Raanjhanaa’s climax changed with AI in re-release, director ANAND L RAI GET furious | री-रिलीज में रांझना का AI से क्लाइमैक्स बदला, भड़के डायरेक्टर: आनंद एल. राय बोले- ये विश्वासघात है, गैर-जिम्मेदाराना हड़प है, हमसे सलाह नहीं ली गई


14 मिनट पहले

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साल 2013 की ब्लॉकबस्टर फिल्म रांझणा को 1 अगस्त से इसके तमिल टाइटल अंबिकापाथी नाम से री-रिलीज किया गया है। हालांकि इस री-रिलीज फिल्म का क्लाइमैक्स AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से पूरी तरह बदल दिया गया है। जहां असल फिल्म में क्लाइमैक्स में कुंदन (धनुष) का निधन हो जाता है, वहीं नए क्लाइमैक्स में फिल्म की हैप्पी एंडिंग होगी। इस बदलाव से फिल्म के डायरेक्टर आनंद एल.राय भड़क गए हैं। उन्होंने न सिर्फ इस पर आपत्ति जताई है बल्कि बिना इजाजत बदलाव करने पर प्रोडक्शन टीम को जमकर फटकार लगाई है।

आनंद एल.राय ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट से लिखा है, ‘पिछले तीन हफ्ते मेरे लिए बेहद अजीब और गहराई से दुखद रहे हैं। रांझणा, एक ऐसा फिल्म जो संवेदनशीलता, टकराव, सहयोग और रचनात्मक जोखिम से पैदा हुई था, उसे बिना मेरी जानकारी या सहमति के बदला गया, दोबारा पैक किया गया और फिर से रिलीज कर दिया गया। यह अनुभव मेरे लिए बेहद तकलीफदेह रहा। और जो बात इसे और भी बुरा बनाती है, वह है जिस सहजता और लापरवाही से यह सब किया गया है।’

आगे डायरेक्टर ने लिखा है, ‘फिर भी, इस सब के बीच, फिल्म इंडस्ट्री, दर्शकों और रचनात्मक समुदाय से जो समर्थन और एकजुटता मिली, उसने मुझे याद दिलाया कि रांझणा आखिर थी किस बारे में, जुड़ाव, हिम्मत और सच्चाई। मैं इसके लिए दिल से आभारी हूं। मैं इसे पूरी स्पष्टता के साथ कहना चाहता हूं- मैं रांझणा के इस AI-बदले गए संस्करण का समर्थन नहीं करता, न ही इसे स्वीकार करता हूं। यह पूरी तरह से अनधिकृत है। इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है। और न ही उस टीम की, जिसने यह फिल्म बनाई थी। यह फिल्म हमारे लिए सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं थी। यह इंसानी हाथों से बनी थी, इंसानी खामियों और भावनाओं से गढ़ी गई थी। जो अब प्रसारित किया जा रहा है, वह कोई श्रद्धांजलि नहीं है, यह एक गैर-जिम्मेदाराना हड़प है, जो हमारे काम की भावना को पूरी तरह नष्ट कर देता है।’

आनंद ने आगे लिखा है, ‘यह विचार कि कोई मशीन हमारे काम को ले, उसमें बदलाव करे, और उसे नवाचार के नाम पर पेश करे, यह बेहद अपमानजनक है। बिना सहमति के एक फिल्म की भावनात्मक विरासत को किसी कृत्रिम आवरण में ढक देना कोई रचनात्मक कृत्य नहीं है, यह एक खुला विश्वासघात है। मैं उन सभी लोगों की ओर से बोल रहा हूं जिन्होंने इस फिल्म को जीवन दिया, लेखक, कलाकार, संगीतकार, गीतकार, संपादक, तकनीशियन और पूरी टीम। हममें से किसी से कोई सलाह-मशवरा नहीं किया गया। किसी की बात नहीं सुनी गई। अगर रांझणा ने आपको कुछ महसूस करवाया था, जैसे इसने हमें करवाया, तो कृपया यह जान लीजिए कि AI से बदला गया यह संस्करण उस फिल्म की सच्ची आत्मा को नहीं दर्शाता और न ही यह हमारे द्वारा बनाई गई रांझणा है।’

फिल्म रांझणा 2013 में रिलीज हुई थी।

फिल्म रांझणा 2013 में रिलीज हुई थी।

इरोज ग्रुप ने दी सफाई

इस विवाद पर फिल्म में बदलाव करने वाले इरोज मीडिया ग्रुप के चीफ एग्जीक्यूटिव प्रदीप द्विवेदी ने कहा है ये बदलाव उनकी कंपनी के लॉन्ग टर्म क्रिएटिव और कमर्शियल विजन का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि अगर बदलाव से किसी चीज को बेहतर किया जा सकता है तो क्यों नहीं किया जाना चाहिए।



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