Saturn will vakri in Pisces this evening, shani ka rashifal, Shani transit in Pisces in hindi | आज शाम शनि मीन राशि में हो जाएगा वक्री: 28 नवंबर को शनि मीन राशि में होगा मार्गी, जानिए आपकी राशि के लिए कैसा रहेगा शनि का असर


12 मिनट पहले

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शनि वर्तमान में मीन राशि में गोचर कर रहा है। आज 13 जुलाई की शाम करीब 7 बजे ये वक्री हो जाएगा। शनि वक्री अवस्था में 138 दिन रहेगा। 28 नवंबर की रात को ये पुनः मीन राशि में ही मार्गी हो जाएगा। ग्रह का वक्री होना यानी पीछे की ओर चलना और ग्रह का मार्गी होना यानी ग्रह का आगे की ओर चलना।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, शनि के वक्री होने से मौसम में बदलाव होंगे, कहीं वर्षा अधिक, कहीं बहुत कम होगी। साथ ही तनाव, आतंकवाद, रोग एवं भ्रष्टाचार में वृद्धि हो सकती है। जानिए सभी 12 राशियों के लिए शनि का कैसा असर रहने वाला है…

मेष – द्वादश भाव में शनि वक्री होगा। ये समय हतोत्साहित करने वाला रहेगा। मेहनत का पूरा फल नहीं मिल पाएगा। कार्यों में देरी होगी। शनि की साढ़ेसाती चल रही है।

वृषभ – एकादश भाव में शनि वक्री होगा। आय में कमी आएगी। प्रतिष्ठा धूमिल और योजनाएं विफल हो सकती हैं। धन की हानि संभव है।

मिथुन – दशम स्थान में शनि वक्री है, इस राशि के लिए उत्तम रहेगा। इन्हें किसी प्रकार की हानि की संभावना नहीं है।

कर्क – नवम स्थान में वक्री शनि किसी प्रकार से नुकसानदायक नहीं है। स्वयं एवं परिवार के लिए अनुकूल ही रहेगा।

सिंह – अष्टम स्थान पर वक्री शनि परेशानी बढ़ा सकता है। आवश्यक उपचार करेंगे तो समय ठीक से व्यतीत हो जाएगा। शनि की ढय्या चल रही है। हनुमान जी की आराधना करें।

कन्या – सप्तम भाव में शनि वक्री होगा। सामान्य फल देने वाला रहेगा। जीवनसाथी के साथ या जीवनसाथी को परेशानियां आ सकती हैं।

तुला – षष्ठम भाव में शनि वक्री होगा। कोई विशेष चिंता की बात नहीं है। समय व्यवस्थित चलता रहेगा। मन व्यथित अवश्य रहेगा।

वृश्चिक – पंचम स्थान पर शनि वक्री होगा। संतान की रक्षा करनी होगी। नौकरी में तनाव हो सकता है। क्रोध पर नियंत्रण रखें।

धनु – चतुर्थ भाव में शनि वक्री होगा। तनाव भरा समय रहेगा। परिवार के प्रति मोह कम होगा। ईश्वर के प्रति आस्था बढ़ेगी। शनि की ढय्या चल रही है। हनुमान जी की आराधना करें।

मकर – तृतीय भाव में शनि वक्री होगा। भाइयों से तनाव हो सकता है। पराक्रम श्रेष्ठ रहेगा। कार्यों में गति बनी रहेगी। धन की आवक अच्छी बनी रहेगी।

कुंभ – द्वितीय भाव में शनि वक्री होगा। समय संभलकर चलने का है। निवेश से बचें और किसी को उधार न दें। शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव पूर्व से है।

मीन – इसी राशि में शनि वक्री होगा। शनि की साढ़ेसाती भी चल रही है, जिसका नकारात्मक प्रभाव विगत वर्षों से आप महसूस कर ही रहे हैं। आगे भी संभलकर रहने का समय है।

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