मुंबई9 घंटे पहले
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महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर विवाद के बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) चीफ राज ठाकरे ने अपने सुर बदले हैं। उन्होंने आज कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा कि मराठी भाषा का मुद्दा जरूरी है लेकिन हिंदी भाषियों से नफरत नहीं करें और किसी के भी साथ बेवजह की हाथापाई से बचें।
ठाकरे ने कहा कि यदि कोई मराठी सीखना चाहता है तो उसकी मदद करें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से मराठा को मुद्दा बनाने पर जोर दिया और इसे घर-घर पहुंचाने की बात कही। यह नसीहत ऐसे समय में आई है जब भाषा विवाद को लेकर MNS कार्यकर्ताओं के खिलाफ लगातार नए मामले सामने आ रहे थे।
ठाकरे ने कहा कि महानगरपालिका चुनाव की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। कार्यकर्ता स्थानीय मुद्दों को लेकर ग्राउंड पर उतरें और वोटर्स लिस्ट पर काम शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि 20 साल बाद हम दो भाई जब साथ आ सकते हैं तो तुम क्यों लड़ते हो? मतभेद भुलाकर साथ में काम पर लगना है। उद्धव से गठबंधन पर सही समय पर बोलूंगा।

13 जुलाई को ऑटो ड्राइवर का मराठी नहीं बोलने का वीडियो वायरल हुआ, जिसके बाद शिवसेना (UBT) कार्यकर्ताओं ने उसे पीटा।
मारपीट से जुड़ी 4 घटनाएं, जिसमें MNS कार्यकर्ता शामिल थे…
16 जुलाई: मुंबई में दुकानदार को पीटा; इलाके में घुमाया, माफी मंगवाई

वीडियो में MNS कार्यकर्ता दुकानदार को धमकाते नजर आ रहे हैं।
MNS कार्यकर्ताओं ने 16 जुलाई को मुंबई में एक दुकानदार के साथ मारपीट की। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि दुकानदार ने सोशल मीडिया पर मराठी लोगों के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट की थी।
कार्यकर्ता विक्रोली इलाके स्थित दुकान पर पहुंचे और दुकानदार से गाली-गलौच की। दुकानदार को धमकाकर माफी मंगवाई और पकड़कर पूरे इलाके में घुमाया।
9 जुलाई: हिंदी भाषी ऑटो ड्राइवर से माफी मंगवाई

ड्राइवर से माफी मंगवाने के बाद MNS कार्यकर्ताओं ने उसे धमकाया।
ठाणे जिले में हिंदी भाषी ऑटो ड्राइवर का एक मराठी पैसेंजर से किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। बात मारपीट तक पहुंच गई।
इस विवाद में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) कार्यकर्ताओं ने दखल दिया। भिवंडी नगर अध्यक्ष मनोज गुलवी ने 9 जुलाई को ड्राइवर को माफी मांगने पर मजबूर किया।
गुलवी ने धमकी दी कि आगे अगर किसी किसी मराठी युवक को छूने की कोशिश की, तो देख लेना हाथ कहां जाएगा।
5 जुलाई: इन्वेस्टर केडिया के वर्ली ऑफिस में तोड़फोड़

5 जुलाई को मशहूर इन्वेस्टर सुशील केडिया के वर्ली स्थित ऑफिस में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की थी।
MNS कार्यकर्ताओं ने 5 जुलाई को शेयर बाजार इन्वेस्टर सुशील केडिया के वर्ली स्थित ऑफिस में तोड़फोड़ की थी। पुलिस ने मामले में 5 लोगों को हिरासत में लिया था। हमला उद्धव और राज ठाकरे की संयुक्त रैली के कुछ घंटे पहले हुआ था। हमला केडिया की 3 जुलाई X पोस्ट को लेकर हुआ था। उन्होंने MNS चीफ राज ठाकरे को टैग करते हुए लिखा था-

मुंबई में 30 साल रहने के बाद भी मैं मराठी ठीक से नहीं जानता और आपके घोर दुर्व्यवहार के कारण मैंने यह संकल्प लिया है कि जब तक आप जैसे लोगों को मराठी मानुष की देखभाल करने का दिखावा करने की परमिशन नहीं दी जाती, मैं प्रतिज्ञा लेता हूं कि मैं मराठी नहीं सीखूंगा। क्या करना है बोल?
30 जून: गुजराती दुकानदार से मारपीट

वायरल वीडियो में MNS कार्यकर्ता गुजराती दुकानदार को थप्पड़ मारते दिखे थे।
ठाणे में ही MNS कार्यकर्ताओं ने गुजराती दुकानदार से मारपीट की थी। बहस दुकानदार के मराठी न बोलने पर हुई थी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो 30 जून का था। कार्यकर्ता ने दुकानदार से कहा कि तुमने मुझसे पूछा कि मराठी क्यों बोलनी चाहिए? जब तुम्हें परेशानी थी, तब तुम MNS ऑफिस आए थे।
दुकानदार ने जवाब में कहा कि उसे नहीं पता था कि मराठी बोलना अब जरूरी हो गया है। इस पर एक कार्यकर्ता गाली देते हुए दुकानदार को धमकाता है कि उसे इस इलाके में कारोबार नहीं करने दिया जाएगा। बहस के दौरान दुकानदार से मारपीट की गई थी।
पहले भी कार्यकर्ताओं से चुप रहने को कहा
इसके बाद ठाकरे ने X पर पोस्ट कर पार्टी सदस्यों को पूरे विवाद पर चुप्पी साधने का निर्देश दिया था। राज ठाकरे ने पोस्ट में लिखा था कि, यह एक स्पष्ट आदेश है। पार्टी के किसी भी सदस्य को अखबारों, न्यूज चैनलों या किसी भी डिजिटल मीडिया से कोई बात नहीं करनी है।
न ही अपनी प्रतिक्रिया वाले वीडियो सोशल मीडिया पर डालने हैं। ऐसा करना पूरी तरह से मना है। और जिन्हें मीडिया से बातचीत की आधिकारिक जिम्मेदारी दी गई है, वे भी मेरी अनुमति लिए बिना, मुझसे पूछे बिना किसी भी प्रकार के मीडिया से बात नहीं करेंगे और सोशल मीडिया पर भी कुछ व्यक्त नहीं करेंगे।
मनसे कार्यकर्ताओं ने बार में तोड़-फोड़ की

2 अगस्त को मनसे कार्यकर्ताओं ने पनवेल के नाइट राइडर्स बार में तोड़ फोड़ की।
शनिवार 2 अगस्त को भी ठाकरे ने रायगढ़ की रैली में पूछा था कि रायगढ़ में सबसे ज्यादा डांस बार कैसे हैं? बार बंद थे तो वो खुले कैसे हैं? रायगढ़ छत्रपति शिवाजी की राजधानी है और वहां ये बार कैसे हैं?
इसके बाद मनसे कार्यकर्ताओं ने मुंबई के पनवेल में स्थित नाइट राइडर्स बार में तोड़-फोड़ की थी। इसका एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें कार्यकर्ता बार में घुसकर फर्नीचर तोड़ते नजर आ रहे थे। पुलिस ने इस घटना को लेकर 15 कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज किया है।
20 साल बाद ठाकरे परिवार एक साथ आया

महाराष्ट्र में हिंदी को लेकर जारी विवाद के बीच उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने ‘मराठी एकता’ पर 5 जुलाई को मुंबई के वर्ली डोम में रैली की थी। इस मौके पर दोनों की तरफ से आगे साथ मिलकर राजनीति करने के संकेत दिए गए।
राज ठाकरे ने कहा था- ‘मैंने अपने इंटरव्यू में कहा था कि झगड़े से बड़ा महाराष्ट्र है। 20 साल बाद हम एक मंच पर आए हैं आपको दिख रहे हैं। हमारे लिए सिर्फ महाराष्ट्र और मराठी एजेंडा है, कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है।’
वहीं, उद्धव ने कहा था- ‘हमारे बीच की दूरियां जो मराठी ने दूर कीं सभी को अच्छी लग रही हैं। मेरी नजर में, हमारा एक साथ आना और यह मंच साझा करना, हमारे भाषण से कहीं ज्यादा अहम है।’ पूरी खबर पढ़ें.
जानिए, महाराष्ट्र में भाषा विवाद क्या है
- महाराष्ट्र में अप्रैल में 1 से 5वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए तीसरी भाषा के तौर पर हिंदी अनिवार्य की गई थी। ये फैसला राज्य के सभी मराठी और अंग्रेजी मीडियम स्कूलों पर लागू किया गया था।
- नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के नए करिकुलम को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र में इन क्लासेज के लिए तीन भाषा की पॉलिसी लागू की गई थी।
- विवाद बढ़ने के बाद अपडेटेड गाइडलाइंस जारी की गई। मराठी और अंग्रेजी मीडियम में कक्षा 1 से 5वीं तक पढ़ने वाले स्टूडेंट्स तीसरी भाषा के तौर पर हिंदी के अलावा भी दूसरी भारतीय भाषाएं चुन सकते हैं।
- इसके लिए शर्त बस यह होगी कि एक क्लास के कम से कम 20 स्टूडेंट्स हिंदी से इतर दूसरी भाषा को चुनें। ऐसी स्थिति में स्कूल में दूसरी भाषा की टीचर भी अपॉइंट कराई जाएगी। अगर दूसरी भाषा चुनने वाले स्टूडेंट्स का नंबर 20 से कम है तो वह भाषा ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई जाएगी।

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महाराष्ट्र सरकार ने गवर्नमेंट और सेमी-गवर्नमेंट ऑफिसों में हर तरह के संवाद के लिए मराठी को अनिवार्य कर दिया है। आदेश के मुताबिक सभी नगरीय निकायों, सरकारी निगमों और सहायता प्राप्त संस्थानों में भी मराठी का इस्तेमाल जरूरी होगा। यह नियम पूरे राज्य में निर्देश बोर्ड और डॉक्यूमेंटेशन पर भी लागू किया गया है। पूरी खबर यहां पढ़ें…