38 मिनट पहले
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फिल्म उदयपुर फाइल्स 11 जुलाई को रिलीज होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कंट्रोवर्शियल फिल्म उदयपुर फाइल्स की रिलीज रोकने के लिए दायर की गई याचिका खारिज कर दी है। दरअसल ये फिल्म टेलर कन्हैया लाल पर बनी है, जिसकी उदयपुर में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा हत्या कर दी गई थी। हत्या के 11 आरोपी जेल में हैं और ट्रायल जारी है। फिल्म उदयपुर फाइल्स का ट्रेलर जारी होने के बाद फिल्म विवादों में है। कन्हैयालाल हत्याकांड के 8वें आरोपी मोहम्मद जावेद ने फिल्म रिलीज पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट से खारिज कर दिया है। अब ये फिल्म 11 जुलाई को ही रिलीज होगी। वहीं सेंसर बोर्ड ने भी इस फिल्म में 150 कट्स लगाए हैं।
याचिका में मोहम्मद जावेद ने मामले की सुनवाई पूरी होने तक फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की और तर्क दिया कि इसकी रिलीज से निष्पक्ष सुनवाई के उनके अधिकार का उल्लंघन होगा।
फिल्म 11 जुलाई को ही रिलीज होनी है, ऐसे में याचिका में इसे तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग हुई थी। याचिका पर तत्काल सुनवाई जस्टिस सुधांशू धूलिया और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच में हुई। मंगलवार को हुई सुनवाई में बेंच ने कहा कि फिल्म को रिलीज होने दिया जाए, 14 जुलाई को इस याचिका पर संबंधित बेंच ही सुनवाई करेगी।
मामले के आरोपी मोहम्मद जावेद के अलावा जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष और दारुल उलूम देवबंद के प्रिंसिपल मौलाना अरशद मदनी ने दिल्ली हाईकोर्ट में फिल्म रिलीज पर रोक की मांग की याचिका दायर कर कहा था कि फिल्म में ऐसे डायलॉग्स और सीन हैं, जिससे सांप्रदायिक हिंसा भड़क सकती है।

फिल्म में विजय राज, कन्हैयालाल के किरदार में हैं।
क्यों विवादों में है फिल्म?
फिल्म उदयपुर फाइल्स, उदयपुर के टेलर कन्हैयालाल पर बनाई गई है, जिनकी 28 जून 2022 को मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने निर्मम तरीके से गला काटकर हत्या कर दी थी। कन्हैयालाल ने एक इस्लाम विरोधी पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर की थी, जिसके बाद उनकी हत्या हुई। इस मामले में एनआईए ने पाकिस्तान के कराची निवासी सलमान और अबू इब्राहिम को फरार बताते हुए मुख्य आरोपी गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज अत्तारी सहित 11 आरोपियों मोहसिन, आसिफ, मोहम्मद मोहसिन, वसीम अली, फरहाद मोहम्मद शेख उर्फ बबला, मोहम्मद जावेद, मुस्लिम मोहम्मद के खिलाफ चालान पेश किया था।
पाकिस्तान से जुड़ा था हत्या का कनेक्शन
28 जून को घटना के बाद राजस्थान पुलिस ने मुख्य आरोपी रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को राजसमंद जिले से गिरफ्तार किया था। 29 जून 2022 को एनआईए ने जांच अपने हाथ में ली और इसे आतंकी घटना मानकर गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। एनआईए ने कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
इनमें मोहम्मद जावेद, फरहाद मोहम्मद उर्फ बबला, मोहसिन, आसिफ, मोहम्मद मोहसिन, वसील अली और मुस्लिम मोहम्मद शामिल हैं। दो अन्य आरोपी सलमान और अबू इब्राहिम पाकिस्तान के कराची के बताए गए। जो फरार हैं। 22 दिसंबर 2022 को एनआईए ने 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। जिसमें हत्या, आपराधिक साजिश, धार्मिक भावनाएं भड़काने और यूएपीए के तहत आरोप शामिल है।
वाराणसी में भी फिल्म की रिलीज रोकने की मांग
इस मामले वाराणसी में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के सचिव, शहर मुफ्ती मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने डीएम और पुलिस कमिश्नर को एक लेटर लिख कर इस फिल्म की वाराणसी में रिलीज पर रोक की मांग की है।
बता दें कि इस फिल्म के ट्रेलर में नूपुर शर्मा का विवादित बयान भी शामिल है। नूपुर के इस बयान के चलते ही बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया है। इसके अलावा ज्ञानवापी के सर्वे के कोर्ट के आदेश और अंदर मिले तथाकथित शिवलिंग के सीन को भी फिल्माया गया है।
