Shashi Tharoor Vs Congress; Lok Sabha Operation Sindoor Debate | BJP | ऑपरेशन सिंदूर पर बहस, थरूर बोले-मौन व्रत, मौन व्रत: दावा- संसद में कांग्रेस की लाइन पर बोलने से इनकार किया; विदेश जाने वाले डेलिगेशन में शामिल थे

[ad_1]

नई दिल्ली23 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो रही है। इस चर्चा में शामिल होने वाले कांग्रेस के वक्ताओं की लिस्ट में नाम न होने के सवाल पर थरूर ने हंसते हुए संसद परिसर में कहा, ‘मौन व्रत…मौन व्रत…’। वहीं कांग्रेस का कहना है कि थरूर ने अपनी इच्छा से इसमें शामिल होने से मना किया है।

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी, गौरव गोगोई , प्रियंका गांधी, दीपेंद्र हुड्डा, परिणीति शिंदे, शफी परमबिल, मणिकम टैगोर और राजा बराड़ पक्ष रखेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी ने थरूर से ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का नेतृत्व करने के लिए कहा था। लेकिन थरूर ने कांग्रेस की लाइन पर बोलने से इनकार किया था।

कांग्रेस सांसद थरूर ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने के लिए विदेश की यात्रा पर गए थे। दुनिया के अलग-अलग देशों में भेजे गए सात डेलिगेशन में से एक का नेतृत्व किया था। थरूर ने राष्ट्र पहले की बात कहते हुए सरकार के इस कदम का समर्थन किया था। उन्होंने लेख लिख कर प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ भी की थी।

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भयानक आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। इस हमले की जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर नामक एक ऑपरेशन चलाया था और पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के ठिकानों को नष्ट किया था। इस हमले और सैन्य ऑपरेशन को लेकर आज लोकसभा में एक खास चर्चा हो रही है।

संसद परिसर में पत्रकारों के सवाल पर थरूर ने मुस्कुराते हुए यह जवाब दिया।

संसद परिसर में पत्रकारों के सवाल पर थरूर ने मुस्कुराते हुए यह जवाब दिया।

कांग्रेस ने जताई थी नाराजगी थरूर के विदेश में ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने वाले डेलिगेशन का नेतृत्व करने पर कांग्रेस ने नाराजगी जताई थी। कांग्रेस नेतृत्व उनके इस कदम से खुश नहीं थी। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि सरकार ने उससे इन प्रतिनिधिमंडलों में जाने के लिए चार नाम मांगे थे, इस पर चार नाम सरकार को दिए गए थे।

लेकिन सरकार ने उन नामों को दरकिनार करते हुए शशि थरूर और सलमान खुर्शीद समेत अन्य नेताओं को प्रतिनिधिमंडल में शामिल कर लिया।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पर लिखा था, ‘शुक्रवार (16 मई) सुबह संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी से बात की थी। उन्होंने विदेश भेजे जाने वाले डेलिगेशन के लिए 4 सांसदों का नाम मांगा था। कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार​​ के नाम दिए थे।’

भारत लौटने के बाद भी थरूर और कांग्रेस के बीच रिश्ते सामान्य नहीं हुए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने थरूर का नाम लिए बिना कहा था कि कुछ लोगों के लिए मोदी पहले हैं और देश बाद में। खड़गे का यह बयान थरूर के सरकार की ओर झुकाव को लेकर था।

थरूर ने कहा था- सम्मानित महसूस कर रहा हूं दूसरी तरफ, शशि थरूर ने डेलिगेशन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिलने पर केंद्र का आभार जताया। उन्होंने X पर लिखा, ‘मैं हाल की घटनाओं पर हमारे देश का दृष्टिकोण रखने के लिए पांच प्रमुख देशों की राजधानियों में एक सर्वदलीय डेलिगेशन का नेतृत्व करने के लिए भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। जब राष्ट्रीय हित की बात होगी और मेरी सेवाओं की जरूरत होगी, तो मैं पीछे नहीं रहूंगा।’

इससे पहले शशि थरूर ने 8 मई को केंद्र सरकार की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान और दुनिया के लिए मजबूत संदेश है। भारत ने 26 बेकसूर नागरिकों की मौत का बदला लेने के लिए सटीक कार्रवाई की।

शशि थरूर से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें…

मोदी सरकार ने कांग्रेस के शशि थरूर को ही क्यों चुना, ऑपरेशन सिंदूर का डेलिगेशन लीड करेंगे; पर्दे के पीछे क्या चल रहा है?

मोदी सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने के लिए ऑल पार्टी डेलिगेशन की घोषणा की, तो उसमें पहला नाम कांग्रेस सांसद शशि थरूर का था। कांग्रेस का कहना है कि हमने थरूर का नाम दिया ही नहीं। हालांकि थरूर ने कहा था कि भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। पूरी खबर पढ़ें…

[ad_2]

Source link

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top