पर्णश्री देवी56 मिनट पहले
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मानसून में मुन्नार सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि एक एहसास है। जैसे ही बादल नीचे उतरते हैं और घाटियां पन्ने जैसी हरियाली में नहाती हैं, यह हिल स्टेशन एक सपनों की दुनिया बन जाता है, ऐसा स्थान जहां हर पत्ते से रोमांस टपकता है और प्रेम धुंध भरी हवाओं में तैरता है। जून आते ही बारिश की पहली बूंदें मुन्नार की बलखाती पहाड़ियों में नई जान फूंक देती हैं। जो पहले से हरा था, वह और भी हरा हो जाता है। काई लगी दीवारों पर जंगली फूल खिल उठते हैं और पूरा दृश्य जीवंतता से भर उठता है।
धुंधली सुबह और मनमौजी आसमान बारिश के दौरान मुन्नार की सुबह जगना ऐसा है, मानो आपने किसी वॉटरकलर पेंटिंग के भीतर आंखें खोली हों। खिड़की से झांकते ही आपको धुंधभरी हवाएं तैरती दिखाई देती हैं। आसमान धूसर और चांदी जैसे रंगों की चादर बन जाता है, जो पहाड़ियों को एक रहस्यमय आकर्षण देता है। आप अपने दिन की शुरुआत स्थानीय स्तर पर उगाई गई चाय की गर्म प्याली से कर सकते हैं। यहां के प्रसिद्ध मसालों जैसे इलायची, लौंग और काली मिर्च की सुगंध आपको हर जगह महसूस होगी। मुन्नार की मानसूनी सुबह आप कहीं एक जगह बैठकर शांति के साथ बिता सकते हैं।
झरनों का आकर्षण मानसून में मुन्नार के झरने अपने पूरे यौवन में नजर आते हैं। यहां झरनों की आवाज ऐसी लगती है, मानो गूंजती हुई सिम्फनी। लहरदार पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच स्थित अट्टुकड झरना सबसे देखने लायक है। छोटी-सी ट्रेकिंग करके यहां तक पहुंचा जा सकता है। रोमांच चाहने वाले जोड़ों के लिए एकदम मुनासिब जगह है। इसी तरह लक्कम झरना भी अपने आप में हैरान करने वाला है। यह चिकनी चट्टानों पर बहते हुए नीचे बने जलाशयों में गिरता है, जहां आधार से उठती धुंध एक जादुई माहौल बना देती है। और इसी तरह के और भी कई झरने हैं। हर झरना सिर्फ एक डेस्टिनेशन भर नहीं है, बल्कि आपकी स्मृतियों में हमेशा के लिए याद बनकर बस जाता है।
चाय के बागान मुन्नार के चाय के बागान तो वैसे ही प्रसिद्ध हैं, लेकिन बारिश के मौसम में ये रूहानी किस्म की दुनिया जैसे प्रतीत होने लगते हैं। धुंध में डूबे और पहाड़ियों पर तराशे गए पौधों की कतारें न केवल दिखने में सुंदर होती हैं, बल्कि कभी न भूलने वाला अनुभव भी देती हैं। पर्यटक कोलुक्कुमलई टी एस्टेट जैसे बागानों में गाइडेड वॉक पर जा सकते हैं, जो दुनिया में सबसे ऊंचाई पर स्थित चाय बागान माना जाता है। देविकुलम की हरी कतारों से युक्त बागान तस्वीरें खींचने के लिए सबसे उपयुक्त है। मुन्नार शहर का टी म्यूजियम जाना न भूलें, जहां आप समझ सकते हैं कि आपकी सुबह की चाय किस तरह जीवन पाती है।
एराविकुलम नेशनल पार्क बारिश के दौरान सुरक्षा कारणों से एराविकुलम नेशनल पार्क के अधिकांश हिस्से बंद हो सकते हैं, लेकिन अगर यह खुला हो तो इसकी सैर जरूर करें। यह दुर्लभ नीलगिरी तहर (एक तरह की जंगली बकरी) और दूर तक फैले घास के मैदानों का घर है। मानसून के दौरान यहां कई बार पहाड़ियों पर इंद्रधनुष देखने को मिल जाता है जो एक जादुई दृश्य रच देता है।
मानसूनी स्वाद का उठाएं आनंद केरल की पाक विरासत अपने आप में एक दिलचस्प अनुभव है। मुन्नार इसे मानसून स्पेशल व्यंजनों के साथ जीवंत कर देता है। ताजी तली हुई केले की पकौड़ियां और भाप में बनी पुट्टू के साथ कडला करी जरूर आजमाएं। अगर आप मांसाहारी हैं तो गरमा-गरम केरल-स्टाइल फिश करी भी ट्राय कर सकते हैं।
कैसे पहुंचें मुन्नार? एर्णाकुलम से मुन्नार 125 किलोमीटर दूर है। एर्णाकुलम का रेलवे स्टेशन देश के सभी मुख्य भागों से रेलमार्ग से अच्छी तरह जुड़ा है। एर्णाकुलम से बसें आसानी से मिल जाती हैं। टैक्सी भी एर्णाकुलम से मिल जाएगी। मुन्नार घूमने के लिए टैक्सी लेना ही ज्यादा बेहतर रहेगा। अगर आप हवाई जहाज से आ रहे हों तो कोच्चि एयरपोर्ट एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जहां देश-विदेश से फ्लाइट आती हैं। तमिलनाडु के प्रमुख शहर मदुरई से मुन्नार की दूरी केवल 160 किलोमीटर है। मदुरई भी रेल व हवाई मार्ग से पूरे देश से जुड़ा है।