President M Jagadeesh Kumar said- Foreign students will now come to India | UGC के फॉरेन डिग्री एजुकेशन को नए नियम जारी: विदेशी इंस्टीट्यूट भारत में ही एकेडमिक क्वालिफिकेशन की डिग्री दे सकेंगे

[ad_1]

  • Hindi News
  • Career
  • President M Jagadeesh Kumar Said Foreign Students Will Now Come To India

5 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी UGC ने शनिवार को फॉरेन डिग्री एजुकेशन के लिए नए नियम जारी किए हैं।

इसे UGC (रिकॉग्नाइजेशन एंड ग्रांट एक्यूवलेंस टू क्वालिफिकेशन फॉरेन एजुकेशनल इंस्टीट्यूटस) रेगुलेशन 2025 नाम दिया गया है।

इसके मुताबिक भारतीय छात्रों को देश में ही एकेडमिक क्वालिफिकेशन की डिग्री विदेशी इंस्टीट्यूट दे सकेंगे।

इस नियम का उद्देश्य स्टूडेंट्स फॉरेन यूनिवर्सिटी जाने से रोकना है।

नए नियमों के मुताबिक स्कूलों और हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूटस से फॉरेन क्वालिफिकेशन का आकलन करने के लिए सरल और आसान मैकेनिज्म बनाया जाएगा।

ये रेगुलेशन मेडिकल, फार्मेसी, नर्सिंग,लॉ, आर्किटेक्ट और भारत में लॉ से जुड़े विषयों में दी जाने वाली डिग्रियों में लागू नहीं होंगे।

UGC एम जगदीश ने कहा- भारत में शिक्षा का वैश्विक केंद्र बनेगा

एम जगदीश ने कहा- 'अगर भारतीय संस्थानों को विदेशी छात्रों को आकर्षित करना है तो हमें विदेशी डिग्री की निष्पक्ष और समय पर मान्यता सुनिश्चित करनी चाहिए।’

एम जगदीश ने कहा- ‘अगर भारतीय संस्थानों को विदेशी छात्रों को आकर्षित करना है तो हमें विदेशी डिग्री की निष्पक्ष और समय पर मान्यता सुनिश्चित करनी चाहिए।’

‘यह सुधार एक लंबे समय से चली आ रही चुनौती में एक बेहतर कदम है और भारत को शिक्षा के लिए वैश्विक केंद्र में बदलने के राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्य के साथ जुड़ा हुआ है।

ये एक ट्रांसपेरेंट प्रोसेस होगा और इसके नियमों का उद्देश्य विदेशी डिग्री के आकलन में देरी और गड़बड़ियों को खत्म करना होगा। जिससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप बनाया जा सके।

क्या होगा इसमें खास

  • इसमें एक ऑनलाइन पोर्टल होगा होगा, जहां एप्लिकेंट सर्टिफिकेट के लिए रिक्वेस्ट कर सकते हैं, फीस जमा कर सकते हैं और खुद को ट्रैक कर सकते हैं।
  • इसमें एक कमेटी होगी, जो समय-समय पर बैठक करेगी और इंटरनेशनल रैंकिंग में विदेशी इंस्टीट्यूट्स की रैंक और स्टैंडर्ड के बेसिस पर इसमें सुधार भी करेगी।
  • स्थायी समिति का निर्णय सिलेबस का मिनिमम ड्यूरेशन और क्रेडिट पर आधारित होगा। ये सिलेबस के स्ट्रक्चर का भी आकलन करेगा।
  • इसमें मेन सिलेबस, ऑब्जेक्टिव पढ़ाई के घंटे शामिल होंगे। थीसिस या रिसर्च मैनेजमेंट और जरूरी प्रोजेक्ट या इंटर्नशिप पर भी पर विचार किया जाएगा।
  • यूजीसी ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसे इंस्टीट्यूट्स जिनकी मान्यता नहीं है या जो नियमों उल्लंघन करते हैं वे इसमें शामिल नहीं हो सकेंगे।

यह किसी मान्यता प्राप्त फॉरेन इंस्टीट्यूट ने दिया हो। यह किसी फ्रैंचाइज प्रोग्राम या पाथवे प्रोग्राम के जरिए से नहीं दिया जाएगा।

ये खबर भी पढ़ें…

NEET MDS रजिस्ट्रेशन डेट एक्सटेंड:6 अप्रैल तक करें अप्लाई; NBMSE ने एलिजिबिलिटी इटर्नशिप भी 30 जून तक बढ़ाई

नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (NBMSE) ने 3 अप्रैल 2025 को NEET MDS 2025 रजिस्ट्रेशन विंडो फिर से ओपन कर दी है। पूरी खबर पढ़ें....

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top