Oscar entry ‘Santosh’ facing CBFC ban in India | ऑस्कर एंट्री ‘संतोष’ भारत में CBFC की रोक झेल रह: एक्ट्रेस सुनीता राजवार बोलीं- फिल्म चर्चा में है, यही सबसे बड़ी बात है


6 मिनट पहलेलेखक: किरण जैन

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फिल्म ‘संतोष’ की भारत में रिलीज पर रोक लगने के बाद इस पर लगातार चर्चा हो रही है। इस फिल्म में अहम भूमिका निभाने वाली एक्ट्रेस सुनीता राजवार ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखी। बता दें, सुनीता फिल्म में एक सीनियर पुलिस अधिकारी की भूमिका निभा रही हैं।

‘फिल्म के बारे में बात हो रही है, यही बड़ी बात है’

दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान, सुनीता राजवार ने कहा, ‘मैंने इस फिल्म में काम किया और मुझे इसमें बहुत अच्छा किरदार निभाने का मौका मिला। ऐसा नहीं लगा कि हम कुछ गलत दिखा रहे हैं। हर प्रोजेक्ट का अपना नसीब होता है, कभी-कभी समय साथ नहीं देता। लेकिन मैं इसे सकारात्मक रूप से लेती हूं कि कम से कम मेरी फिल्म पर चर्चा हो रही है। कई अच्छी फिल्में बनती हैं, लेकिन उनके बारे में कोई बात ही नहीं करता। मेरी फिल्म के बारे में लोग बात कर रहे हैं, यही मेरे लिए बड़ी बात है।’

‘रूल्स तो फॉलो करने ही पड़ेंगे’

जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत में फिल्म रिलीज को लेकर सख्ती कम होनी चाहिए, तो उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि इस पर क्या कहना सही होगा और क्या गलत। मैं एक कलाकार हूं, जिसे सिर्फ अपना काम करना आता है। प्रोडक्शन, मार्केटिंग जैसी चीजों की मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। बतौर कलाकार मैं बस अपना काम करती हूं और आगे बढ़ जाती हूं। फिल्म विदेशों में सराही जा रही है, ऑस्कर की नॉमिनेशन लिस्ट तक पहुंची, यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है।’

‘फिल्म सुर्खियों में है, यही सबसे बड़ा संतोष है’

सुनीता ने आगे कहा, ‘मुझे संतोष है कि मेरी फिल्म चर्चा में बनी हुई है। हिंदुस्तान में भी जिन लोगों ने इसे देखा, उन्होंने फिल्म, कलाकारों और डायरेक्शन की तारीफ की है। हमारी मेहनत सफल रही है। बाकी जो भी नियम-कानून हैं, उन्हें तो फॉलो करना ही होगा। सबसे जरूरी यह है कि हमारी फिल्म गायब नहीं हुई, बल्कि सुर्खियों में बनी हुई है।’

क्यों रोकी गई ‘संतोष’ की रिलीज?

फिल्म ‘संतोष’ एक काल्पनिक उत्तर भारतीय कस्बे की कहानी पर आधारित है, जिसमें एक युवा विधवा (शहाना गोस्वामी) पुलिस फोर्स जॉइन कर दलित लड़की की हत्या की जांच करती है। फिल्म पुलिस निचली जाति की महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा और इस्लामोफोबिया जैसे सिस्टम से जुड़े मुद्दों को उजागर करती है।

इन गंभीर विषयों की वजह से फिल्म को कान्स फिल्म फेस्टिवल में सराहा गया और इसे यूके की तरफ से 2025 ऑस्कर के लिए इंटरनेशनल फीचर कैटेगरी में नामांकित किया गया। लेकिन यही मुद्दे CBFC के लिए विवाद का कारण बन गए।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, CBFC ने फिल्म में कई बड़े कट्स की मांग की, जिसमें पुलिस की नकारात्मक छवि दिखाने का हवाला दिया गया।

डायरेक्टर संध्या सूरी ने CBFC पर क्या कहा?

द गार्जियन को दिए इंटरव्यू में संध्या सूरी ने कहा, ‘मेरे लिए यह बहुत जरूरी था कि फिल्म भारत में रिलीज हो, इसलिए मैंने कोशिश की कि कोई रास्ता निकले। लेकिन आखिर में यह मुमकिन नहीं हो पाया। इतने कट्स लगाने के बाद फिल्म समझ ही नहीं आती और इसकी मूल सोच भी बदल जाती। मैं नहीं मानती कि मेरी फिल्म हिंसा को महिमा मंडित करती है, जैसा कि कई अन्य पुलिस पर बनी फिल्मों में होता है। इसमें कुछ भी सनसनीखेज नहीं है।’

फिल्म को विदेशों में काफी सराही गई है। लेकिन इसकी कहानी और कुछ संवेदनशील मुद्दों के चलते इसे भारत में रिलीज की मंजूरी नहीं मिली। हाल ही में यह फिल्म ऑस्कर की नॉमिनेशन लिस्ट तक पहुंची थी।

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