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नई दिल्ली11 मिनट पहले
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सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी से जुड़े कथित कैश फॉर जॉब के मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने मामले में 2000 से ज्यादा आरोपी बनाने पर राज्य सरकार को फटकार लगाई है।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉय माल्या बागची की बेंच ने कहा- ‘इस केस की सुनवाई की तो यह देश का सबसे भीड़-भाड़ वाला ट्रायल होगा। कोर्ट रूम की जगह छोटी पड़ जाएगी, ट्रायल के लिए क्रिकेट स्टेडियम की जरूरत पड़ेगी।’
कोर्ट ने कहा कि यदि न्यायपालिका मामले में हस्तक्षेप नहीं करती तो राज्य सरकार अब तक केस को बंद कर देती। कोर्ट ने घोटाले में 2000 से ज्यादा आरोपी बनाने पर आपत्ति जताई है और सभी आरोपियों व 500 गवाहों की जानकारी मांगी है।

सिंघवी ने स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर की मांग की स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्ति करने की मांग पर कोर्ट ने स्टेट की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी को जवाब दिया। कोर्ट ने कहा कि जब कोई ताकतवर मंत्री और प्रभावशाली व्यक्ति आरोपी होता है, तो एक पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नहीं रखा जा सकता है। इससे न्यायिक प्रक्रिया पर लोगों का विश्वास डगमगा सकता है।
कोर्ट बोला इतने आरोपी केस में देरी करने के लिए बनाए पीड़ितों की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन ने आरोपियों के मामलों को एक साथ क्लब करने के फैसले का विरोध किया। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भी इस मामले में तमिलनाडु सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि 2000 से ज्यादा आरोपी बनाकर जबरन केस में देरी की जा रही है।
27 अप्रैल को दिया था मंत्री पद से इस्तीफा 23 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस ओका और ओगस्तीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने DMK नेता और राज्य सरकार के मंत्री वी सेंथिल बालाजी से मंत्री पद या आजादी में से किसी एक चीज को चुन लेने के लिए कहा था। इसके बाद 27 अप्रैल को बालाजी ने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था।
26 सितंबर को जमानत 28 को फिर मंत्री बने 26 सितंबर 2024 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जांच किए जा रहे मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत मिल गई थी और इसके कुछ ही दिन बाद उन्हें दोबारा वही पुराने मंत्रालय सौंपकर कैबिनेट में शामिल कर लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर भी नाराजगी जताई थी।
जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने कहा था- हम जमानत देते हैं और अगले दिन आप (सेंथिल बालाजी ) जाकर मंत्री बन जाते हैं। ऐसे में सोचा जा सकता है कि सीनियर कैबिनेट मिनिस्टर के तौर पर आपके पद के कारण गवाह दबाव में होंगे। यह क्या हो रहा है?

तस्वीर 28 सितंबर की है। सेंथिल बालाजी को स्टालिन सरकार में फिर से मंत्री बनाया गया था। सेंथिल बालाजी पीछे वाली लाइन में। ( ऊपर दाएं से तीसरे)
कोर्ट ने कहा था- जल्द खत्म नहीं होगा केस कोर्ट ने कहा था कि बालाजी के खिलाफ जारी केस निकट भविष्य में खत्म होने की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि वे पहले ही 15 महीने से अधिक समय जेल में बिता चुके हैं। अब सुप्रीम कोर्ट इस केस की निष्पक्ष और तेज सुनवाई के लिए विशेष कदम उठाने के संकेत दे चुका है।

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ED की जांच का सामना कर रहे सेंथिल बालाजी से सुप्रीम कोर्ट ने पद और स्वतंत्रता के बीच चुनाव करने को कहा था। साथ ही चेतावनी दी थी कि अगर वह मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी। पूरी खबर पढ़ें…