Spicejet Free Fall Video; Delhi Srinagar Airlines | Flights Passenger | स्पाइसजेट की फ्लाइट में फ्री फॉल, पैसेंजर ने बनाया वीडियो: प्लेन में 23 सेकंड तक मचा हड़कंप; दिल्ली से श्रीनगर जा रहा था प्लेन


श्रीनगर18 मिनट पहले

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वीडियो में लोग कुर्सियों को पकड़े हुए नजर आ रहे हैं। एयर होस्टेस प्लेन के फ्लोर पर घुटनों के बल चल रही है। - Dainik Bhaskar

वीडियो में लोग कुर्सियों को पकड़े हुए नजर आ रहे हैं। एयर होस्टेस प्लेन के फ्लोर पर घुटनों के बल चल रही है।

दिल्ली से श्रीनगर जा रही स्पाइसजेट की फ्लाइट में शनिवार को फ्री फॉल हुआ। इसके चलते प्लेन के अंदर 23 सेकंड तक हड़कंप जैसे हालात रहे। फ्लाइट SG-385 में बैठे एक पैसेंजर ने यह वीडियो रिकॉर्ड किया। जिसमें एक क्रू मेंबर प्लेन के फ्लोर पर घुटनों के बल बैठकर जाती दिखाई दे रही है। जबकि बाकी पैसेंजर कुर्सियों को पकड़े हुए हैं। वीडियो में सीट बेल्ट बांधने के निर्देश भी सुनाई दे रहे हैं।

अर्जिमंद हुसैन नाम के X अकाउंट पर पोस्ट किए गए वीडियो में यह भी लिखा है कि प्लेन बनिहाल दर्रे के ऊपर से गुजरते वक्त कई सौ मीटर नीचे गिर गया। हुसैन ने लिखा है कि वह केवल इस फ्री फॉल के आखिरी पल ही कैद कर पाया।

यूजर ने लिखा है कि कुछ ही देर पहले सभी खिड़कियों के शीशे बंद करने के निर्देश दिए गए थे, और किसी को भी अंदाजा नहीं था कि क्या हो रहा है। हालांक उसने सवाल उठाया कि कंडीशन खत्म होने के बाद सीट बेल्ट की चेतावनी क्यों दी गई?

अभी तक स्पाइसजेट की तरफ से इस मामले पर कोई बयान जारी नहीं किया गया है।

प्लेन के अंदर का वीडियो, जिसमें फ्री फॉल के आखिरी मोमेंट्स नजर आ रहे हैं।

प्लेन के अंदर का वीडियो, जिसमें फ्री फॉल के आखिरी मोमेंट्स नजर आ रहे हैं।

पहले जानिए क्या है फ्री फॉल कंडीशन

किसी प्लेन में फ्री फॉल वह कंडीशन होती है जब प्लेन कुछ देर के लिए केवल जीरो ग्रैविटी (गुरुत्वाकर्षण के अधीन) में आकर गिरता है। इससे उसमें मौजूद लोगों को लगता है कि उनमें कोई वजन नहीं है। आसान शब्दों में कहें तो प्लेन का फ्री फॉल ऐसा अनुभव होता है, मानो वह आसमान से गिर रहा हो।

असल में यह एक कंट्रोल्ड प्रोसेस होती है। फ्री फॉल कंडीशन या तो वैज्ञानिक प्रयोग, स्पेस ट्रेनिंग या फिर रेयर टेक्निकल खराबी के कारण होती है।

फ्री फॉल 2 तरह के होते हैं…

1. नियंत्रित फ्री फॉल या पैराबॉलिक फ्लाइट : यह फ्री फॉल जानबूझकर किया जाता है। इसे वैज्ञानिक या अंतरिक्ष एजेंसियां करती हैं। इस कंडीशन में प्लेन ऊपर की ओर झुकता है, लगभग 45°, फिर इंजन बंद कर दिए जाते हैं या थ्रस्ट कम कर दिया जाता है, जिससे वह परबोला बनाते हुए गिरता है। इससे अंदर बैठे लोगों को 20–30 सेकंड तक जीरो ग्रैविटी महसूस होती है।

NASA, ESA और ISRO जैसे संगठन इसका इस्तेमाल एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग के लिए करते हैं। इसे वॉमिट कॉमेट भी कहा जाता है, क्योंकि इस कंडीशन बहुत लोग उल्टी कर देते हैं।

2. अनवॉन्टेड फ्री फॉल, इमरजेंसी मालफंक्शन: जब किसी कारण से प्लेन का इंजन फेल हो जाए, एयर प्रेशर गिर जाए, या कंट्रोल सिस्टम काबू में न हो, तो प्लेन बिना कंट्रोल के नीचे गिर सकता है। ऐसे में यात्रियों को तेज झटका, झूलने जैसा अहसास और कभी-कभी वजन जीरो होने जैसा अनुभव होता है। हालांकि यह बहुत ही रेयर कंडीशन है और ज्यादातर मामलों में पायलट तुरंत प्लेन को संभाल लेते हैं।

फ्री फॉल में कैसा लगता है…

  • शरीर उड़ता महसूस होता है, पेट में हल्का कंपन जैसे झूले में गिरने पर लगता है।
  • पानी की बोतलें, कागज या वस्तुएं हवा में तैरने लगती हैं।
  • कुछ लोगों को घबराहट, उल्टी या चक्कर आ सकते हैं।
  • अंतरिक्ष यात्रियों को इसी तरह की सेंसटिविटी से गुजरना पड़ता है।

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