॉक के ICU में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों की एक टीम उसकी हालत पर लगातार नजर रख रही थी। लड़की को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। इतनी कवायद के बाद भी नाबालिग को बचाया नहीं जा सका।

22 जुलाईः सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हम शर्मिंदा हैं
इससे पहले 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, ‘हम शर्मिंदा हैं।’ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की बेंच ने सोमवार को कहा कि ग्रामीण इलाकों की स्कूली लड़कियों, घरेलू महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित वातावरण मिलना चाहिए।
कोर्ट ने केंद्र और सभी पक्षों से ठोस सुझाव मांगे हैं। कोर्ट ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और महिला सुरक्षा पर गंभीर चिंता जताई।
सहेली के घर जाते वक्त तीन लोगों ने आग लगा दी थी
घटना पुरी जिले के बायाबर गांव में उस वक्त हुई जब पीड़ित लड़की अपनी सहेली के घर जा रही थी। तीन लोगों ने उसे रास्ते में रोका और पेट्रोल डालकर आग लगा दी। छात्रा को आग क्यों लगाई, अभी तक इसकी कोई वजह सामने नहीं आई है।

नवीन पटनायक बोले- राज्य में अपराधी बेखौफ ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि इस घटना की मुझे बेहद पीड़ा है। दिनदहाड़े एक बच्ची को जलाने की कोशिश की गई, यह बेहद डरावनी बात है। एक हफ्ते पहले ही एफएम कॉलेज की छात्रा ने न्याय न मिलने पर खुद को आग लगा ली थी। एक महीना पहले गोपालपुर में भी एक भयानक घटना हुई थी।
पटनायक ने सवाल किया, ‘क्या अब सरकार जागेगी? क्या अपराधियों को जल्द पकड़ा जाएगा? और क्या आगे ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे? ओडिशा की बेटियां इसका जवाब चाहती हैं।’

12 जुलाई- छात्रा ने आत्मदाह किया, आरोपी अरेस्ट

छात्रा सेक्शुअल हैरेसमेंट से परेशान थी, कोई सुनवाई न होने पर उसने खुद को आग लगा ली थी।
- छात्रा बालासोर जिले के फकीर मोहन कॉलेज में इंटीग्रेटेड BEd कोर्स में सेकेंड ईयर की स्टूडेंट थी। उसने 12 जुलाई को हेड ऑफ डिपार्टमेंट (HoD) के सेक्शुअल हैरेसमेंट से परेशान होकर कॉलेज कैंपस में खुद पर केरोसीन छिड़ककर आग लगा ली थी।
- घटना से पहले वह प्रिंसिपल के पास गई थी, लेकिन प्रिंसिपल ने उसे अपनी शिकायत वापस लेने को कहा था। इसके बाद उसने आत्मदाह कर लिया था। छात्रा को पहले बालासोर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से डॉक्टरों ने AIIMS भुवनेश्वर रेफर कर दिया था।
- ओडिशा पुलिस ने 12 जुलाई को ही आरोपी HoD समीर कुमार साहू को गिरफ्तार कर लिया था। राज्य सरकार ने कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप घोष को सस्पेंड किया था। हालांकि, राज्यभर में विरोध-प्रदर्शन के बीच 14 जुलाई को पुलिस ने प्रिंसिपल को भी गिरफ्तार कर लिया।
- छात्रा 95 फीसदी से ज्यादा जल चुकी थी। उसने 14 जुलाई की देर रात भुवनेश्वर AIIMS में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

17 जुलाई: कांग्रेस सहित 8 पार्टियों का प्रदर्शन सेक्शुअल हैरेसमेंट की शिकार छात्रा की मौत को लेकर विपक्ष ने 17 जुलाई को ओडिशा बंद बुलाया था। प्रदर्शनकारियों ने भद्रक में ट्रेन को रोका था। भुवनेश्वर में बसों का चक्काजाम किया गया था।
भद्रक जिले के चेन्नई-कोलकाता हाईवे पर टायर जलाए गए थे, जिसके चलते ट्रकों की लंबी कतार लग गई थी। मयूरभंज में भी लोग सड़क पर प्रदर्शन करने उतरे थे
कांग्रेस सहित 8 विपक्षी पार्टियां इस प्रदर्शन में शामिल हुईं थीं। इनमें बीजू जनता दल, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सवादी CPI(M), सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (SUCI) के नेता-कार्यकर्ता भी प्रदर्शन में नजर आए थे। पूरी खबर पढ़ें…

प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने ओडिशा कांग्रेस प्रभारी अजय कुमार लल्लू को हिरासत में ले लिया था।
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