Sambhal violence: Charges framed against 23 people including SP MP | संभल में सपा सांसद बर्क ने दंगा भड़काया: जामा मस्जिद के सदर ने सर्वे रोकने लिए भीड़ जुटाई, 1100 पन्नों की चार्जशीट दाखिल – Sambhal News


संभल5 घंटे पहले

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संभल हिंसा मामले में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बुधवार को पुलिस ने 1100 पन्नों की चार्जशीट चंदौसी MP/MLA कोर्ट में दाखिल की है।

पुलिस ने सांसद बर्क और मस्जिद के सदर जफर अली सहित कुल 23 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। इन्हें हिंसा भड़काने का नामजद आरोपी बनाया है। पुलिस ने 700-800 अज्ञात को भी आरोपी बनाया है।

24 नवंबर, 2024 को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़की थी। हिंसा में चार मुस्लिम युवकों की जान चली गई थी। एसपी, सीओ और डिप्टी कलेक्टर समेत 29 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

एसपी कृष्ण बिश्नोई ने बताया, 12 मुकदमों में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। हिंसा के दौरान घटनास्थल के पास सुहेल इकबाल मौजूद थे, लेकिन हिंसा में उनकी संलिप्तता नहीं पाई गई है। कुल 12 मुकदमों में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है।

सांसद ने हिंसा भड़काई, विधायक के बेटे ने गोली चलवाई सांसद बर्क पर आरोप है कि उन्होंने भड़काऊ भाषण देकर भीड़ को उकसाया। उन्होंने मस्जिद सदर जफर अली को 23 नवंबर की रात फोन करके कहा था, ‘कौम हम पर ही थूकेगी। सर्वे किसी भी सूरत में नहीं होना चाहिए। भीड़ इकट्ठा करो।’

पुलिस ने इस मामले में जामा मस्जिद के सदर जफर अली एडवोकेट सहित कुल 92 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। सांसद बर्क से एसआईटी ने 8 अप्रैल को संभल के थाना नखासा में करीब चार घंटे पूछताछ की। इससे पहले 25 मार्च को SIT के इंस्पेक्टर अमरीश कुमार ने दिल्ली जाकर सांसद के आवास पर पूछताछ का नोटिस दिया था।

दरोगा दीपक राठी ने सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज कराई थी।

दरोगा दीपक राठी ने सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज कराई थी।

जामा मस्जिद के दो सर्वे हुए, पहले सर्वे से पहले सांसद बर्क ने कहा था- कयामत तक रहेगी मस्जिद

कोर्ट के आदेश पर जामा मस्जिद का पहला सर्वे 19 नवंबर, 2024 को हुआ था। इसके बाद 22 नवंबर को सांसद बर्क भीड़ के साथ जुमे की नमाज पढ़ने पहुंचे। तब उन्होंने कहा था-

‘कसूरे गम से दो आंसू बहाएं तो आफत है, और सितम सारे जमाने के भूल जाएं तो बगावत है। समझ नहीं आता, छेड़ें तो दास्तां कैसे, हंसाए तो बगावत है, रुलाएं तो बगावत है। आज मैं जामा मस्जिद के अंदर गया, जो अल्लाह का घर है। आज से नहीं, कई साल से यह मस्जिद है। यहां इबादत करने के लिए सारे मुसलमान तशरीफ लाए हैं। ये कुछ नया नहीं है। हमेशा से यहां नमाज अदा की जा रही है।

आज मैं भी नमाज के लिए हाजिर हुआ हूं। मुझे मालूम पड़ा कि पुलिस प्रशासन ने यहां बहुत तैयारी कर रखी है। पता नहीं यहां इतनी पुलिस फोर्स क्यों लगा रखी है? यहां कोई जंग तो होने नहीं जा रही, नमाज ही हो रही है। हम लोग बहुत सुकून से रहते हैं। लेकिन कुछ लोग यहां का माहौल बिगाड़ना चाह रहे हैं।

मैं कोर्ट के आदेश से सहमत नहीं हूं। हमें सुना नहीं गया, आदेश देने से पहले हमें सुनना चाहिए था। सर्वे करवाने की इतनी जल्दी क्या थी? पुलिस प्रशासन और चीजों में भी इतनी तेजी दिखाया करे। जो क्राइम होते हैं, जो लोगों पर झूठे केस लगाए जाते हैं, उनको रोकता तो हमें भी खुशी होती।

ये चाहे 10 ड्रोन कैमरे यहां ले आएं, लेकिन ये मस्जिद थी, मस्जिद है और मस्जिद ही रहेगी कयामत तक। हम यहां सुकून को कायम रखना चाहते हैं। लेकिन आज हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हम अपनी मस्जिद के लिए कानूनी लड़ाई को लड़ेंगे। ये मस्जिद कोई 5-10 साल पुरानी नहीं है। हम इस देश के मालिक हैं, नौकर गुलाम नहीं हैं।’

फोटो 19 नवंबर, 2024 की है। सर्वे के बाद पहले जुमे की काफी भीड़ मस्जिद में जुटी थी।

फोटो 19 नवंबर, 2024 की है। सर्वे के बाद पहले जुमे की काफी भीड़ मस्जिद में जुटी थी।

क्यों भड़की थी हिंसा?

19 नवंबर, 2024: ढाई घंटे में ऑर्डर, 2 घंटे में सर्वे

संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि ये पहले हरिहर मंदिर था, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया।

कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरि महाराज ने 19 नवंबर को दोपहर डेढ़ बजे सिविल कोर्ट में याचिका लगाई। सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की अदालत ने ढाई घंटे में ऑर्डर कर दिया। कहा- मस्जिद का सर्वे होगा। वीडियो और फोटोग्राफी कराकर रिपोर्ट 7 दिन में दाखिल करें।

अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया। उसी दिन शाम 4 बजे आदेश आने के महज 2 घंटे के भीतर शाम सवा छह बजे सर्वे के लिए टीम जामा मस्जिद पहुंच गई। डीएम राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई भी साथ रहे। 2 घंटे के सर्वे के बाद टीम रात करीब पौने 8 बजे बाहर आई थी।

महंत ऋषि राज गिरि ने दावा किया कि शाही जामा मस्जिद श्रीहरिहर मंदिर है। मस्जिद में मंदिर के कई प्रमाण हैं। यहीं पर भगवान विष्णु के दशावतार कल्कि का अवतार होना है। शाही जामा मस्जिद सदर कोतवाली क्षेत्र के कोट पूर्वी में स्थित है।

ये फुटेज 24 नवंबर के हैं। सर्वे के विरोध में संभल में जबरदस्त हिंसा हुई थी।

ये फुटेज 24 नवंबर के हैं। सर्वे के विरोध में संभल में जबरदस्त हिंसा हुई थी।

24 नवंबर, 2024: दूसरा सर्वे करने पहुंची टीम, हिंसा भड़की

24 नवंबर की सुबह सर्वे टीम दोबारा सर्वे करने के लिए मस्जिद पहुंची। टीम देखकर मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। कुछ ही देर में करीब दो से तीन हजार से ज्यादा लोग जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गए। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद हिंसा भड़क गई। हिंसा में चार युवकों की गोली लगने से मौत हुई।

बाद में पुलिस ने खुलासा किया कि हिंसा के लिए भीड़ को उकसाया था। कहा गया था कि यह हमारी 500 साल पुरानी बाबर की निशानी है। इसकी हिफाजत करनी है। एक वकील (विष्णु शंकर जैन) है, जो जगह-जगह दरख्वास्त डालता है। उसे खत्म करना है।

हिंसा में अब तक 3 महिलाओं समेत 79 की गिरफ्तारी संभल हिंसा में अब तक 3 महिलाओं सहित 92 उपद्रवियों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। अभी तक किसी की जमानत नहीं हुई है। जस्टिस नारायण राय ने अब तक 130 जमानत याचिकाओं को खारिज किया है।

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संभल हिंसा से जुड़ी ये 2 खबरें भी पढ़िए…

संभल हिंसा में सांसद बर्क पर FIR की हूबहू कॉपी:सर्वे रोकने के लिए भड़काऊ भाषण दिया; विधायक के बेटे ने सीओ पर गोली चलवाई

संभल हिंसा में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर नामजद FIR दर्ज की गई है। पुलिस ने 7 FIR दर्ज की है। इनमें से एक एफआईआर दरोगा दीपक राठी की ओर से दर्ज कराई गई है। इसमें सांसद पर शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भीड़ को सर्वे रोकने के लिए उकसाने का आरोप है। पढ़ें पूरी खबर…

संभल में हिंसा के 5 घंटे…रिपोर्टर की आंखों देखी:भीड़ हिंदू एरिया में जाने वाली थी, पुलिस ने खदेड़ा; मस्जिद पर भी लगे पत्थर

‘संभल में हिंसा के बाद सड़कों पर सिर्फ चप्पल और पत्थर दिखाई दिए। हिंसक भीड़ पुलिस पर पथराव कर रही थी। गाड़ियां फूंकी जा रही थी। छतों से पत्थर फेंके जा रहे थे। पुलिस कर्मी बचते नजर आए।

जिस शाही जामा मस्जिद के सर्वे के विरोध में भीड़ ने हिंसा की, उसकी दीवारों पर भी पत्थर लगे। उपद्रवी हिंदू आबादी की तरफ पहुंचने वाले थे, पुलिस ने खदेड़ा। करीब 5 घंटे तक ये सब चलता रहा। मैं भी हेलमेट पहनकर रिपोर्टिंग कर रहा था। ऐसे हालात मैंने अपने करियर के 14 सालों में कभी नहीं देखा। हालात कश्मीर जैसे दिख रहे थे।’ पढ़ें पूरी खबर…



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