पालघर1 घंटे पहले
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ऑटो ड्राइवर को मराठी नहीं बोलने का वीडियो वायरल हुआ, जिसके बाद शिवसेना (UBT) कार्यकर्ताओं ने उसे पीटा।
महाराष्ट्र के पालघर में शिवसेना (UBT) के कार्यकर्ताओं ने एक ऑटो ड्राइवर की पिटाई कर दी। दरअसल, ऑटो ड्राइवर का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वह चिल्लाते हुए कह रहा है कि हिंदी और भोजपुरी में बोलूंगा, क्या करोगे। मैं मराठी नहीं बोलता।
इसके बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने ऑटो ड्राइवर को पकड़ा और कान पकड़कर मराठी में माफी मंगवाई। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर डाला। इसमें ड्राइवर हाथ जोड़कर कहता है कि गलती हो गई, अब मराठी में बोलूंगा। इस दौरान उसे कई थप्पड़ मारे जाते हैं। साथ ही क्षत्रपति शिवाजी महाराज के जयकारे भी लगाए।
पूरा मामला 4 फोटो में समझिए…

ऑटो ड्राइवर ने शनिवार को कहा था कि मराठी नहीं बोलूंगा। हिंदी में बात करूंगा।

वीडियो वायरल होने के बाद शिवसेना (UBT) के कार्यकर्ताओं ने ड्राइवर की जमकर पिटाई की।

ऑटो ड्राइवर से कान पकड़कर माफी मंगवाई गई।

ड्राइवर हाथ जोड़कर माफी मांगता है। साथ ही कहता है कि अब मराठी में बोलूंगा।
‘सच्ची शिवसेना शैली में जवाब देंगे’
शिवसेना (UBT) विरार शहर प्रमुख उदय जाधव ने कहा, ‘जो कोई भी मराठी भाषा, महाराष्ट्र या मराठी मानुष का अपमान करेगा, उसे सच्ची शिवसेना की शैली में जवाब मिलेगा। हम चुप नहीं बैठेंगे।’
उन्होंने यह भी कहा कि ड्राइवर को उसकी हिम्मत के लिए सबक सिखाया गया और उससे लोगों और राज्य से माफी मंगवाई गई।
पुलिस बोली- अब तक कोई शिकायत नहीं मिली
पुलिस ने रविवार को कहा- हमने मामले का वीडियो देखा है, लेकिन अभी तक कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है। इसलिए अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। वीडियो की जांच कर रहे हैं।
MNS कार्यकर्ताओं ने ठाणे में गुजराती दुकानदार को पीटा था

30 जून को वायरल हुए वीडियो में MNS कार्यकर्ता दुकानदार को थप्पड़ मारते दिखे।
करीब 2 हफ्ते पहले महाराष्ट्र के ठाणे में राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने एक गुजराती दुकानदार को पीटा था। दुकानदार ने उनसे सिर्फ इतना पूछा था कि मराठी बोलना जरूरी क्यों है।
इसके जवाब में कार्यकर्ता उससे कहते हैं कि ये महाराष्ट्र है, इसलिए यहां मराठी बोलना ही होगा। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने काशीमीरा थाने में MNS के सात कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। पूरी खबर पढ़ें…
राज ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार से मराठी और इंग्लिश अनिवार्य करने की अपील की थी
पिछले महीने MNS नेता राज ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार से अपील करते हुए कहा था कि, ‘वो लिखित आदेश जारी करे कि पहली कक्षा से बच्चों को सिर्फ मराठी और इंग्लिश पढ़ाई जाएगी, हिंदी को अनिवार्य नहीं किया जाएगा।’
उन्होंने बताया कि सरकार ने पहले तीन भाषाएं पढ़ाने का फैसला लिया था और अब हिंदी की किताबें छप भी गई हैं। अगर सरकार अब फिर से हिंदी को जरूरी करती है, तो MNS आंदोलन करेगी।
महाराष्ट्र सरकार ने हिंदी अनिवार्य का फैसला वापस लिया
महाराष्ट्र में 16 अप्रैल को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को लागू करने का फैसला लिया गया था, इसके तहत राज्य के मराठी और अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा के छात्रों के लिए हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाया गया था।
हालांकि राज्य में कई संगठन और राजनीतिक दलों ने हिंदी को अनिवार्य करने का विरोध किया। इसके चलते राज्य सरकार ने 22 अप्रैल को हिंदी अनिवार्य करने का अपना निर्णय वापस ले लिया था। पत्रकारों से बातचीत के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने कहा था कि स्टूडेंट्स तीसरी भाषा अपने मन से चुन सकेंगे। हिंदी अनिवार्य नहीं होगी। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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महाराष्ट्र में स्कूलों में थ्री-लैंग्वेज पॉलिसी का आदेश वापस:कक्षा 1-5वीं तक हिंदी को तीसरी लैंग्वेज बनाया था

महाराष्ट्र सरकार ने 29 जून को तीन भाषा नीति से जुड़े अपने 16 और 17 अप्रैल को जारी दो आदेश (GR) रद्द कर दिए। सरकार के इस आदेश के खिलाफ विपक्ष लगातार विरोध कर रहा था। इसके तहत सरकार ने इसी साल अप्रैल में कक्षा 1 से 5वीं तक तीसरी भाषा के तौर पर हिंदी को अनिवार्य करने का आदेश जारी किया था। पूरी खबर यहां पढ़ें…
महाराष्ट्र के सरकारी दफ्तरों में मराठी अनिवार्य:नोटिस और निर्देश भी इसी भाषा में होंगे, उल्लंघन करने वालों पर एक्शन होगा

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