NASA Axiom Mission Launch date; Shubhanshu Shukla | ISRO Astronaut | अब 25 जून को लॉन्च होगा एक्सियम-4 मिशन: दोपहर 12.01 बजे स्पेसएक्स के नए ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से जाएगा; अबतक 6 बार टल चुका


नई दिल्ली5 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
ISS जाने से पहले शुभांशु शुक्ला ने 8 जून को फुल ड्रेस रिहर्सल की थी। - Dainik Bhaskar

ISS जाने से पहले शुभांशु शुक्ला ने 8 जून को फुल ड्रेस रिहर्सल की थी।

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन Axiom-4 के लॉन्च की नई तारीख सामने आई है। अब यह मिशन 25 जून को भारतीय समयानुसार दोपहर 12.01 बजे अंतरिक्ष की ओर रवाना होगा। इसकी डॉकिंग 26 जून को शाम 4:30 बजे होगी। इसकी पुष्टि मंगलवार को NASA ने की।

फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च करने के बाद क्रू को एक नए स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर भेजा जाएगा। एक्सियम मिशन 4 (Ax-4) में चार देशों के चार एस्ट्रोनॉट 14 दिन के लिए स्पेस स्टेशन जाने वाले हैं।

शुभांशु ISS पर जाने वाले पहले और स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। इससे पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी।

एक्सियम-4 मिशन का नेतृत्व कमांडर पैगी व्हिटसन कर रही हैं, जिसमें शुक्ला मिशन पायलट हैं। हंगरी के टिबोर कापू और पोलैंड के स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की मिशन एक्सपर्ट हैं।

एक महीने में 6 बार टल चुका मिशन

29 मई, 8 जून, 10 जून, 11 जून, 12 जून और 22 जून को भी लॉन्चिंग शेड्यूल थी, लेकिन ISS के Zvezda सर्विस मॉड्यूल के पिछले हिस्से में हाल ही में हुए मरम्मत कार्य की समीक्षा और सुरक्षा जांच के लिए इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया।

एक्सियम-4 (Ax-4) में चार देशों के चार एस्ट्रोनॉट 14 दिन के लिए स्पेस स्टेशन जाने वाले हैं। शुभांशु ISS पर जाने वाले पहले और स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। इससे पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी।

अंतरिक्ष में पहली बार इंसुलिन और ब्लड-शुगर पर होगा रिसर्च

एक्सियम-4 मिशन डाइबिटीज के मरीजों के लिए अंतरिक्ष की यात्रा करने की उम्मीद की किरण लेकर आया है। ऐसा इसलिए क्योंकि UAE की हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर बुर्जील होल्डिंग्स माइक्रोग्रैविटी में ग्लूकोज के व्यवहार पर एक रिसर्च कर रही है।

एक्सियम-4 मिशन के तहत सूट राइड एक्सपेरिमेंट के एक हिस्से के रूप में भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला समेत बाकी लोग ऑर्बिटल लैब में 14 दिन लगातार ग्लूकोज मॉनिटर पहनेंगे।

अबू धाबी की बुर्जील होल्डिंग्स के CMO मोहम्मद फितयान ने पीटीआई को बताया कि वे बस यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि अंतरिक्ष में रहने के दौरान ब्लड शुगर के लेवल में कोई बदलाव या उतार-चढ़ाव होता है या नहीं।

माइक्रोग्रैविटी में ग्लूकोज और इंसुलिन के व्यवहार के अध्ययन से वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष यात्रियों और उन रोगियों के लिए वियरेबल टेक्नीक बनाने में मदद मिलेगी जो बिस्तर पर पड़े हैं या लकवा जैसी बीमारियों के कारण कम मूवमेंट कर पाते हैं।

इसके अलावा अंतरिक्ष यात्री इंसुलिन पेन भी साथ ले जाएंगे, जो अलग-अलग तापमान में रखे होंगे, जिससे यह देखा जा सके कि माइक्रोग्रैविटी में इंसुलिन के अणुओं पर क्या असर पड़ता है।

अभी तक अंतरिक्ष यात्रा पर नहीं गया कोई शुगर पेशेंट

नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) इंसुलिन लेने वाले डाइबिटीज के रोगियों को अंतरिक्ष में जाने की परमिशन नहीं देता है। हालांकि इंसुलिन न लेने वाले डाइबिटीज के रोगियों के लिए कोई आधिकारिक मनाही नहीं है, लेकिन अभी तक कोई भी शुगर पेशेंट एस्ट्रोनॉट ने अंतरिक्ष की यात्रा नहीं की है।

इसके अलावा एक्सियम मिशन-4 के दौरान 60 प्रयोग किए जाने हैं, जिनमें 7 भारतीय वैज्ञानिकों ने डेवलप किए हैं​​। इसमें माइक्रोग्रैविटी में स्प्राउट्स का अंकुरण, फसलों के बीजों पर रिसर्च, एल्गी पर माइक्रोग्रैविटी और रेडिएशन का असर जैसे रिसर्च प्रोजेक्ट शामिल हैं।​​​​​

——————————–

शुभांशु शुक्ला से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

शुभांशु अंतरिक्ष के लिए रेडी, मां को खाने की टेंशन:लखनऊ में बहन बोलीं- बचपन में कहते थे मैं तारों के पास घूमने जाऊंगा

लखनऊ के शुभांशु शुक्ला जल्द ही NASA और Axiom Space के कंबाइंड मिशन पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की उड़ान भरेंगे। मिशन में उनके साथ 4 लोग जा रहे हैं। मिशन का नाम-Axiom 4 है। अंतरिक्ष में वे 14 दिन रहेंगे। इंडियन एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन और एस्ट्रोनॉट शुभांशु ऐसा करने वाले के दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे, उनसे पहले राकेश शर्मा ये कारनामा कर चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…



Source link

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top