खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह।
असम की डिब्रूगढ़ जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत बंद खडूर साहिब से सांसद और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने अपने ऊपर लगे नशे के आरोपों पर बड़ा बयान दिया है। उनके वकील इमान सिंह खरा ने मंगलवार को कहा कि अमृतपाल सिंह डोप ट
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यह बयान ऐसे समय में आया है जब पंजाब पुलिस ने अजनाला कोर्ट में दायर चार्जशीट में अमृतपाल सिंह के दो सहयोगियों के बयान पेश किए हैं। आरोप लगाया गया कि अमृतपाल नशे के संपर्क में रहे हैं। इनमें से एक भगवंत सिंह उर्फ प्रधान मंत्री बाजेके ने कथित तौर पर कहा कि अमृतपाल नशे का सेवन करते थे।
हालांकि बाद में भगवंत सिंह ने मीडिया और वकीलों के माध्यम से सफाई दी कि यह बयान उनसे मारपीट और दबाव में लिया गया था और उन्हें जबरन कागजों पर साइन करवाए गए। इस पूरे मामले ने पंजाब की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है।

अमृतपाल सिंह के वकील इमान सिंह।
अमृतपाल सिंह का वकील बोला– डोप टेस्ट के लिए तैयार
सांसद अमृतपाल के वकील इमान सिंह खरा ने कहा- अमृतपाल सिंह के खिलाफ साजिश के तहत झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। वह खुद डोप टेस्ट के लिए तैयार हैं, और अगर पंजाब पुलिस चाहे तो यह टेस्ट डिब्रूगढ़ जेल में भी कराया जा सकता है। साथ ही, वह मांग करते हैं कि जो राजनीतिक नेता उन पर नशे के आरोप लगा रहे हैं, वे भी अपने डोप टेस्ट करवाएं।
कौन हैं सांसद अमृतपाल सिंह
अमृतपाल सिंह का नाम 2022 में वारिस पंजाब दे संगठन की कमान संभालने के बाद सुर्खियों में आया। यह संगठन पहले दिवंगत अभिनेता और एक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने शुरू किया था। अमृतपाल सिंह पर खालिस्तान समर्थक गतिविधियों और कानून-व्यवस्था भंग करने के आरोप पहले से ही लगे हुए हैं।
अमृतपाल मार्च 2023 में सुर्खियां बटोरीं, जब अजनाला थाने पर उनके समर्थकों ने प्रदर्शन किया और पुलिस पर दबाव डालते हुए अपने साथी की रिहाई करवाई। इसके बाद पंजाब पुलिस ने उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की और उन्हें अप्रैल 2023 में असम के डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया।
सियासी असर और डोप टेस्ट की चुनौती
पंजाब में नशे का मुद्दा लंबे समय से राजनीतिक बहस का केंद्र रहा है। अमृतपाल सिंह पर नशे के आरोपों ने इस मामले को और तूल दे दिया है। अमृतपाल सिंह ने न केवल आरोपों को सिरे से खारिज किया है बल्कि अब डोप टेस्ट की चुनौती देकर अपने खिलाफ चल रहे अभियान को राजनीतिक साजिश बताया है।
वहीं, उनके समर्थकों का कहना है कि यह पूरा मामला पंजाब में उभरते सिख नेतृत्व को दबाने की कोशिश है। अमृतपाल सिंह के डोप टेस्ट की पेशकश के बाद अब यह देखना होगा कि पंजाब पुलिस और राजनीतिक विरोधी इस चुनौती को स्वीकार करते हैं या नहीं।
