Ram Navami 2025 Puja Vidhi Muhurat; Rituals Traditions | Fasting Rules | रामनवमी कल, पूजा मुहूर्त दोपहर 1:35 तक: रामलला मंदिर के पुजारी से जानिए घर पर कैसे करें रामजी की पूजा

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30 मिनट पहले

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रविवार को रामनवमी है। इस दिन पूजा का मुहूर्त करीब ढाई घंटे का रहेगा। रामजन्म मध्याह्न काल में हुआ था, इसलिए पूजा का मुहूर्त सुबह 11 से शुरू हो जाएगा। जन्म पर्व पर रामलला मंदिर के पुजारी संतोष तिवारी बता रहे हैं घर पर रामनवमी की पूजा कैसे करें।

वाल्मीकि रामायण: पुत्रकामेष्टि यज्ञ से हुआ राम का जन्म वाल्मीकि रामायण के मुताबिक, दशरथ जब बहुत बूढ़े हुए तो संतान न होने के कारण चिंतित रहने लगे। ऋषियों ने उन्हें पुत्रकामेष्टि यज्ञ करने की सलाह दी। महर्षि वशिष्ठ के कहने पर दशरथ ने ऋषि श्रृंग को इस यज्ञ के लिए बुलाया।

कथा के मुताबिक यज्ञ पूरा होने के बाद अग्नि देव प्रकट हुए। उन्होंने खीर से भरा सोने का घड़ा दशरथ को दिया और रानियों को खीर खिलाने को कहा। दशरथ ने ऐसा ही किया। एक साल बाद चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष के नौवें दिन कौशल्या ने श्रीराम को जन्म दिया। कैकेई ने भरत और सुमित्रा से जुड़वां बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघ्न हुए।

कितने जाप करें: ग्रंथों में सवा लाख मंत्रों का जाप करने का विधान है। हर दिन 108 मंत्रों का जाप करना चाहिए। सवा लाख जाप पूरे होने पर 12,500 मंत्रों की आहुति से हवन करें। कब शुरू करें: शुभ मुहूर्त में मंत्र जाप शुरू करना चाहिए। ऐसा न हो सके तो भी गुरुवार से शुरू करें। मंत्र जाप करने के लिए तुलसी की माला का इस्तेमाल करना शुभ होता है। दीपक और प्रसाद: मंत्र जाप करते वक्त घी का दीपक जलना चाहिए। मंत्र जाप के बाद भगवान को खीर का नेवैद्य लगाएं।

अब जानते हैं श्रीराम के महत्वपूर्ण मंत्र और उनके अर्थ…

1. आपदामपहर्तार दातारं सर्वसंपदाम्। लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम्।।

अर्थः सबसे सुंदर मेरे आराध्य श्रीराम को मैं बार-बार प्रणाम करता हूं। श्रीराम सभी आपदाओं को दूरते हैं और हमें सुख-संपत्ति प्रदान करते हैं।

2. रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेदसे। रघुनाथाय नाथाय सीताया: पतये नम:।।

अर्थः राम, रामभद्र, रामचंद्र, रघुनाथ, सीता जी के स्वामी को मैं प्रणाम करता हूं।

3. ॐ दशरथये विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि, तन्नो राम प्रचोदयात्॥ अर्थः राजा दशरथ के पुत्र, सीता जी के स्वामी श्रीराम का हम ध्यान करते हैं। भगवान हमें अच्छे काम करने के लिए प्रेरित करें।

4. ऊँ रां रामाय नम:।। अर्थः इस मंत्र का अर्थ है श्रीराम को हम नमस्कार करते हैं।

5. राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे। सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने।। अर्थ: शिव जी देवी पार्वती से कहते हैं – राम नाम इतना मनोरम है कि हम इस राम नाम में ही रमे रहते हैं। हे पार्वती, हजारों नामों के समान यह केवल एक राम नाम है।

अयोध्या के अलावा श्रीराम के 5 प्राचीन मंदिर

भगवान राम अपने जीवन काल में जिन जगहों से गुजरे वहां मंदिर या कोई स्मारक है। ऐसे ही 5 मंदिर जो रामायण और महाभारत काल से जुड़े हैं। जो राम के सबसे पुराने मंदिरों में गिने जाते हैं।

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