sholay movie original ending farhan akhtar reveals | ‘शोले’ में गब्बर को ठाकुर ने मार दिया था: फरहान अख्तर ने बताया कि क्यों फिल्म का क्लाइमैक्स बदलना पड़ा था?


1 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

बॉलीवुड की सबसे यादगार फिल्मों में से एक शोले इस 15 अगस्त को 50 साल पूरे करने जा रही है। हाल ही में फिल्ममेकर फरहान अख्तर ने फिल्म से जुड़ा एक अनसुना किस्सा शेयर किया है।

प्रखर गुप्ता के यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए फरहान ने कहा,

QuoteImage

इस फिल्म की असली ताकत उसकी भावनात्मक कहानी थी। पूरी कहानी ठाकुर के बदले के इर्द-गिर्द थी, जब उसके हाथ काट दिए जाते हैं। हम सब जय-वीरू की बातों में उलझ जाते हैं, लेकिन असली कहानी तो उस ईमानदार पुलिस अफसर की थी, जो एक डाकू से अपने परिवार की हत्या का बदला लेने निकलता है। वो दो बेकार लोगों को साथ रखता है, और असली एंड में वो गब्बर को मार देता है, लेकिन इमरजेंसी की वजह से एंडिंग बदलनी पड़ाी। अब वो ओरिजिनल एंडिंग मिल जाती है, जिसमें वो अपने पैरों से गब्बर को कुचलता है और फिर रो पड़ता है।

QuoteImage

15 अगस्त 1975 में रिलीज हुई फिल्म 'शोले' को रमेश सिप्पी ने निर्देशित किया था।

15 अगस्त 1975 में रिलीज हुई फिल्म ‘शोले’ को रमेश सिप्पी ने निर्देशित किया था।

फरहान ने ये भी बताया कि उनके पिता जावेद अख्तर, जिन्होंने सलीम खान के साथ शोले लिखी थी, इस बदलाव से खुश नहीं थे।

फरहान ने कहा,

QuoteImage

जब पापा और सलीम साहब को एंडिंग बदलनी पड़ी, तो वो मजाक में कहने लगे थे कि अब तो गांववाले, पुलिस, सब आ गए, बस पोस्टमैन ही रह गया है। उन्हें पुलिस का आना और एंडिंग समझ नहीं आई, लेकिन मजबूरी थी।

QuoteImage

फिल्म ‘शोले’ दो अपराधियों वीरू (धर्मेंद्र) और जय (अमिताभ बच्चन) की कहानी है, जिन्हें एक रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर (संजीव कुमार) खूंखार डाकू गब्बर सिंह (अमजद खान) को पकड़ने के लिए रखता है।

2014 में 'शोले' को 3D में दोबारा रिलीज किया गया था।

2014 में ‘शोले’ को 3D में दोबारा रिलीज किया गया था।

फिल्म में हेमा मालिनी ने बसंती और जया बच्चन ने राधा का किरदार निभाया है, जो वीरू और जय की प्रेमिकाएं हैं। फिल्म का संगीत आर.डी. बर्मन ने दिया था।

‘शोले’ मुंबई के मिनर्वा थिएटर में लगातार पांच साल तक चली और पूरे देश में रिकॉर्ड तोड़े। विदेशों, खासकर सोवियत संघ में भी यह हिट रही।

यह फिल्म उस समय की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी और सालों तक रिकॉर्ड बनाए रखे। ब्रिटिश फिल्म इंस्टीट्यूट की 2002 की लिस्ट में इसे ‘बेस्ट भारतीय फिल्म’ का दर्जा मिला और 2005 के फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में ’50 सालों की बेस्ट फिल्म’ घोषित किया गया।



Source link

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top