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- Parents Should Keep In Mind The Teachings Of Shiva Parvati While Raising Their Children, Family Management Tips In Hindi, Shiv Parvati Story
1 घंटे पहले
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शिव-पार्वती के पुत्र कार्तिकेय स्वामी का पालन-पोषण 6 कृतिकाओं ने कैलाश से दूर एक जंगल में किया था। कृतिकाओं की वजह से ही उनका नाम कार्तिकेय पड़ा था। जब भगवान शिव और माता पार्वती को कार्तिकेय के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने अपने सेवक भेजकर बालक कार्तिकेय को कैलाश पर्वत पर बुला लिया था।
कार्तिकेय के कैलाश आने पर शिव जी और पार्वती जी बहुत प्रसन्न थे, क्योंकि उनका पुत्र बहुत समय बाद उनके पास वापस आ गया था। देवताओं ने इस बालक को विद्या, शक्ति, अस्त्र-शस्त्र दे दिए। लक्ष्मी जी ने एक दिव्य हार दिया। सरस्वती जी ने सिद्ध विद्याएं दीं।
कैलाश पर महोत्सव मनाया जा रहा था। उसी समय देवताओं ने शिव-पार्वती से कहा कि तारकासुर को वरदान मिला हुआ है कि शिव पुत्र ही उसका वध कर सकता है। अब बालक कार्तिकेय आ गए हैं तो ये बालक ही तारकासुर वध कर सकता है। अब आप इसे हमें सौंप दीजिए। इसके पास इतनी योग्यता है कि ये देवताओं का सेनापति बन सकता है और तारकासुर को मार सकता है।
शिव-पार्वती ने विचार किया कि पुत्र अभी-अभी आया है, लेकिन लोक कल्याण के लिए हमें इसे जाने देना चाहिए। उन्होंने कार्तिकेय को आशीर्वाद देकर भेज दिया, इसके बाद कार्तिकेय स्वामी ने तारकासुर का वध कर दिया।
कथा की सीख
- पूरे परिवार को ध्यान देना चाहिए बच्चों के पालन पर
कार्तिकेय का लालन-पालन छह कृतिकाओं ने किया, ये दर्शाता है कि एक बच्चे का विकास केवल एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयासों से बच्चों का पालन करना चाहिए। बच्चों को अलग-अलग दृष्टिकोण, अनुभव और संस्कार देने चाहिए। स्कूल, परिवार और समाज का तालमेल उनके विकास में सहायक हो सकता है। हर बच्चा किसी न किसी दिशा में प्रतिभाशाली होता है, उसे पहचानने और निखारने का कार्य पूरे परिवार को मिल-जुलकर करें।
- शिक्षा के साथ ही बच्चों को दें मानसिक शक्ति
देवताओं ने कार्तिकेय को शस्त्र, विद्या, और दिव्य वरदान दिए, जिससे वह असुर का वध करने में सक्षम हुए। बच्चों को सिर्फ किताबी शिक्षा नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक शक्ति भी देनी चाहिए। उनका आत्मविश्वास बढ़ाएं, ताकि वे बड़े कार्य कर सकें और बड़ी बाधाओं का सामना कर सकें। उन्हें कला, खेल, तकनीकी कौशल जैसी विविध दिशाओं में भी अवसर दें।
- बच्चों को दूसरों की भलाई करने की सीख दें
शिव-पार्वती ने खुशी-खुशी अपने पुत्र को समाज के हित में देवताओं को सौंप दिया। जब आपकी संतान समाज या राष्ट्र के लिए कुछ बड़ा करना चाहे तो उसे रोकें नहीं। देश सेवा, सामाजिक कार्य या नवाचार में हिस्सेदारी को बढ़ावा दें। निजी भावनाओं से ऊपर उठकर लोकहित के लिए संतान को प्रेरित करें।
- बच्चों को बड़े निर्णय लेने के लिए योग्य बनाएं
कार्तिकेय ने तारकासुर का वध कर देवताओं की रक्षा की, जिससे शिव परिवार परिवार गौरवान्वित हुआ। बच्चों को जिम्मेदारी उठाने के लिए प्रेरित करें, योग्य बनाएं, बड़े निर्णय लेने का अभ्यास करवाएं। उन्हें समाज में अपनी भूमिका को समझने दें। जब वे अच्छे कार्य करेंगे तो पूरे परिवार का गौरव बढ़ेगा। उन्हें ये एहसास दिलाएं।