Panchayat Season 4 Shooting; Sehore Mahodiya Village | Sarpanch | आज से पता चलेगा पंचायत में कुकर जीतेगा या लौकी: सीजन-4 में होगा चुनावी घमासान, सीहोर के महोड़िया गांव के लोग भी जानने को बेताब – Madhya Pradesh News


भास्कर की टीम महोड़िया (फुलेरा) गांव पहुंची और पंचायत-4 की रिलीज से पहले का माहौल जाना।

ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम पर वेब सीरीज ‘पंचायत’ का सीजन 4 रिलीज हो गया है। अबतक इस वेब सीरीज के तीन पार्ट आ चुके हैं। चौथे पार्ट का फैंस को बेसब्री से इंतजार था क्योंकि इसमें पता चलने वाला है कि प्रधान पति को गोली किसने मारी थी? लोगों को ये भी जा

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पंचायत वेब सीरीज के चारों पार्ट की शूटिंग मप्र की राजधानी भोपाल से 50 किमी दूर सीहोर जिले के महोड़िया गांव में हुई है। वेब सीरीज के मेकर्स ने महोड़िया ग्राम पंचायत से शूटिंग के लिए 10 पार्ट का एग्रीमेंट किया है। यानी अगले कुछ सालों में यहां और भी पार्ट की शूटिंग हो सकती है। महोड़िया गांव में भी चर्चा इस बात की है कि इस बार फुलेरा का सरपंच कौन बनने वाला है? मौजूदा प्रधान मंजूदेवी का चुनाव चिह्न ‘लौकी’ है और उनकी विरोधी क्रांति देवी का चुनाव चिह्न ‘कुकर’ है।

भास्कर की टीम ने सोमवार को महोड़िया गांव जाकर यहां के लोगों से बात की तो पता चला कि ज्यादा लोगों ने चौथे सीजन में वोटर की भूमिका निभाई है। कोई कह रहा है मंजूदेवी (नीना गुप्ता) फिर सरपंच बनेंगी तो कोई क्रांति देवी (सुनीता राजवर) को सरपंच बना रहा है। पढ़िए पंचायत सीरीज पार्ट-4 के रिलीज होने से पहले क्या है महोड़िया यानी पंचायत सीरीज के फुलेरा गांव का माहौल।

ग्राम पंचायत से हर बार होता है एग्रीमेंट भास्कर की टीम पर महोड़िया गांव पहुंची तो वो गुमटी नजर आई जहां बन राकस यानी भूषण अपने दो साथी विनोद और माधव के साथ बैठकर अखबार पढ़ता है। इसी गुमटी के बगल में मंदिर बना है और मंदिर से सीधे देखने पर नजर आती है पंचायत सीरीज में दिखने वाली पानी की टंकी और पंचायत भवन।

जब हम पंचायत भवन के पास पहुंचे तो ये पीले रंग में पुता था। भवन पर काले रंग से लिखा था ग्राम पंचायत महोड़िया और उसी के पास सरपंच, सचिव के नंबर लिखे थे। पंचायत भवन के बाहर लगा हैंडपंप गायब था। गांव के लोगों से पूछा तो जवाब मिला कि वो तो शूटिंग के लिए नकली हैंडपंप लगा दिया जाता है। असल में कोई हैंडपंप नहीं है।

गांव वालों ने बताया कि पंचायत भवन का रंग भी हर बार शूटिंग के लिए बदल दिया जाता है। यूपी में पंचायत भवनों का रंग पीला होता है और मप्र में गुलाबी। पंचायत वेब सीरीज की पृष्ठभूमि उत्तर प्रदेश की है इसलिए पीले रंग का पंचायत भवन होता है। शूटिंग खत्म होने के बाद हर बार पंचायत भवन का रंग गुलाबी कर दिया जाता है।

ग्रामीणों के मुताबिक हर बार शूटिंग शुरू होने से पहले ग्राम पंचायत से एग्रीमेंट किया जाता है। तीसरे सीजन में पंचायत भवन को 500 रुपए प्रतिदिन शुल्क पर किराए से दिया गया था। जब पंचायत भवन में शूटिंग होती है तो ऑफिस सरकारी स्कूल में शिफ्ट हो जाता है।

शूटिंग से पहले पंचायत भवन को पीले रंग में बदल दिया जाता है।

शूटिंग से पहले पंचायत भवन को पीले रंग में बदल दिया जाता है।

प्रधान जी का घर दो मंजिला हो गया नए सीजन में फुलेरा की प्रधान मंजूदेवी का मकान अब नए रूप में नजर आएगा। दरअसल, महोड़िया की पूर्व सरपंच राजकुमारी सिसोदिया का मकान वेब सीरीज के प्रधान का मकान है। इसी घर में मंजूदेवी अपने पति और बेटी के साथ रहती हैं। मकान के एक पूरे हिस्से को शूटिंग के लिए इस्तेमाल होता है।

जब वेब सीरीज शुरू हुई थी तब ये मकान एक मंजिला था। अब इस सीजन में ये दो मंजिला नजर आएगा। जब हम यहां पहुंचे तो मेन गेट की वजह से मकान अलग से पहचान में आ गया। भीतर जाने पर देखा तो अभी भी पूरा सेटअप उसी तरह का है जैसा वेब सीरीज में दिखता है। घर के बाहर खाट, सिलाई मशीन, दो कुर्सियां दिखाई देती हैं।

पूर्व सरपंच के पति और मकान के मालिक लाल सिंह बताते हैं कि पंचायत वेब सीरीज की वजह से उनके गांव को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। वे पंचायत भवन, पानी की टंकी समेत उन सारी जगहों पर जाते हैं जो वेब सीरीज में दिखाई गई हैं। हमारे घर भी आते हैं, इसलिए बाहर का जो सेटअप है वो हमने वैसा ही रहने दिया है जैसा सीरीज में दिखता है।

पंचायत सीरीज के प्रधान का मकान अब दो मंजिला हो चुका है।

पंचायत सीरीज के प्रधान का मकान अब दो मंजिला हो चुका है।

गांव के लोगों ने किराए से दिए मकान गांव के विजेंद्र सिंह कहते हैं कि सीरीज के किरदारों के मकान गांव के ही लोगों के हैं। इन्हें किराए से लिया गया है। पंचायत के सह सचिव विकास और उनकी पत्नी जिस घर में रहती है वो भी गांव में किराए से लिया गया है। गांव के उप सरपंच प्रहलाद चा का मकान गांव के सुरेंद्र सिसौदिया का है।

उनके घर का एक हिस्सा नया बना है तो दूसरा हिस्सा कच्चा और खप्पर वाला है। जिस घर में शूटिंग होती है उसका डेढ़ से दो महीने का एग्रीमेंट कर लिया जाता है। जब शूटिंग होती है तो उस घर में रहने वाले लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट होना पड़ता है।

विजेंद्र सिंह कहते हैं कि पहले जब शूटिंग शुरू हुई थी तो हमें भी शूटिंग देखने में मजा आता था, लेकिन अब शूटिंग देखने की बजाय खेतों में अपना काम करने चले जाते हैं। जब तक शूटिंग चलती है, किसी को आसपास आने की अनुमति नहीं होती।

टूरिस्ट डेस्टिनेशन बना महोड़िया गांव

पंचायत सीरीज की शूटिंग के बाद ग्राम पंचायत फुलेरा यानी महोड़िया गांव टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन चुका है। यहां मध्यप्रदेश ही नहीं, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र सहित देशभर से लोग पंचायत की बिल्डिंग और टंकी देखने के लिए आते हैं। वीकेंड पर 40 से 50 फैमिली पहुंचती हैं। मुख्य आकर्षण गांव का पंचायत भवन है। भास्कर की टीम के सामने ही यूपी के अमेठी से 5 दोस्तों का ग्रुप महोड़िया गांव पहुंचा था।

इन्हीं में से एक सुशील पाठक ने बताया कि पंचायत सीरीज की जहां शूटिंग हुई है उस गांव को देखने का मन था। अब नया सीजन भी आ रहा है, इसलिए गांव देखने चले आए। गांव वैसा ही है जैसा सीरीज में दिखाया गया है। यहां की लोकेशन्स को देखकर मैंने खुद को सीरीज से और ज्यादा कनेक्ट महसूस किया।

पानी की टंकी से महोड़िया (फुलेरा) गांव का नजारा।

पानी की टंकी से महोड़िया (फुलेरा) गांव का नजारा।

महोड़िया में भी एक ही सवाल- कौन जीतेगा चुनाव इस बार के सीजन में फुलेरा में चुनाव होना है। नया सरपंच कौन बनेगा ये जानने की उत्सुकता महोड़िया के लोगों को भी है। दरअसल, चुनाव के लिए मतदान महोड़िया के स्कूल में नहीं हुआ है, बल्कि पास के निपानिया गांव के स्कूल को फुलेरा का स्कूल बताया गया है। महोड़िया के लोगों को भी वोटर की भूमिका अदा करने का मौका मिला है।

उन्हीं में से एक मोहन सिंह दरबार कहते हैं कि चुनाव प्रचार की पूरी शूटिंग निपानिया गांव में हुई है। जिस तरह से पंचायत चुनाव में प्रलोभन दिए जाते हैं और एक दूसरे से संबंध गिनाए जाते हैं वैसा ही माहौल बनाने की कोशिश की गई है।

मोहन से पूछा कि कौन जीत रहा है तो बोले कि लौकी जीतने वाली है। मगर, उन्हीं के पास खड़े राजपाल सिंह कहते हैं कि इस बार कुकर जीतने वाला है, यानी क्रांति देवी चुनाव जीतने वाली है। मोहन ने राजपाल की बात को काटते हुए कहा कि यदि क्रांति देवी चुनाव जीत जाएंगी तो सचिव जी को तो गांव से जाना पड़ेगा। मोहन की बात सुनकर वहां खड़े नारायण कहते हैं अब जो होगा वो कुछ दिनों में दिख ही जाएगा।

सचिव जी, रिंकी का रिलेशन किस मुकाम पर पहुंचेगा? महोड़िया के ग्रामीणों को इस बात को जानने की भी उत्सुकता है कि इस सीजन में रिंकी और सचिव जी का रिलेशन किस मोड़ पर आकर थमेगा। पिछले सीजन में सचिव जी के कहने पर रिंकी ने कैट की तैयारियां शुरू कर दी थी। महोड़िया के युवाओं को ये जानना है कि सचिव जी क्या रिंकी को प्रपोज करते हैं या फिर कहानी कुछ और ही हो जाती है।

वहीं कुछ लोगों को ये जानने की उत्सुकता है कि सचिव जी का एमबीए में सिलेक्शन होता है या नहीं। क्रांति देवी चुनाव जीत जाती है तो सचिव गांव छोड़कर जाते हैं या गांव में ही रहते हैं। चुनाव के बाद विधायक के उपचुनाव का भी इस सीजन में जिक्र होता है या फिर ये सीरीज यहीं पर खत्म हो जाएगी।

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