अहमदाबाद2 घंटे पहले
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अहमदाबाद की साबरमती रिवरफ्रंट पर साल 2023 में रिवर क्रूज सेवा शुरू की गई थी।
साल 2023 में साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एसआरएफडीसीएल) ने साबरमती रिवरफ्रंट पर पहली बार रिवर क्रूज सेवा शुरू की थी। लेकिन, नदी का पानी कम होने के चलते बड़े जोर-शोर से शुरू किया गया यह रिवर क्रूज अब बंद होने की स्थिति में है।
इस तरह जिपलाइन, सी प्लेन और हेलीकॉप्टर की सवारी समेत पीएम मोदी का अहमदाबाद का यह चौथा ड्रीम प्रोजेक्ट भी बंद होने की कगार पर है।
गौरतलब है कि साबरमती नदी पर चलने वाला अक्षर रिवर क्रूज पिछले दो महीने से लगातार बंद चल रहा है। रिवर क्रूज चलाने वाले अक्षर ग्रुप को 3 से 3.5 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हो चुका है। इसके चलते इस प्रोजेक्ट को भी मुश्किलों से आगे खींचा जा रहा है।

सीप्लेन, हेलीकॉप्टर की सवारी समेत 3 प्रोजेक्ट बंद हुए केवड़िया सी-प्लेन प्रोजेक्ट वर्ष 2020 में बड़े जोर-शोर से शुरू किया गया था, लेकिन साबरमती नदी के पानी और दूसरी तकनीकी दिक्कतों की वजह से उस प्रोजेक्ट को भी बंद करना पड़ा। इसके बाद रिवरफ्रंट पर रोमांच के लिए जिपलाइन शुरू की गई, उसे भी बंद करना पड़ा।
साल 2024 में हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की गई, जिसमें अहमदाबाद का नजारा देखने के लिए ये हेलीकॉप्टर की सवारी शुरू की गई, हालांकि, सीप्लेन की तरह ऐसी स्थिति पैदा हुई कि इसे भी कुछ ही समय में बंद करना पड़ा। करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट लॉन्च होते हैं और खर्च भी होते हैं, लेकिन ऐसे प्रोजेक्ट में कहीं भी ठीक से प्लानिंग न होने की वजह से उन्हें बंद करना पड़ता है।

रिवर क्रूज बंद होने से 3 से 3.5 करोड़ रुपए का नुकसान अक्षर ट्रैवल्स के सुहाग मोदी ने दिव्य भास्कर से बातचीत में बताया कि मेकिंग इंडिया के तहत साबरमती रिवरफ्रंट पर रिवर क्रूज शुरू किया गया है, जिसे हम चला रहे हैं। साबरमती नदी में पानी की कमी से क्रूज बंद होने से करीब 3 से 3.5 करोड़ रुपए का नुकसान भी हो चुका है।
अक्षर रिवर क्रूज चलाने के लिए सरकार का सहयोग जरूरी है। जब पर्यटक आ रहे हों तो इसका अच्छे से प्रचार-प्रसार होना चाहिए, लेकिन मानसून के दौरान जब नदी का जलस्तर कम हो जाता है, तब इसे बंद करना पड़ता है। इसकी भी कुछ व्यवस्था करनी चाहिए।
सुहाग मोदी ने आगे कहा कि मानसून के दौरान बिना किसी पूर्व सूचना के नदी से पानी छोड़ दिया जाता है, जिसके कारण क्रूज को बंद करना पड़ता है। रिवरफ्रंट कॉर्पोरेशन की दोधारी नीति के कारण रिवर क्रूज को अब तक साढ़े तीन करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।

साबरमती रिवरफ्रंट पर रिवर क्रूज शुरू करने का फैसला लिया गया था, जिसमें अक्षर ग्रुप की ओर से 65 लाख रुपये सालाना किराया दिया जा रहा है, लेकिन अब ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि किराया और खर्च अक्षर रिवर क्रूज के लिए सिरदर्द बन गए हैं. साबरमती नदी में कभी भी पानी का स्तर कम हो जाता है, जिसके कारण क्रूज नहीं चल पाता।
इसके अलावा पिछले पांच साल से भी ज्यादा समय से नदी में मिट्टी की तलछट काफी बढ़ गई है, जिसके कारण नदी में तलछट ज्यादा है और पानी कम. कभी-कभी इसकी वजह से क्रूज को नुकसान भी होता है।
इन सब चीजों की वजह से अब अक्षर रिवर क्रूज को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है, जो उसे उठाना पड़ रहा है। इसलिए अब उन्होंने किराए में छूट की भी मांग की है। ———————–
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