Navaratri 2025 Kalash Sthapana Ghatasthapana Puja Muhurat; Pujan Samagri List – Devi MATA Solah Shringar Kit | नवरात्रि 30 मार्च से 6 अप्रैल तक: घटस्थापना के लिए 2 मुहूर्त, जानिए नौ देवियों की पूजा विधि और व्रत का विज्ञान

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1 घंटे पहले

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30 मार्च से चैत्र नवरात्रि शुरू होगी। 6 अप्रैल को इसका आखिरी दिन रहेगा। इस बार एक तिथि घटने से 8 दिन का त्योहार रहेगा। 30 तारीख को घटस्थापना के लिए दो ही मुहूर्त रहेंगे।

ये नवरात्रि गुड़ी पड़वा से शुरू होती है और रामनवमी पर खत्म होती है। हिंदू नववर्ष के साथ शुरू होने के कारण ये साल की पहली नवरात्रि होती है। इस वक्त वसंत ऋतु होने से इसे वासंती नवरात्रि भी कहते हैं।

इन दिनों देवी पूजा के साथ व्रत पर ज्यादा जोर दिया जाता है। वजह ये कि आयुर्वेद के मुताबिक वसंत ऋतु शुरू होते ही बीमारियां बढ़ती हैं। इस मौसम में खानपान पर ध्यान देने से बीमार नहीं होंगे।

व्रत का विज्ञान: फास्टिंग से सेहत अच्छी रहती है, उम्र बढ़ने की संभावना भी ज्यादा

नवरात्रि एक अच्छा मौका है जब हम अपनी रूटीन खान-पान की आदतों को बदलें और नौ दिन व्रत रखें।

व्रत के दौरान खाना छोड़ने या कम से कम खाना खाने से शरीर को जरूरी ऊर्जा नहीं मिलती। ऐसे में शरीर अपनी सबसे कमजोर कोशिकाओं को खाकर ऊर्जा बनाता है। फास्टिंग से शरीर में अच्छी कोशिकाएं रह जाती है। इससे शरीर स्वस्थ हो जाता है।

इस प्रोसेस को ऑटोफेजी कहते हैं। जापानी साइंटिस्ट योशिनोरी ओशुमी को इस प्रक्रिया के पीछे का विज्ञान और फायदे समझाने के लिए वर्ष 2016 में मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार मिला।

अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजिंग में मार्क मैटसन चूहों पर उपवास के असर पर रिसर्च कर रहे हैं। उनके मुताबिक उपवास में हम अपने शरीर को थोड़ा स्ट्रेस में डालते हैं। ये अच्छा स्ट्रेस होता है। इससे शरीर की कोशिकाएं स्ट्रेस से लड़ने के लिए तैयार होती हैं। शरीर को रिकवर होने का समय देते हुए फास्टिंग की जाए तो इससे शरीर की क्षमता बढ़ती है और उम्र बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है।

तीन तरह से रखा जाता है व्रत

इन दिनों सिर्फ खानपान में ही संयम नहीं रखा जाता, बल्कि मन, वचन और कर्म से भी पवित्र रहकर व्रत रखा जाता है। इससे शारीरिक और मानसिक, दोनों सेहत अच्छी रहती है। इन्हें मानसिक, वाचिक और कायिक व्रत कहा जाता है।

मानसिक व्रत में काम, क्रोध, लोभ जैसे विचारों का त्याग करना होता है।

वाचिक व्रत में सिर्फ सच बोलना होता है। साथ ही ऐसी बात नहीं बोलनी होती है जिससे किसी को ठेस पहुंचती हो।

कायिक व्रत में शारीरिक हिंसा से बचते हैं। ऐसा कोई काम नहीं करते जिससे किसी को नुकसान पहुंचे।

फोटो: एआई जनरेटेड

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