नई दिल्ली1 मिनट पहले
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लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पिछले साल नवंबर में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में धांधली के आरोप लगाने के 24 घंटे बाद भी चुनाव आयोग को कोई पत्र नहीं लिखा है। न ही बैठक के लिए समय मांगा है। यह बात चुनाव आयोग से जुड़े एक सोर्स ने न्यूज एजेंसी ANI को बताई।
चुनाव आयोग ने कहा कि राहुल एक तरफ कहते हैं कि उनके बताए मुद्दे गंभीर हैं, लेकिन जब उन्हें चुनाव आयोग को लेटर लिखने की बात आती है, तो वे कतराते हैं।
सूत्र के मुताबिक, प्रक्रिया के अनुसार कोई भी संवैधानिक संस्था औपचारिक रूप से तभी जवाब दे सकती है, जब राहुल गांधी से लेटर लिखेंगे।
राहुल ने 7 जून इंडियन एक्सप्रेस को एक आर्टिकल लिखा था। इसमें उन्होंने दावा किया था था कि महाराष्ट्र चुनाव में मैच फिक्सिंग हुई, अब इसी तरह की फिक्सिंग बिहार चुनाव में भी होगी।
राहुल ने आरोप लगाने के बाद EC से मांगा जवाब
राहुल गांधी ने शनिवार को X पर लिखा था कि ‘आप (चुनाव आयोग) एक संवैधानिक संस्था हैं। बिना साइन और टालमटोल वाले नोट जारी करके गंभीर सवालों के जवाब देने का तरीका सही नहीं है। अगर आपके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो मेरे सवालों के जवाब दें और इसे साबित करें।’
इस पर इलेक्शन कमीशन के सूत्र ने न्यूज एजेंसी से रविवार को कहा कि देश भर में आयोग के 10.5 लाख बूथ लेवल अधिकारी, 50 लाख मतदान अधिकारी और 1 लाख मतगणना पर्यवेक्षक भी राहुल गांधी की तरफ से लगाए जा रहे आरोपों से निराश हैं। आरोप कर्मचारियों की ईमानदारी और कड़ी मेहनत पर सवाल उठाते हैं।

CCTV फुटेज पर आयोग ने वोटर्स की गोपनीयता का हवाला दिया
सीसीटीवी फुटेज की मांग पर EC सूत्रों ने कहा, “चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार, मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज की जांच हाईकोर्ट कर सकता है। ऐसा मतदाताओं की गोपनीयता बनाए रखने के लिए किया जाता है। राहुल गांधी खुद या अपने एजेंटों के जरिए इस गोपनीयता का अतिक्रमण क्यों करना चाहते हैं। क्या राहुल गांधी अब हाईकोर्ट पर भी भरोसा नहीं करते।”
चुनाव आयोग ने एक दिन पहले भी दिया था राहुल को जवाब
राहुल ने महाराष्ट्र चुनाव पर कब और कहां दिया बयान
महाराष्ट्र CM फडणवीस बोले-जनता ने राहुल को नकारा, वे जनादेश नकार रहे

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि जिसे जनता ठुकरा देती है, वो जनादेश को ही ठुकरा देता है। फडणवीस ने रविवार को एक मराठी अखबार में लिखा, ‘राहुल की नीति है कि अगर लोगों को समझा नहीं सकते, तो उन्हें उलझा दो।’
कांग्रेस को जनता ने नकार दिया है, इसलिए अब वो लोकतंत्र की छवि बिगाड़ने के लिए ईवीएम को दोष दे रहे हैं। अब तो विपक्षी दलों की ये आदत बन गई है कि हर चुनाव में ईवीएम पर सवाल उठाते हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में इनसे जुड़ी सारी याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। पढ़ें पूरी खबर…