राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता से जुड़ी जनहित याचिका में शुक्रवार को नया मोड़ आया। याचिकाकर्ता एस. विग्नेश शिशिर ने लखनऊ हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की है। इसमें लंदन, वियतनाम और उज्बेकिस्तान से मिले नए वीडियो और दस्तावेज पेश किए गए हैं।
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14 मई, 2025 को हाईकोर्ट ने इस प्रकरण में केंद्र सरकार को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद गृह मंत्रालय के विदेशी नागरिकता अनुभाग (Foreigners Division, Citizenship Wing) ने ब्रिटेन सरकार को पत्र भेजकर राहुल गांधी की नागरिकता और पासपोर्ट संबंधित जानकारी मांगी थी।

याचिकाकर्ता एस. विग्नेश शिशिर ने राहुल गांधी के खिलाफ लखनऊ हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की है।
ब्रिटिश सरकार का जवाब यूके सरकार ने पुष्टि की है कि संबंधित जानकारी भारतीय दूतावास के जरिए भारत सरकार को भेज दी गई है। यह जानकारी याचिकाकर्ता को भी सूचित की गई है। इस पूरे मामले की जांच अब CBI की एंटी करप्शन ब्रांच-II, मुख्यालय नई दिल्ली कर रहा है। राहुल गांधी पर विदेशी नागरिकता से जुड़ी संवैधानिक शपथ उल्लंघन और चुनावी घोषणापत्र में कथित गड़बड़ी के आरोप हैं।
इन संस्थाओं पर भी नजर इस केस में चुनाव आयोग, प्रवर्तन निदेशालय (ED), आयकर विभाग, रिटर्निंग ऑफिसर रायबरेली और लोकसभा अध्यक्ष को भी पक्षकार बनाया गया है। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताने वाले केस को बंद कर दिया था।
कोर्ट ने कहा था- राहुल की नागरिकता की रिपोर्ट केंद्र सरकार पेश नहीं कर पाई। केवल रिपोर्ट के इंतजार में याचिका को लंबित नहीं रखा जा सकता। जब भी रिपोर्ट केंद्र सरकार को मिलती है, तो याचिकाकर्ता को उसकी एक प्रति उपलब्ध कराएं और उसे कोर्ट में भी प्रस्तुत करें।
कोर्ट ने कहा था कि फिलहाल इस याचिका की सुनवाई पूरी की जा रही है। याचिकाकर्ता को यह स्वतंत्रता है कि वह नागरिकता से संबंधित किसी भी अन्य फोरम या कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकता है। इसके बाद याचिकाकर्ता विग्नेश ने रिव्यू पिटिशन दाखिल की थी।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था- देरी नहीं चलेगी 21 अप्रैल, 2025 को हुई सुनवाई में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सूर्यभान पांडेय ने केंद्र की ओर से स्थिति रिपोर्ट पेश की थी। लेकिन, कोर्ट ने उसे अपर्याप्त मानते हुए सख्त टिप्पणी की थी। कहा था- यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है, देरी नहीं चलेगी।
कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं? 10 दिन में स्पष्ट कीजिए। हैरानी की बात यह रही कि राहुल गांधी की ओर से कोई वकील अदालत में पेश नहीं हुआ था।
याचिका में राहुल को ब्रिटिश नागरिक बताया गया था
कर्नाटक के रहने वाले विग्नेश शिशिर ने याचिका दायर कर दावा किया है कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन की एक कंपनी में डायरेक्टर रहते हुए खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया था। याचिकाकर्ता ने चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि दोहरी नागरिकता रखने वाला व्यक्ति चुनाव लड़ने के योग्य नहीं है। विग्नेश शिशिर ने भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) के तहत राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की थी।
इससे पहले लखनऊ हाईकोर्ट ने 24 मार्च को इस केस की सुनवाई की थी। जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। सरकार ने 8 सप्ताह का समय मांगा था। इस पर 21 अप्रैल सुनवाई की तारीख तय हुई थी।
19 दिसंबर, 2024 को जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) सूर्यभान पांडेय को केंद्रीय गृह मंत्रालय से जानकारी हासिल करने का निर्देश दिया था।
गृह मंत्रालय ने हाईकोर्ट में बताया था कि उन्होंने यूके सरकार को लेटर लिखा है। यूनियन ऑफ इंडिया की ओर से पेश वकील ने कहा- समय दिया जाए। पूरे मामले में क्या जांच हो रही है। इसकी पूरी रिपोर्ट 8 सप्ताह में तैयार करके पेश करेंगे।

2024 लोकसभा चुनाव में रायबरेली सीट जीतने के बाद राहुल गांधी।
2019 में सुप्रीम कोर्ट में ऐसी ही याचिका खारिज कर दी थी सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में राहुल की भारतीय नागरिकता से जुड़ी याचिका खारिज कर दी थी। उस समय के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि अगर कोई कंपनी किसी फॉर्म में राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक के तौर मेंशन करती है, तो क्या ऐसा कर देने से ही वे ब्रिटिश नागरिक हो गए।
सीजेआई गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने कहा था- ‘हम यह याचिका खारिज करते हैं। इसमें कोई आधार नहीं है। ‘याचिका में कहा गया था, ‘कोर्ट राहुल की नागरिकता के बारे में मिली शिकायत पर जल्द फैसला करने के लिए गृह मंत्रालय को निर्देश दे।’
याचिका में राहुल गांधी को चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दिए जाने की भी मांग की गई थी। याचिकाकर्ता जय भगवान गोयल ने ब्रिटेन की कंपनी के 2005-06 के सालाना ब्योरे का जिक्र किया था। इसमें कथित तौर पर राहुल को ब्रिटिश नागरिक बताया गया था।
राहुल के खिलाफ यूपी में 3 मामले
- राहुल के खिलाफ मानहानि का एक केस सुल्तानपुर की दीवानी न्यायालय में चल रहा है। यह मामला 2018 का है। जिसमें बीजेपी नेता विजय मिश्रा ने राहुल पर मानहानि का आरोप लगाया था। इस मामले की सुनवाई कई बार टली है और अब अगली सुनवाई 28 अप्रैल को है।
- लखनऊ की एक अदालत में राहुल पर वीर सावरकर को लेकर विवादित बयान के कारण भी मामला दर्ज है। इस मामले में राहुल गांधी को 200 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था और उन्हें 14 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया गया था। लेकिन पेश नहीं हुए।
- हाथरस की एमपी-एमएलए कोर्ट में राहुल के खिलाफ चल रहे मानहानि मामले में सुनवाई 24 अप्रैल को होगी। बूलगढ़ी गांव के रामकुमार उर्फ रामू ने यह परिवाद दाखिल किया है। आरोप है कि अदालत से दोषमुक्त हुए युवकों को गैंगरेप का आरोपी बताया।
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