Supreme court list the case to release film Udaipur files, after Delhi high-court stay order | उदयपुर फाइल्स रिलीज करवाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकारी: एडवोकेट ने अर्जेंट सुनवाई की मांग की, कहा- सिनेमाघर बुक हो चुके हैं; दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगाई है


20 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
फिल्म उदयपुर फाइल्स 12 जुलाई को रिलीज होने वाली थी। - Dainik Bhaskar

फिल्म उदयपुर फाइल्स 12 जुलाई को रिलीज होने वाली थी।

12 जुलाई को रिलीज होने के लिए शेड्यूल फिल्म उदयपुर फाइल्स की रिलीज पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। इस मामले में फिल्म के प्रोड्यूसर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। फिल्म के प्रोड्यूसर्स की अगुआई कर रहे एडवोकेट गौरव भाटिया ने सुप्रीम कोर्ट के जज से कहा कि फिल्म 12 जुलाई को रिलीज होनी थी। इसके लिए सभी थिएटर्स बुक हो चुके हैं, सभी थिएटर मालिक इंतजार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ये केस सूचीबद्ध किया है। मामले की सुनवाई जल्द होगी।

याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा- ‘रिलीज पर रोक लगा दी गई है?’ इस पर एडवोकेट गौरव भाटिया ने तर्क दिया, ‘फिल्म 11 जुलाई को रिलीज होनी थी। एक दिन पहले रात 8 बजे रिलीज पर रोक लगाने का आदेश पारित हुआ।’

जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा कि क्या फिल्म को रिलीज करने की अनुमति है। इस पर गौरव भाटिया ने कहा कि उन्हें सेंसर बोर्ड ने फिल्म पास कर दी है। हमारे पास सर्टिफिकेट है और सभी सिनेमाघर बुक थे।

जब पूछा गया कि क्या है फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है जो मामला अब भी जारी है। इस पर गौरव भाटिया ने कहा कि उदयपुर फाइल्स वो फिल्म है जिसमें एक व्यक्ति का सिर कलम कर दिया गया। मुझे पूरी जिम्मेदारी के साथ कहना होगा कि यह मौलिक अधिकारों का मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया था। लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने दखल देकर रिलीज पर रोक लगा दी।

मामले को समझने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केस को लिस्ट करने का आदेश दिया है। इस पर एडवोकेट भाटिया ने कल यानी 15 जुलाई को मामले की सुनवाई करने की अपील की, लेकिन कोर्ट ने उन्हें बुधवार या किसी दूसरे दिन सुनवाई के आदेश दिए हैं।

क्या है पूरा मामला?

फिल्म उदयपुर फाइल्स 12 जुलाई को रिलीज होनी थी। ये फिल्म टेलर कन्हैया लाल पर बनी है, जिसकी उदयपुर में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा हत्या कर दी गई थी। हत्या के 11 आरोपी जेल में हैं और ट्रायल जारी है। फिल्म उदयपुर फाइल्स का ट्रेलर जारी होने के बाद फिल्म विवादों से घिर गई। कन्हैयालाल हत्याकांड के 8वें आरोपी मोहम्मद जावेद ने सुप्रीम कोर्ट में फिल्म रिलीज पर रोक लगाने की याचिका दायर की थी।

याचिका में मोहम्मद जावेद ने मामले की सुनवाई पूरी होने तक फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की और तर्क दिया कि इसकी रिलीज से फेयर ट्रायल के उनके अधिकार का उल्लंघन होगा। सुप्रीम कोर्ट ने ये याचिका खारिज कर दी थी।

हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद जावेद के अलावा जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष और दारुल उलूम देवबंद के प्रिंसिपल मौलाना अरशद मदनी ने दिल्ली हाईकोर्ट में फिल्म रिलीज पर रोक की मांग की याचिका दायर कर कहा था कि फिल्म में ऐसे डायलॉग्स और सीन हैं, जिससे सांप्रदायिक हिंसा भड़क सकती है।

11 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल की बैंच ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी सहित 3 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक लगा दी। इस मामले पर अब मेकर्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

क्यों विवादों में है फिल्म?

फिल्म उदयपुर फाइल्स, उदयपुर के टेलर कन्हैयालाल पर बनाई गई है, जिनकी 28 जून 2022 को मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने निर्मम तरीके से गला काटकर हत्या कर दी थी। कन्हैयालाल ने एक इस्लाम विरोधी पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर की थी, जिसके बाद उनकी हत्या हुई। इस मामले में एनआईए ने पाकिस्तान के कराची निवासी सलमान और अबू इब्राहिम को फरार बताते हुए मुख्य आरोपी गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज अत्तारी सहित 11 आरोपियों मोहसिन, आसिफ, मोहम्मद मोहसिन, वसीम अली, फरहाद मोहम्मद शेख उर्फ बबला, मोहम्मद जावेद, मुस्लिम मोहम्मद के खिलाफ चालान पेश किया था।

पाकिस्तान से जुड़ा था हत्या का कनेक्शन

28 जून को घटना के बाद राजस्थान पुलिस ने मुख्य आरोपी रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को राजसमंद जिले से गिरफ्तार किया था। 29 जून 2022 को एनआईए ने जांच अपने हाथ में ली और इसे आतंकी घटना मानकर गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। एनआईए ने कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया।

इनमें मोहम्मद जावेद, फरहाद मोहम्मद उर्फ बबला, मोहसिन, आसिफ, मोहम्मद मोहसिन, वसील अली और मुस्लिम मोहम्मद शामिल हैं। दो अन्य आरोपी सलमान और अबू इब्राहिम पाकिस्तान के कराची के बताए गए। जो फरार हैं। 22 दिसंबर 2022 को एनआईए ने 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। जिसमें हत्या, आपराधिक साजिश, धार्मिक भावनाएं भड़काने और यूएपीए के तहत आरोप शामिल है।

वाराणसी में भी फिल्म की रिलीज रोकने की मांग

इस मामले वाराणसी में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के सचिव, शहर मुफ्ती मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने डीएम और पुलिस कमिश्नर को एक लेटर लिख कर इस फिल्म की वाराणसी में रिलीज पर रोक की मांग की है।

बता दें कि इस फिल्म के ट्रेलर में नूपुर शर्मा का विवादित बयान भी शामिल है। नूपुर के इस बयान के चलते ही बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया है। इसके अलावा ज्ञानवापी के सर्वे के कोर्ट के आदेश और अंदर मिले तथाकथित शिवलिंग के सीन को भी फिल्माया गया है।



Source link

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top