श्रीनगर5 मिनट पहले
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22 अप्रैल को पहलगाम की बायसरन घाटी में आतंकियों ने टूरिस्ट्स पर गोली चलाई थीं। हमले में 27 पर्यटकों की मौत हुई थी।
पहलगाम आतंकी हमले के दो महीने बाद नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने पहलगाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया है। NIA की जांच में खुलासा हुआ है कि इन दोनों ने हमले को अंजाम देने वाले तीन आतंकियों को पनाह दी थी।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम परवेज अहमद जोठार और बशीर अहमद जोठार हैं। पूछताछ में दोनों ने आतंकियों की पहचान बताई और यह भी पुष्टि की कि वे पाकिस्तानी नागरिक थे और प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े हुए थे।
NIA के मुताबिक, परवेज और बशीर ने हमले से पहले इन तीनों आतंकियों को हिल पार्क स्थित एक अस्थायी ढोक (झोपड़ी) में जानबूझकर ठहराया था। उन्होंने उन्हें खाना और अन्य सुविधाएं मुहैया कराईं थी।

पहलगाम हमले में 27 पर्यटकों की जान गई थी
22 अप्रैल को हुए इस हमले में दो विदेशी पर्यटकों समेत 27 की मौत हो गई थी और 16 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। आतंकियों ने पर्यटकों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर चुन-चुनकर निशाना बनाया था। घटना पहलगाम शहर से 6 किलोमीटर दूर बैसारन घाटी में हुई थी।
हमले की जांच में तीन आतंकियों के नाम सामने आए थे
हमले के बाद हुई जांच में तीन आतंकियों के नाम सामने आए थे। 24 अप्रैल को अनंतनाग पुलिस ने 3 स्केच जारी किए। इसमें तीन आतंकियों के नाम थे, अनंतनाग का आदिल हुसैन ठोकर, हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और अली उर्फ तल्हा भाई। मूसा और अली पाकिस्तानी हैं। मूसा पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप में कमांडो रह चुका है।
फिलहाल यह साफ नहीं हुआ है कि NIA ने जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उन्होंने इन्हीं तीन आतंकियों के नाम उजागर किए हैं या किन्हीं और आतंकियों के।
अनंतनाग पुलिस ने इन तीन संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए थे…



पहलगाम हमले के खिलाफ भारत का ऑपरेशन सिंदूर
भारत ने पहलगाम हमले का बदला लेते हुए 6-7 मई की रात 1:05 बजे पाकिस्तान और PoK में एयर स्ट्राइक की। इसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। इसमें 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। हमले में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद चीफ मौलाना मसूद अजहर की फैमिली के 10 सदस्य और 4 सहयोगी मारे गए। भारत ने 24 मिसाइलें दागीं।

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में महाराष्ट्र के संतोष जगदाले के सिर, कान और पीठ पर गोली मारी गई। वहीं कौस्तुभ गणबोटे की पीठ छलनी कर दी गई। जगदाले अपने परिवार के साथ पहलगाम घूमने आए थे। जगदाले की बेटी ने बताया कि, आतंकियों ने उनके पिता से कलमा पढ़ने को कहा था, जब वह नहीं पढ़ पाए तो गोली मार दी। पूरी खबर यहां पढ़ें…
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पहलगाम में छुट्टियां मनाने आए पर्यटकों से आतंकियों ने पहले नाम पूछा, इसके बाद फायरिंग की और भाग निकले। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली है। मरने वालों में एक इटली और एक इजराइल का पर्यटक है, जबकि दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं। बाकी पर्यटक गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…