Monsoon arrived 10 days earlier in MP | एमपी में मानसून की एंट्री: बड़वानी, खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर से प्रदेश में पहुंचा; अबकी बार 106% बारिश होगी – Bhopal News


मध्यप्रदेश में मानसून का इंतजार खत्म हो गया है। आज मानसून ने प्रदेश में दस्तक दे दी। दक्षिण-पश्चिम मानसून बड़वानी, खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर के रास्ते प्रदेश में पहुंचा। इस बार मानसून 1 दिन लेट हो गया। पिछली बार 6 दिन की देरी से 21 जून को आया था।

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प्रदेश में मानसून के प्रवेश की सामान्य तारीख 15 जून है। चूंकि, इस बार देश में मानसून 8 दिन पहले ही आ गया था। इसलिए संभावना थी कि एमपी में यह जून के पहले सप्ताह में ही आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। महाराष्ट्र में एक ही जगह पर मानसून ठहरा रहा। इस वजह से यह आगे नहीं बढ़ा। दो-तीन दिन से मानसून की गतिविधियां फिर बढ़ी। इसके बाद आज यह प्रदेश में छा गया।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने जून से सितंबर यानी चार महीने तक प्रदेश में 104 से 106% तक बारिश होने का अनुमान जताया है। यानी, इस बार प्रदेश में 40 इंच या इससे अधिक पानी गिर सकता है। 27 मई को मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया था।

देश में 8 दिन पहले पहुंचा था मानसून इससे पहले मानसून ने देश में भी 8 दिन पहले दस्तक दी थी। वहीं, 26 मई को मानसून महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे समेत कई शहरों में 15 दिन पहले ही पहुंच गया था, जबकि यहां मानसून आने की सामान्य तारीख 10 जून तक है। हालांकि, इसके बाद मानसून एक ही जगह पर ठहर गया था।

इस वजह से मध्यप्रदेश में आने में ज्यादा दिन लग गए। पहले मौसम विभाग ने 4 जून तक मानसून की एंट्री की संभावना जताई थी। एमपी में मानसून के एंटर होने की सामान्य तारीख 15 जून है। साल 2024 में यह 6 दिन लेट हो गया था।

इन जिलों से एंट्री मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश के दक्षिणी हिस्से यानी मंडला, सिवनी, डिंडौरी, बालाघाट, अनूपपुर, बुरहानपुर, पांढुर्णा, बैतूल, बड़वानी के रास्ते से मानसून की हर साल दस्तक होती है। वहीं, ग्वालियर-चंबल में सबसे लेट पहुंचता है। साल 2024 की बात करें तो मानसून ने पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी और अनूपपुर जिले में प्रवेश किया था। इस बार भी इन्हीं जिलों से मानसून पहुंचा है।

बारिश के सामान्य से बेहतर रहने की उम्मीद प्रदेश में इस बार मानसून के सामान्य से बेहतर रहने की उम्मीद जताई जा रही है। अनुमान के मुताबिक 104 से 106% यानी औसत 39-40 इंच बारिश हो सकती है। जबलपुर, सागर-शहडोल संभाग में सबसे ज्यादा पानी गिरेगा। ग्वालियर, चंबल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, रीवा और भोपाल संभाग में भी कोटा फुल हो जाएगा।

साल 2024 में औसत 44.1 इंच बारिश हुई थी। भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर समेत 44 जिलों में कोटे से ज्यादा बारिश हुई थी। नतीजा ये रहा है कि सोयाबीन का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 2 क्विंटल तक बढ़ गया था। वहीं, गेहूं-चने के लिए भी पानी पर्याप्त गिरा था। इससे पहले साल 2023 में प्रदेश के 25 से ज्यादा जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई थी।

मौसम विभाग नई दिल्ली ने 27 मई को मध्यप्रदेश समेत देश में इस बार अच्छी बारिश होने का पूर्वानुमान जारी किया था।

मौसम विभाग नई दिल्ली ने 27 मई को मध्यप्रदेश समेत देश में इस बार अच्छी बारिश होने का पूर्वानुमान जारी किया था।

इन जिलों में अच्छी बारिश होने की उम्मीद मौसम विभाग ने प्रदेश के ज्यादातर जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश होने का अनुमान जताया है। जबलपुर, शहडोल संभाग में सबसे अधिक पानी गिरने की उम्मीद है। वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर, चंबल, सागर और रीवा संभाग के ज्यादातर जिलों में डेढ़ सौ फीसदी तक पानी गिर सकता है। उत्तरप्रदेश बॉर्डर से लगे कुछ जिलों में सामान्य बारिश के भी आसार हैं।

2017 में सबसे कम, 2019 में जमकर बारिश हुई पिछले 10 साल के बारिश के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2017 में सबसे कम बारिश हुई थी। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37.3 इंच है। इसके मुकाबले औसत 29.9 इंच बारिश हुई थी। साल 2015 में 32.4 इंच, 2018 में 34.3 इंच बारिश दर्ज की गई थी।

सबसे ज्यादा पानी साल 2019 में 53 इंच हुई थी। 2021 और 2023 में सामान्य से थोड़ी ही कम बारिश हुई थी। इस तरह कह सकते हैं कि पिछले 6 साल से प्रदेश में अच्छी बरसात हो रही है। अगर मौसम विभाग का इस साल का अनुमान सटीक बैठता है तो लगातार 7वें साल प्रदेश में सामान्य से ज्यादा बारिश होगी।



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