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8 घंटे पहले
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- किताबों से जानिए, वर्तमान में जिएंगे तो कैसे नकारात्मक विचारों से हमेशा बचे रहेंगे …
भविष्य या अतीत नहीं, आज में जीना शुरू करें हममें से बहुत लोग या तो अतीत में जीते हैं या भविष्य की चिंता में उलझे रहते हैं। अतीत बीत चुका है, भविष्य अभी आया नहीं है। जो है, वो वर्तमान है। जब आप पूरी तरह आज में जीना शुरू करते हैं, तो आपका मन शांत होता है। पछतावा, डर या चिंता सिर्फ इस वजह से जन्म लेते हैं कि हम आज से जुड़ते नहीं। ध्यान, गहरी सांसें और अपने विचारों का निरीक्षण वे अभ्यास हैं, जो हमें आज में जीना सिखाते हैं। (द पावर ऑफ नाउ)
दूसरों का नहीं, पहले खुद का रवैया बदलें बहुत से लोग बाहरी हालात या दूसरों के व्यवहार पर निर्भर रहते हैं। आपके और आपकी परिस्थिति के बीच एक शक्ति है : चुनाव की स्वतंत्रता। आप तय करते हैं कि किसी घटना पर कैसी प्रतिक्रिया देना है। अपने विचारों, भाषा और कर्मों की जिम्मेदारी लेना ही जीवन का असली नियंत्रण है। अगर आप चाहते हैं कि आपका जीवन बदल जाए तो दूसरों का नहीं, पहले खुद का रवैया बदलना शुरू करें। (सेवन हैबिट्स)
लोग इन दो तरह की मानसिकता में जीते हैं दुनिया के लोग दो तरह की मानसिकता में जीते हैं- फिक्स्ड माइंडसेट, ग्रोथ माइंडसेट। फिक्स्ड माइंडसेट वाले लोग मानते हैं कि उनकी प्रतिभा और बुद्धिमत्ता जन्मजात है। वे असफलता से डरते हैं और चुनौतियों से कतराते हैं। ग्रोथ माइंडसेट वाले मानते हैं कि सीखने, मेहनत और अनुभव से किसी भी कौशल को विकसित किया जा सकता है। वे असफलता को सीखने का मौका मानते हैं और हर चुनौती का सामना करते हैं। (माइंडसेट)
हर दिन छोटी चीजों से शुरुआत कर सकते हैं अगर आप दुनिया बदलना चाहते हैं, तो सबसे पहले हर सुबह अपना बिस्तर ठीक करें। यह छोटी आदत लग सकती है, लेकिन इससे दिन की शुरुआत अनुशासन, जिम्मेदारी और संतुलन के साथ होती है। जब आप सुबह उठते ही एक छोटा लक्ष्य पूरा करते हैं- जैसे बिस्तर ठीक करना, तो आपको एक छोटी जीत का अहसास होता है और यही भावना पूरे दिन आपके साथ रहती है। शुरुआत छोटी चीजों से करें। (मेक योर बेड)
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